कोरोना: दिल्ली की जेलों से आपातकालीन पैरोल पर छोड़े गए 51 प्रतिशत कैदी फरार, तलाश जारी
कोरोना वायरस महामारी ने विभिन्न अपराधों में लिप्त कैदियों को पकड़ने में दिल्ली पुलिस द्वारा की गई कड़ी मेहनत पर भी पानी फेर दिया है। पिछले साल महामारी की शुरुआत के बाद दिल्ली सरकार ने कैदियों में संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए जेलों से कैदी और बंदियों को आपाकालीन पैरोल पर रिहा किया था, लेकिन पैरोल अवधि खत्म होने के बाद अब इनमें से 51.45 प्रतिशत कैदी वापस नहीं लौटे हैं। इससे जेल अधिकारियों की चिंता बढ़ गई।
कोरोना महामारी की शुरुआत में 6,740 कैदी और बंदियों को दी गई थी पैरोल
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार कोरोना वायरस महामारी की शुरुआत में सोशल डिस्टेंसिंग की पालना के लिए सरकार के निर्देश पर दिल्ली स्थित तिहाड़, मंडोली और रोहिणी जेलों से कुल 6,740 सजायाफ्ता कैदी और अंडर ट्रायल बंदियों को आपातकालीन पैरोल दी गई थी। इनमें 1,184 सजायाफ्ता कैदी और 5,556 अंडर ट्रायल (मामले कोर्ट में लंबित) बंदी शामिल थे। इन्हें 6 मार्च, 2021 को वापस लौटना था, लेकिन इनमें से 3,468 कैदी और बंदी वापस नहीं लौटे हैं।
112 सजायाफ्ता और 3,356 अंडर ट्रायल बंदी फरार
जेल अधिकारियों की माने तो तीनों जेलों से पैरोल पर रिहा किए गए 1,184 सजायाफ्ता कैदियों में 112 अभी भी फरार हैं। इसी तरह 5,556 अंडर ट्रायल बंदियों में से 3,356 अभी तक नहीं लौटे हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि वापस नहीं लौटने पर जब जेल अधिकारियों ने उनके परिवार के सदस्यों से संपर्क किया, तो उन्हें बताया गया कि सभी कैदी और बंदी अपने-अपने घरों पर मौजूद ही नहीं हैं। यह बड़ी चिंता का विषय है।
विभिन्न बीमारियों से ग्रसित हैं अधिकांश फरार कैदी और बंदी
जेल अधिकारियों के अनुसार पैरोल से फरार हुए कैदी और बंदियों में से ज्यादातर एड्स, कैंसर, किडनी से संबंधित बीमारी, डायलिसिस, हेपेटाइटिस B या C, अस्थमा और टीबी जैसी बीमारियों से जूझ रहे हैं। ऐसे में अस्पतालों में भी उनकी तलाश जारी है।
सुप्रीम कोर्ट पर सुझाव पर दी गई थी पैरोल
बता दें कि पिछले साल मार्च में सुप्रीम कोर्ट ने महामारी के प्रसार को रोकने के लिए सभी राज्यों को विचाराधीन कैदियों और बंदियों को अस्थाई पैरोल देने का सुझाव दिया था। इसके बाद राज्यों ने पैरोल के लिए मानदंड बनाने के लिए समितियों का गठन किया था। इसके बाद राज्यों ने कैदियों को 30-60 दिनों की पैरोल दी थी। दिल्ली के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश जस्टिस हिमा कोहली के नेतृत्व में समिति का गठन किया गया था।
पुुुुुुुुुलिस को उपलब्ध कराई फरार कैदी और बंदियों की सूची- गोयल
इस संबंध में पुलिस महानिदेशक (DG) संदीप गोयल ने कहा, "हमने फरार हुए अंडरट्रायल कैदियों (UTP) और बंदियों की एक सूची दिल्ली पुलिस को भेजी है। इसमें उनकी गिरफ्तारी के लिए कहा गया है।" उन्होंने कहा, "कुछ UTP अभी भी आत्मसमर्पण कर रहे हैं और कुछ के अदालतों से नियमित रूप से जमानत प्राप्त करने की संभावना है। ऐसे में इसका भी पता लगाया जा रहा है। फरार कैदी और बंदियों को जल्द ही पकड़ लिया जाएगा।"
तिहाड़ जेल में 78 पर पहुंची कोरोना संक्रमितों की संख्या
बता दें इस समय तिहाड़ जेल में कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। 10,026 कैदियों की क्षमता वाली इस जेल में वर्तमान में 20,000 से अधिक कैदी और बंदी हैं। ऐसे में यहां सोशल डिस्टेंसिंग का सही तरह से पालन नहीं हो पा रहा है। यहां अब तक 67 कैदी और बंदी तथा 11 जेल अधिकारी कोरोना संक्रमित हो चुके हैं। जेल अधिकारियों में दो डॉक्टर, जेल अधीक्षक भी शामिल है। इससे हालात बिगड़ते जा रहे हैं।