महाराष्ट्र में बारिश: मरने वालों का आंकड़ा 112 पहुंचा, 100 के करीब लापता
महाराष्ट्र में भारी बारिश के कारण हुई तबाही में मरने वालों की संख्या 112 पहुंच गई है और करीब 100 लोग लापता बताए जा रहे हैं। आशंका है कि मरने वालों की संख्या में और इजाफा हो सकता है। फिलहाल बारिश थमने के कारण जलस्तर कम हो रहा है और राहत अभियानों ने रफ्तार पकड़ी है। बता दें कि मूसलाधार बारिश के कारण रायगढ़, रत्नागिरी, सिंधुदूर्ग, सतारा, सांगली, कोल्हापुर और पुणे इत्यादि जिलों में बाढ़ जैसे हालात बन गए थे।
मुख्यमंत्री ठाकरे ने किया तालिये गांव का दौरा
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शनिवार को रायगढ़ जिले के तालिये गांव का दौरा कर राहत और बचाव अभियानों का जायजा लिया। यहां भूस्खलन के कारण कई घर दब गए थे। अब तक मलबे से 42 शव बरामद हो चुके हैं और 39 लोगों की तलाश जारी है। मीडिया से बात करते हुए ठाकरे ने कहा कि यह बड़ी घटना है। सरकार पीड़ितों के पुनर्वास के कदम उठाएगी और हर प्रभावित व्यक्ति की मदद की जाएगी।
कई जगहों पर लगाए गए राहत कैंप
राज्य सरकार की तरफ से जारी बयान में बताया 112 लोगों की मौत हुई है, 99 लापता हैं और 53 लोग घायल हुए हैं। राहत टीमों ने 1.5 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। कई जगहों पर राहत कैंप लगाए गए हैं। ठाकरे सरकार ने राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष से रत्नागिरी और रायगढ़ जिले के दो-दो करोड़ रुपये जारी किए हैं। इसके अलावा बाकी प्रभावित जिलों के लिए फौरी तौर पर 50-50 लाख आवंटित किए गए हैं।
राहत और बचाव कार्यों में जुटी हैं ये टीमें
बयान में कहा गया है कि NDRF की 21 टीमों को ठाणे, पालघर, कोल्हापुर, रत्नागिरी और सांगली जिलों में तैनात किया गया है। कुछ और टीमों को भी बुलाया गया है। थलसेना, वायुसेना और तटरक्षक बलों की टीमें भी राहत कार्यों में जुटी हुई हैं।
कई इलाके पूरी तरह जलमग्न
राज्य सरकार ने जानकारी दी कि कोयना और कोल्टेवाड़ी बांध से पानी छोड़े जाने के कारण रत्नागिरी जिले के चिपलुन और खेड कस्बे पूरी तरह जलमग्न हो गए हैं। इनका संपर्क बाकी जगहों से कट गया है और बिजली भी नहीं आ रही। इनमें से कई जगहों पर 15-20 फीट तक पानी भर गया और लोगों को अपने घरों की छत पर खड़े होकर जान बचानी पड़ी। अब धीरे-धीरे इन इलाकों मे जलस्तर कम होने लगा है।
कई इलाकों का सड़क से संपर्क टूटा
मुंबई के पड़ोसी जिले रायगढ़ में भारी बारिश से जलस्तर बढ़ने के कारण सावित्री नदी के किनारे टूट गए और महाड और पोलादपुर में बाढ़ आ गई। मलाड का बाकी जगहों से संपर्क टूट गया है। कई लोग अब भी मकानों की छतों पर फंसे हुए हैं। यहां तालिये गांव के साथ-साथ पोलादपुर तालुका के केवनाले और सखारसुतरवाड़ी गांव में भूस्खलन होने से भारी नुकसान हुआ है। इन दोनों जगहों पर 11 लोगों की मौत हुई है।