छत्तीसगढ़ नक्सली हमला: लगभग 400 नक्सलियों ने तीन तरफ से घेरकर किया था जवानों पर हमला
क्या है खबर?
छत्तीसगढ़ के बीजापुर में जवानों पर हुए नक्सली हमले की जानकारियां धीरे-धीरे सामने आ रही हैं। NDTV की रिपोर्ट के अनुसार, जवानों पर लगभग 400 नक्सलियों ने तीन तरफ से घेरकर मशीनगनों और IED की मदद से हमला किया था।
नक्सलियों के इस हमले से जवान चौंक गए और पेड़ों की आड़ में छिपकर उनके हमले का जवाब दिया। कुछ जवान बचकर निकलने में कामयाब रहे, वहीं बाकी जवान अंतिम गोली तक नक्सलियों से लड़ते रहे।
ऑपरेशन
नक्सल कमांडर के छिपे होने की सूचना के बाद लॉन्च किया गया था ऑपरेशन
अधिकारियों के अनुसार, सुरक्षा बलों को खूंखार नक्सल कमांडर माडवी हिडमा के बीजापुर-सुकमा जिलों के बॉर्डर पर स्थित तारेम के जंगलों में छिपे होने की खुफिया सूचना मिली थी जिसके बाद एक बड़ा ऑपरेशन लॉन्च किया गया।
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, ऑपरेशन के लिए सुकमा से दो और बीजापुर से आठ टीमें रवाना की गईं। इनमें केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) और इसकी कोबरा यूनिट, स्पेशल टास्क फोर्स (STF) और जिला रिजर्व गार्ड (DRG) के लगभग 2,000 जवान शामिल थे।
हमला
तारेम कैंप से गए जवानों पर किया गया घात लगाकर हमला
ऑपरेशन के लिए बीजापुर से जो आठ टीमें भेजी गई थीं, उनमें से छह टीमें अकेले तारेम कैंप से थीं। ये टीमें सबसे अंदर गई थीं और इन्हीं पर हमला किया गया।
हमले में घायल हुए जवानों के अनुसार, जब वे सूचना के अनुसार तय जगह पर पहुंचे तो उन्हें वहां कोई नहीं मिला और उनके लौटते समय नक्सलियों ने घेरकर उन पर हमला कर दिया।
नक्सलियों ने शनिवार सुबह 10 बजे हमला किया और कई घंटे तक गोलीबारी चली।
मुठभेड़
गोलियां खत्म होने तक लड़ते रहे जवान
हमले के बाद सुरक्षा बलों ने पेड़ों के पीछे छिपकर नक्सलियों का मुकाबला किया और गोलियां खत्म होने तक उनसे लड़ते रहे।
कुछ जवानों ने आसपास के खाली घरों में शरण लेने की कोशिश भी की, लेकिन नक्सलियों ने यहां भी उन पर गोलियों और बमों से हमला किया। इसके बाद वे पहाड़ी से उतरकर खुले मैदान की तरफ गए जहां सात जवान शहीद हुए।
शनिवार को पांच और रविवार को 17 जवानों के शव बरामद किए गए।
जवान
शहीद जवानों में CRPF और DRG के आठ-आठ जवान
शहीद हुए जवानों में CRPF के सबसे अधिक आठ जवान शामिल हैं। इनमें सात कोबरा कमांडो और एक बस्तरिया बटालियन का जवान है। वहीं DRG के आठ और STF के पांच जवान शहीद हुए हैं।
मुठभेड़ में 31 जवान घायल भी हुए हैं, वहीं CRPF का एक इस्पेक्टर लापता चल रहा है।
अधिकारियों के अनुसार, मुठभेड़ में 25 से 30 नक्सलियों के मारे जाने का अनुमान भी लगाया जा रहा है।
बयान
ऑपरेशनल और इंटेलीजेंस फेल्योर नहीं- CRPF प्रमुख
झूठी सूचना के जरिए जवानों के नक्सलियों के जाल में फंसने के बावजूद CRPF प्रमुख कुलदीप सिंह ने इसे इंटेलीजेंस या ऑपरेशन अफलता मानने से इनकार किया है।
उन्होंने कहा, "यह कहना ठीक नहीं होगा कि किसी तरह कि इंटेलीजेंस या ऑपरेशन फेल्योर थी। अगर इंटेलीजेंस फेल्योर होती तो सुरक्षाबल अभियान के लिए जाते ही नहीं और अगर ऑपरेशन फेल्योर होता तो इतने नक्सली नहीं मारे जाते। नक्सली तीन ट्रॉलियों में घायलों को और मृतकों को लादकर लेकर गए थे।"