कोहरे का कहर: केवल 2 दिनों में 600 से अधिक उड़ानें रद्द, 85,000 यात्री कम हुए
क्या है खबर?
पिछले कुछ दिनों से घने कोहरे के कारण हवाई यातायात बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। इससे यात्रियों को काफी असुविधाओं का सामना करना पड़ा रहा है।
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले 2 दिनों के अंदर 600 से अधिक उड़ानें रद्द हुई हैं और 85,000 यात्री कम हुए।
यही नहीं विमानों के समय पर उड़ान भरने के मामलों में भी प्रदर्शन खराब रहा है ।
संख्या
क्या कहते हैं आंकड़े?
रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 1-13 जनवरी तक रोजाना औसतन 2,883 घरेलू उड़ानें रहीं, जिनके जरिए 4,28,370 यात्रियों ने यात्रा की।
14 जनवरी को उड़ानों की संख्या 2,552 रही और 3,81,259 यात्रियों ने यात्रा की। 15 जनवरी को 2,598 उड़ानों से 3,90,216 यात्रियों ने यात्रा की।
इस तरह 2 दिनों में 600 से अधिक उड़ानें रद्द हुईं और 85,000 यात्री कम हुए। इन यात्रियों को या तो पहले ही सूचित किया गया या इन्होंने खुद टिकट रद्द की।
समय
उड़ानों के समय पर उड़ने को लेकर क्या रहे आंकड़े?
अगर विमानों के समय पर उड़ान भरने की बात करें तो 6 मेट्रो शहरों के हवाई अड्डों से इंडिगो की लगभग 22 प्रतिशत उड़ानें समय पर उड़ीं। इंडिगो की दैनिक 1,760 घरेलू उड़ानों में से 387 ही समय पर रहीं।
इसी तरह AIX कनेक्ट (तत्कालीन एयर एशिया इंडिया) की 30 प्रतिशत और एयर इंडिया की 18.6 प्रतिशत उड़ानें समय पर उड़ीं।
इन 6 हवाई अड्डों से कुल 70 प्रतिशत उड़ानों का संचालन किया जाता है।
क्षमता
कई बार विमानों में क्षमता से अधिक भरे गए यात्री
रिपोर्ट के अनुसार, इस बीच विमानों में क्षमता से अधिक यात्रियों को लेकर भी उड़ाने भरी गईं। एयरलाइंस ने जहां भी संभव हो सका, फंसे हुए यात्रियों को अगली उपलब्ध उड़ानों में समायोजित करने की कोशिश की।
इस दौरान कई यात्री रनवे पर ही अपनी बारी का इंतजार करते हुए दिखे। इनमें से कुछ यात्री अगली उड़ानों में सवार होने में कामयाब रहे।
कई विमान तो चालक दल की प्रतीक्षा करते दिखाई दिए।
वित्तीय प्रभाव
एयरलाइंस पर कितना वित्तीय प्रभाव पड़ा?
पिछले 2 दिनों की देरी का एयरलाइंस पर कोई वित्तीय प्रभाव नहीं पड़ेगा क्योंकि ये अप्रत्याशित घटनाएं हैं।कोहरे के कारण होने वाली देरी अप्रत्याशित मानी जाती है।
यह देरी या जो भी समस्याएं हो रही हैं, वह एयरलाइन के नियंत्रण से परे हैं और उसकी भरपाई नहीं की जाएगी।
हालांकि, अगर चालक दल की कमी की वजह से उड़ान में देरी होती है तो एयरलाइंस को दिक्कतें हो सकती हैं।
जानकारी
पिछले साल एयरलाइन कंपनियों को करना पड़ा था भुगतान
पिछले साल दिसंबर में 1,935 यात्रियों को बोर्डिंग से वंचित कर दिया गया था, वहीं 35,000 से अधिक यात्री उड़ानें रद्द होने और 3.64 लाख यात्री उड़ानों में देरी से प्रभावित हुए थे। इस कारण एयरलाइंस को लाखों रुपये का भुगतान करना पड़ा था।
योजना
समस्या से निपटने के लिए सरकार ने क्या कदम उठाए ?
मंगलवार को केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कोहरे के कारण उड़ानों में हो रही देरी से निपटने के लिए एयरलाइंस के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) जारी किये हैं।
इसके अलावा 6 सूत्रीय कार्ययोजना भी जारी की गई है। इसके तहत सरकार ने यात्रियों की असुविधा के संबंध में किसी भी मुद्दे के तत्काल समाधान के लिए हवाई अड्डों और एयरलाइंस को सभी 6 मेट्रो हवाई अड्डों पर 'वॉर रूम' स्थापित करने के निर्देश दिए हैं।