कौन थीं शारदा सिन्हा, जिनकी आवाज का जादू बिहार से लेकर बॉलीवुड तक चला?
बिहार की 'लता मंगेशकर' और 'स्वर कोकिला' के नाम से घर-घर में मशहूर हुईं शारदा सिन्हा का बीती रात निधन हो गया है। उन्होंने 72 साल की उम्र में इस दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया है। शारदा पिछले लंबे वक्त से कैंसर से पीड़ित थीं और बीते दिन उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोक गायिका के निधन को संगीत क्षेत्र की अपूर्णनीय क्षति बताया है। आइए शारदा के बारे में बताते हैं।
'पद्म भूषण' से सम्मानित थीं शारदा
शारदा बिहार की एक प्रसिद्ध लोक गायिका थीं। उन्हें मैथिली और भोजपुरी संगीत में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए जाना जाता है। छठ पूजा के दिन शारदा के गीत सभी जगह गूंजते हैं। शारदा को संगीत में उनके योगदान के लिए भारत सरकार द्वारा 'पद्म श्री' और 'पद्म भूषण' जैसे प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था। बता दें कि उन्होंने मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीन रामगुलाम के बिहार दौरे के दौरान भी अपनी कला का प्रदर्शन किया था।
सलमान खान की फिल्म के लिए गाया ये गाना
शारदा ने सलमान खान की पहली फिल्म 'मैंने प्यार किया' (1989) के लिए अपना पहला बॉलीवुड गाना 'काहे तो से सजना' गाया था। यह गाना आज भी खूब सुना जाता है। इसके अलावा उन्होंने वेब सीरीज 'गैंग्स ऑफ वासेपुर 2' के लिए 'तार बिजली' और फिल्म 'चारफुटिया छोकरे' के लिए 'कौन सी नगरिया' जैसे गानों को भी अपनी आवाज दी है। 'केलवा के पात पर उगेलन सुरुज देव' और 'पियरिया में धुमाई दे' शारदा के लोकप्रिय गीतों में शामिल हैं।