निर्भया केस: दोषियों को फांसी देने के लिए 'जल्लाद' बनने को तैयार देश-विदेश के 15 लोग
क्या है खबर?
निर्भया के दोषियों को फांसी दिए जाने को लेकर जल्द ही अंतिम फैसला होने की उम्मीद है। तिहाड़ जेल प्रशासन इसके लिए तैयारियों में जुटा हुआ है।
इसी बीच जेल प्रशासन को देश और विदेशों से 15 अलग-अलग लोगों ने पत्र लिखकर निर्भया के दोषियों को फांसी लटकाने की अपनी इच्छा जाहिर की है।
बता दें कि तिहाड़ जेल में बंद निर्भया गैंगरेप और हत्याकांड के चार दोषियों में से एक की दया याचिका राष्ट्रपति के पास लंबित है।
पत्र
यहां-यहां से जेल प्रशासन को मिले पत्र
तिहाड़ जेल के एक अधिकारी ने गोपनीयता की शर्त पर बताया, "हमें दिल्ली, गुरुग्राम, मुंबई, छत्तीसगढ़, केरल और तमिलनाडु से पत्र मिले हैं। लंदन और अमेरिका से भी दो पत्र आए हैं। एक वकील, एक वरिष्ठ नागरिक और एक चार्टर्ड अकाउंटेट ने दोषियों को फांसी पर लटकाने की इच्छा जाहिर की है। हमें इनकी जरूरत नहीं है। अगर जरूरत पड़ती है तो जेल का ही कोई अधिकारी उन्हें फांसी दे देगा, जैसा अफजल गुरू के मामले में हुआ था।"
तैयारी
जेल प्रशासन ने तैयार किया फांसी का तख्त
तिहाड़ की 3 नंबर जेल में एक छोटा गलियारा बनाया गया है, जहां पर दोषियों को फांसी दी जाती है।
अगर राष्ट्रपति निर्भया केस में दोषी विनय शर्मा की दया याचिका खारिज कर देते हैं तो चारों को इसी जगह पर फांसी पर लटकाया जाएगा।
इसके लिए जेल प्रशासन ने फांसी का तख्त तैयार कर लिया है। हाल ही में यहां पर एक 100 किलोग्राम की डमी को फांसी के तख्त पर लटकाकर ट्रायल किया गया था।
जानकारी
कहां बंद है चारों दोषी?
निर्भया केस के चारों दोषी तिहाड़ जेल में बंद हैं। इनमें से विनय शर्मा चार नंबर, अक्षय और मुकेश दो नंबर में बंद है।चौथा दोषी पवन मंडोली जेल में बंद था, लेकिन हाल ही में उसे तिहाड़ जेल में शिफ्ट किया गया है।
नजर
चारों दोषियों पर रखी जा रही है नजर
हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, जेल के वार्डन और दूसरे अधिकारी लगातार इन चारों दोषियों पर नजर बनाए हुए हैं।
एक अधिकारी ने बताया कि चारों के व्यवहार पर नजर रखी जा रही है। उन्हें अकेले नहीं रखा गया है, लेकिन उनकी गतिविधियों को नोट किया जा रहा है। जिस दिन उन्हें फांसी दी जाएगी, डॉक्टर उनका चेकअप करेंगे।
बता दें, कि अक्षय ठाकुर ने सुप्रीम कोर्ट में फांसी के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर की है।
पुनर्विचार याचिका
अक्षय ने याचिका में चला यह पैंतरा
अक्षय ठाकुर ने मंगलवार को नया पैंतरा चलते हुए सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की थी।
अक्षय ने अपनी याचिका में कहा कि जब प्रदूषण और दूसरे कारणों से भारत में लोगों की जीवन प्रत्याशा घट रही है तो फांसी देने का कोई औचित्य नहीं है।
उसने अपनी याचिका में मनुष्य के कम होते जीवनकाल का जिक्र करते हुए कहा कि मौत की सजा को कानून की किताब में रखने की कोई वजह नहीं है।