महिला सुरक्षा के लिए दिल्ली सरकार का बड़ा कदम, कल से तैनात होंगे 13,000 बस मार्शल
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि सरकारी बसों में महिलाओं की सुरक्षा के लिए तैनात बस मार्शलों की संख्या बढ़ाकर 13,000 की जाएगी। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार दिल्ली को महिलाओं के लिए सुरक्षित बनाने के लिए प्रतिबद्ध है और नए बस मार्शलों की तैनाती मंगलवार से शुरू हो जाएगी। फिलहाल दिल्ली में लगभग 3,400 बस मार्शल हैं। विधानसभा चुनावों से पहले केजरीवाल अपने इस कदम को राजनीतिक फायदे के लिए भी इस्तेमाल करेंगे।
हर बस में तैनात होगा मार्शल- केजरीवाल
महिला सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है दिल्ली सरकार- केजरीवाल
केजरीवाल ने सोमवार को नए भर्ती किए गए मार्शलों को संबोधित करते हुए कहा कि महिलाओं को बस में सुरक्षित महसूस होना चाहिए। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार महिला सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। केजरीवाल ने कहा कि महिला सुरक्षा के लिए जितने कदम उनकी सरकार उठा रही है, उन्हें नहीं लगता कि दुनिया के किसी दूसरे देश में ऐसा हो रहा होगा। गौरतलब है कि मंगलवार से दिल्ली की सरकारी बसों में महिलाओं फ्री में सफर कर सकेंगी।
रक्षाबंधन पर की गई थी फ्री बस यात्रा की घोषणा
केजरीवाल ने रक्षाबंधन के मौके पर ऐलान किया था कि भैय्यादूज से दिल्ली की सरकारी बसों में महिलाएं फ्री में यात्रा कर सकेंगी। दिल्ली सरकार मेट्रो में भी महिलाओं के फ्री सफर की योजना पर काम कर रही है।
सड़कों पर दिखेंगी 104 नई बसें
दिल्ली में 104 नई बसें सड़कों पर उतरी हैं। पिछले सप्ताह द्वारका में 104 बसों को हरी झंडी दिखाते हुए केजरीवाल ने कहा था कि यह दिल्ली में सुरक्षित और आरामदायक सफर के लिए बड़ा कदम है। इन बसों में CCTV कैमरा, महिला सुरक्षा के लिए पैनिक बटन और दिव्यांग लोगों के लिए खिड़कियों पर हाइड्रोलिक लिफ्ट जैसे आधुनिक सुविधाएं हैं। ये बसे कलस्टर स्कीम के तहत बेड़े में जोड़ी गई है।
फरवरी में होंगे दिल्ली विधानसभा के चुनाव
अगले साल फरवरी में दिल्ली विधानसभा के चुनाव प्रस्तावित हैं। उससे पहले सरकार अपने वादों को पूरा करने की कोशिश में हैं, वहीं विपक्ष इन कदमों का राजनीतिक फायदे के लिए उठाए गए कदम बता रहा है। बता दें कि आम आदमी पार्टी सरकार को दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी से कड़ा मुकाबला मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। कई सालों तक दिल्ली के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर काबिज रही कांग्रेस फिलहाल राजनीतिक परिदृश्य से गायब दिख रही है।