प्रवासी मजूदरों के साथ एक और हादसा, मध्य प्रदेश में ट्रक पलटने से पांच की मौत
मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर में ट्रक पलटने से इसमें जा रहे पांच प्रवासी मजदूरों की मौत हो गई और 11 घायल हो गए। भोपाल से 200 किमी दूर हुए इस हादसे में घायल हुए दो लोगों की हालत गंभीर बनी हुई है, जिन्हें जबलपुर रेफर कर दिया गया है। लॉकडाउन के कारण हैदराबाद में फंसे ये मजदूर आम लेकर आगरा जा रहे ट्रक में छिपकर झांसी और एटा जा रहे थे। ट्रक में दो ड्राइवर समेत 18 लोग सवार थे।
ट्रक में छिपकर अपने घर लौट रहे थे मजदूर- कलेक्टर
हादसे की जानकारी मिलने के नरसिंहपुर के कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक मौके पर पहुंचे। कलेक्टर दीपक सक्सेना ने बताया कि ये मजदूर उत्तर प्रदेश जा रहे ट्रक में छिपकर घर जा रहे थे। गौरतलब है कि लॉकडाउन के कारण लाखों की संख्या में प्रवासी मजदूर अपने घरों से दूर दूसरे राज्यों में फंसे हुए हैं। इनमें से बड़ी संख्या में मजदूर पिछले कुछ दिनों से पैदल ही अपने घरों की ओर निकल पड़े हैं।
एक घायल मजदूर को सर्दी-खांसी, सभी का होगा कोरोना वायरस टेस्ट
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, घायल हुए मजदूरों में से एक को तीन दिन से सर्दी, खांसी और बुखार है। इसे देखते हुए डॉक्टरों ने पांच मृतकों समेत सभी 18 मजदूरों के सैंपल लिए हैं। इन सबका कोरोना वायरस टेस्ट होगा।
औरंगाबाद में मजूदरों के ऊपर से गुजरी थी मालगाड़ी
मध्य प्रदेश में हुए सड़क हादसे से दो दिन पहले ही महाराष्ट्र के औरंगाबाद में हुए एक रेल हादसे में 16 प्रवासी मजूदरों की मौत हुई थी। लॉकडाउन के कारण फैक्ट्री होने के बाद ये मजदूर पैदल ही अपने घर लौट रहे थे। पटरी के साथ-साथ चलते ये सभी मजदूर थकान के कारण पटरी पर सो गए। सुबह लगभग 5 बजे इनकी नींद खुलने से पहले ही मालगाड़ी इन्हें रौंदते हुए आगे निकल गई।
ई-पास न मिलने कारण पैदल चल रहे थे मजदूर
मालगाड़ी के नीचे आने के कारण मारे गए प्रवासी मजदूरों ने एक हफ्ते पहले ई-ट्रांसमिट पास के लिए आवेदन किया था, लेकिन प्रशासन की तरफ से कोई जबाव न मिलने के बाद उन्होंने पैदल ही अपने घर जाने का फैसला किया था।
साइकिल पर निकले दंपत्ति की हुई थी मौत
लॉकडाउन के कारण अपने घरों को लौट रहे मजदूरों के साथ कई हादसे हो चुके हैं। बुधवार को लखनऊ से साइकिल पर सैकड़ों किलोमीटर दूर छत्तीसगढ़ जाने के लिए बच्चों सहित रवाना हुए एक दंपत्ति की सड़क हादसे में मौत हो गई। कृष्णा नामक मजदूर अपनी पत्नी और दो बच्चों को साइकिल पर बैठाकर रवाना हुआ था। रास्ते में तेज रफ्तार वाहन ने उनकी साइकिल को टक्कर मार दी, जिससे दंपत्ति की मौत हो गई और बच्चे घायल हो गए।
3 मई तक हो चुकी थी 43 मजदूरों की मौत
25 मार्च को लागू हुए लॉकडाउन के बाद बड़ी संख्या में मजदूरों ने पैदल पलायन किया था। 3 मई तक इनमें से 43 मजदूर सड़क हादसों में अपनी जान गंवा चुके थे। दुघर्टनाओं में लोगों की जान बचाने के लिए काम करने वाले सेव लाइफ फाउंडेशन की द्वारा की रिपोर्ट के मुताबिक, 25 मार्च से 3 मई तक देश में 600 दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें अपने घरों को लौट रहे 43 प्रवासी मजूदर मौत के मुंह में समा गए।
आठ मजदूरों की तेज रफ्तार ट्रक और कार की चपेट में आने से हुई मौत
रिपोर्ट के अनुसार लॉकडाउन में हुई दुर्घटना में 8 प्रवासी मजदूरों की पैदल चलते समय तेज रफ्तार ट्रक और कार की चपेट में आने से मौत हुई है। इसी तरह मरने वाले अन्य 35 श्रमिक दुघर्टनाग्रस्त हुए वाहनों में सवार होकर घर जा रहे थे।