असम में भड़की हिंसा में 2 की मौत और 45 अन्य घायल, जानिए विवाद का कारण
क्या है खबर?
असम के कार्बी आंगलोंग जिले में मंगलवार को फिर से हिंसा भड़क उठी। इसमें अब तक 2 लोगों की मौत हो गई और 38 पुलिसर्मियों समेत 45 लोग घायल हो चुके हैं। यह हिंसा दो समूहों के बीच टकराव के बाद शुरू हुई। असम पुलिस को लाठीचार्ज करने के साथ और आंसू गैस के गोले भी दागने पड़े। इसके बाद कार्बी आंगलोंग और पश्चिम कार्बी आंगलोंग में मोबाइल इंटरनेट सेवा बंद करने के साथ कर्फ्यू भी लगाना पड़ा है।
कारण
हिंसा भड़कने के पीछे क्या रहा कारण?
पश्चिमी कार्बी आंगलोंग एक जनजातीय बहुल पहाड़ी जिला है, जो कार्बी आंगलोंग स्वायत्त परिषद (KAAC) के अधिकार क्षेत्र में आता है। इस क्षेत्र का उग्रवाद से पुराना संबंध है। इस हिंसा का कारण पश्चिम कार्बी आंगलोंग के फेलंगपी में 2 सप्ताह से अधिक समय से चल रही भूख हड़ताल है। 9 लोग KAAC क्षेत्र के अंतर्गत आरक्षित चारागाह और ग्राम चराई आरक्षित क्षेत्र से अतिक्रमणकारियों को बेदखल करने की मांग को लेकर आमरण अनशन पर बैठे थे।
अफवाह
अनशनकारियों की गिरफ्तारी की अफवाह से भड़की हिंसा
ये दोनों चारागाह भूमि ब्रिटिश शासनकाल से मौजूद हैं। इनका उद्देश्य पशुओं के लिए चारे का स्थिर स्रोत प्रदान करना और उन समुदायों की आजीविका में सहायता करना है जो इन पर निर्भर हैं। कार्बी आदिवासी संगठनों ने लंबे समय से इन जमीनों पर बसे लोगों को बेदखल करने की मांग की है। सोमवार को प्रशासन भूख हड़ताल पर बैठे लोगों को स्वास्थ्य जांच लेकर गया था, लेकिन समर्थकों को उनकी गिरफ्तारी का शक हो गया। इससे हिंसा भड़क गई।
शुरुआत
कैसे हुई हिंसा की शुरुआत?
सोमवार को खेरीनी बाजार में भीड़ ने 15 दुकानों और KAAC प्रमुख तुलेरम रोंघांग के घर में आग लगा दी थी। भीड़ ने पुलिस थाने पर भी धावा बोला। मंगलवार को दोनों गुट एक हिंसा के खिलाफ और दूसरा अतिक्रमण हटाने की मांग को लेकर सड़कों पर उतर आए। इसके बाद दोनों तरफ से पथराव शुरू हो गया, जिसमें कई मीडियाकर्मी भी घायल हो गए। पुलिस ने भीड़ को खदेड़ने के लिए लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले दागे।
मौत
हिंसा में हुई इनकी मौत, DGP समेत 38 पुलिसकर्मी घायल
अधिकारियों के मुताबिक, हिंसा में दिव्यांग सुरेश दे (25) और अथिक तिमुंग (28) की मौत हो गई। दोनों के शव आग से जली दो दुकानों में मिले हैं। असम के पुलिस महानिदेशक (DGP) हरमीत सिंह ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर बम फेंके, तीर चलाए और दुकानों को आग लगाई। पथराव में उनकी कंधे पर भी चोट आई है। इसी तरह 37 अन्य पुलिसकर्मी भी घायल हो गए। इसके अलावा 7 अन्य नागरिक भी घायल हुए हैं।
कार्रवाई
प्रशासन ने क्या की कार्रवाई?
DGP सिंह ने बताया कि क्षेत्र में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए कार्बी आंगलोंग और वेस्ट कार्बी आंगलोंग में मोबाइल इंटरनेट अस्थायी रूप से बंद है। जिले में लगाई धारा 144 और नाइट कर्फ्यू (शाम 5 बजे से सुबह 6 बजे तक) लागू किया गया है। इसके अलावा सेना ने भी मोर्चा संभाल लिया और इलाकों में नियमित रूप से फ्लैग मार्च किया जा रहा है। किसी को कर्फ्यू समय में घर से बाहर निकलने की अनुमति नहीं है।
बयान
हिंसा पर मुख्यमंत्री सरमा ने जारी किया बयान
असम के दो जिलों में भड़की इस हिंसा पर राज्य के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने भी चिंता जताई है। उन्होंने एक्स पर लिखा, 'कार्बी आंगलोंग में आज की अशांति में 2 लोगों की मौत बेहद दुखद है। मैं हालात पर लगातार नजर बनाए हुए हूं। बुधवार को खेरीनी इलाके में अतिरिक्त फोर्स भेजी जाएगी। सरकार सभी परिवारों को पूरा सहयोग देगी और समाधान संवाद के रास्ते निकलने की कोशिश की जा रही है।'
पृष्ठभूमि
कार्बी आंगलोंग विवाद की पृष्ठभूमि क्या है?
असम के एक प्रमुख जातीय समुदाय कार्बी द्वारा कई गुटों और उपशामकों में विभाजित विद्रोह का असम में लंबा इतिहास रहा है, जो 1980 के दशक के उत्तरार्ध से हत्याओं, जातीय हिंसा, अपहरण और कर वसूली से चिह्नित है। इन संगठनों की उत्पत्ति एक अलग राज्य के गठन की मूल मांग से हुई थी। बाद में उन्होंने KAAC के तहत अधिक स्वायत्तता पर समझौता कर लिया। चरागाहों पर बसे बाहरी लोगों के खिलाफ आक्रोश इसी पृष्ठभूमि से उपजा है।