ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के अंदर 55 हिंदू देवताओं की मूर्तियां मिलीं- ASI सर्वे रिपोर्ट
क्या है खबर?
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की टीम को ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे में पत्थर की 55 मूर्तियां मिलीं हैं।
सर्वे रिपोर्ट के अनुसार, ज्ञानवापी मस्जिद की दीवार सहित कई स्थानों पर 15 शिवलिंग और अलग-अलग काल के 93 सिक्के भी मिले हैं। इन पत्थर की मूर्तियों के साथ ही अलग-अलग धातु, टेराकोटा सहित घरेलू इस्तेमाल की 259 सामग्रियां मिली हैं।
हाल में वाराणसी जिला कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर की सर्वे रिपोर्ट सार्वजनिक की है।
सर्वे
ASI को सर्वे में हिंदू मंदिर के मिले कई प्रमाण
सर्वे रिपोर्ट में कहा गया है कि यहां ज्ञानवापी मस्जिद से पहले एक बड़ा हिंदू मंदिर रहा होगा। इस संरचना को 17वीं शताब्दी में औरंगजेब के शासन काल में नष्ट कर दिया गया।
सर्वेक्षण के दौरान ASI टीम को प्रमाण के तौर पर यहां विष्णु, मकर, द्वारपाल, अपस्मार पुरुष और मन्नत तीर्थ सहित कई मूर्तियां भी मिलीं। इसके अलावा मुगल काल, अंग्रेजी हुकूमत सहित अन्य समय काल के कई सिक्के भी मिले हैं।
मूर्ति और सिक्के
टेराकोटा की 23 मूर्तियां और 93 सिक्के मिले- ASI
ASI को सर्वेक्षण के दौरान टेराकोटा की 23 मूर्तियां मिलीं हैं। इनमें 2 देवी-देवताओं, 18 मानव और 3 जानवरों की मूर्तियां शामिल हैं।
इसके अलावा सर्वे में कुल 113 धातु की वस्तुएं और 93 सिक्के मिले हैं। इनमें 40 ईस्ट इंडिया कंपनी, 21 विक्टोरिया महारानी और तीन शाह आलम बादशाह-द्वितीय के सिक्के शामिल हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि कृष्ण की एक मूर्ति बलुआ पत्थर से बनी है और मध्यकाल के अंत की है।
चार खंड
सर्वे में मिले कुछ धार्मिक चिन्हों की उम्र 2,000 साल- ASI
ASI के सर्वे में ज्ञानवापी की दीवार सहित कई स्थानों पर मिले धार्मिक चिह्नों की विधिवत जांच की गई। इस जांच में कुछ चिह्नों की उम्र 2,000 साल बताई गई है और रिपोर्ट में इसका पूरा विवरण है।
ज्ञानवापी सर्वे की रिपोर्ट 4 खंड में है। पहले खंड में स्ट्रक्चर और ब्रीफ फाइडिंग ऑफ सर्वे रिपोर्ट है। दूसरे खंड में साइंटिफिक सर्वे की रिपोर्ट है। तीसरे खंड में वटु का जिक्र है और चौथे खंड में तस्वीरें और डायग्राम हैं।
विवाद
ज्ञानवापी विवाद में अब तक क्या-क्या हुआ?
अगस्त, 2021 में 5 महिलाओं ने याचिका दायर कर मस्जिद के पास श्रृंगार गौरी मंदिर में दर्शन-पूजा की मांग की थी। इसके बाद कोर्ट के आदेश पर परिसर का वीडियो सर्वे हुआ था, जिसमें शिवलिंग मिलने का दावा किया गया था।
हालांकि, मुस्लिम पक्ष ने इसे फव्वारा बताया था। इसके बाद वुजूखाने को सील कर दिया गया था और कोर्ट के आदेश पर ज्ञानवापी परिसर का वैज्ञानिक सर्वे किया गया था। अभी इसी सर्वे की रिपोर्ट सार्वजनिक की गई है।
इतिहास
सदियों पुराना है विवाद
ज्ञानवापी मस्जिद से संबंधित विवाद सदियों पुराना है।
हिंदू पक्ष का दावा है कि ज्ञानवापी मस्जिद को मुगल बादशाह औरंगजेब के निर्देश पर बनाया गया था और इसके लिए काशी विश्वनाथ मंदिर के एक हिस्से को तोड़ा गया था। उसका दावा है कि मस्जिद मंदिर की जमीन पर बनी हुई है।
दूसरी तरफ मस्जिद समिति का कहना है कि मंदिर का मस्जिद से कोई संबंध नहीं है और यह अलग जमीन पर बनी है।