'हीरामंडी' की पाकिस्तानी डॉक्टर ने की बुराई, विवेक अग्निहोत्री ने दिया साथ और उठाए ये सवाल
क्या है खबर?
संजय लीला भंसाली सीरीज 'हीरामंडी' के लिए लगातार चर्चा में बने हुए हैं। उनकी सीरीज को जहां एक तरफ समीक्षकों और दर्शकों से प्यार मिल रहा है, वहीं दूसरी ओर कुछ लोग उनकी आलोचना भी कर रहे हैं।
एक पाकिस्तानी डॉक्टर ने भी भंसाली की आलोचना की, जिसका साथ विवेक अग्निहोत्री देते नजर आ रहे हैं।
विवेक ने डॉक्टर की तारीफ करके सोशल मीडिया पर नई बहस छेड़ दी है।
आइए पूरा मामला जानते हैं।
साथ
विवेक ने पाकिस्तानी डॉक्टर का दिया साथ
विवेक ने पाकिस्तानी डॉक्टर हम्द नवाज की प्रशंसा की है, जिसने भंसाली की 'हीरामंडी' की आलोचना की थी।
नवाज का ट्वीट साझा करते हुए विवेक ने लिखा, 'नवाज की शानदार आलोचना। मैंने शो नहीं देखा, लेकिन मैं कई बार लाहौर के हीरामंडी गया हूं। यह दुखद है कि बॉलीवुड में तवायफों और वेश्यालयों को रोमांटिक दिखाया जाता है, क्योंकि वेश्यालय कभी भी समृद्धि, ग्लैमर या सुंदरता के स्थान नहीं रहे हैं। लोगों को श्याम बेनेगल की 'मंडी' देखनी चाहिए।'
सवाल
विवेक ने उठाया भंसाली की रचनात्मकता पर सवाल
विवेक ने रचनात्मकता की स्वतंत्रता पर भी सवाल उठाए।
उन्होंने लिखा, 'एक सवाल, जो हमें पूछना चाहिए, वो यह है कि क्या रचनात्मकता हमें मानवीय पीड़ा का महिमामंडन करने की आजादी देती है? क्या ऐसी फिल्म बनाना ठीक है्जर हां झुग्गी-झोपड़ी के जीवन को बहुतायत के जीवन के रूप में दर्शाया गया है? क्या झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले लोगों को ऐसे कपड़े पहने हुए दिखाना ठीक है, जैसे वे हैं? क्या आप अंबानी की शादी में शामिल हो रहे हैं?'
ट्विटर पोस्ट
यहां देखें विवेक का पोस्ट:
A brilliant critique by @_SophieSchol. I haven’t seen the show, but I have visited Heeramandi in Lahore a few times. Bollywood has this tendency to romanticize courtesans and brothels. It’s a sad commentary because brothels have never been places of opulence, glamour or beauty.… https://t.co/D56qU0Zyg0
— Vivek Ranjan Agnihotri (@vivekagnihotri) May 4, 2024
बहस
विवेक के ट्वीट से छिड़ी बहस
सोशल मीडिया पर बहस शुरू हो गई है। इस बहस में लोग भंसाली की सोच पर प्रश्नचिन्ह लगाते हुए उनकी आलोचना कर रहे हैं।
एक व्यक्ति ने लिखा, 'कोई भी चीज अति में अरुचिकर हो जाती है। वह रचनात्मक स्वतंत्रता और वास्तविकता के बीच संतुलन बनाने में असमर्थ हैं।"
एक अन्य ने लिखा, 'बॉलीवुड वेश्याओं को रोमांटिक बनाने का शौकीन है, लेकिन मुझे लगता है कि यह भंसाली की समस्या है। उनकी फिल्में भव्यता दिखाने पर आधारित हैं।'
जानकारी
'भव्यता और सेट से परे 'हीरामंडी' में कुछ नहीं'- यूजर
एक व्यक्ति ने तो यहां तक कह दिया कि 'हीरामंडी' में उसे विशाल सेट, भव्य फोटोग्राफी और संगीत से परे कुछ भी नहीं लगा। उसने यह भी कहा कि तवायफों का सामूहिक रूप से देशभक्त क्रांतिकारियों में बदलना किसी मजाक से कम नहीं था।
ट्रोल
हम्द ने 'हीरामंडी' की सत्यता पर उठाए थे सवाल
हम्द ने 'हीरामंडी' की खूब आलोचना की थी।
उसने लिखा था, 'अभी हीरामंडी देखी। इसमें हीरामंडी के अलावा सबकुछ मिला। मेरा मतलब है कि या तो आप अपनी कहानी 1940 के लाहौर में सेट ना करें या यदि आप करते हैं - तो आप इसे आगरा के परिदृश्य, दिल्ली की उर्दू में सेट ना करें। लखनवी पोशाकें और 1840 का माहौल, मेरा लाहौरी स्वभाव वास्तव में इसे जाने नहीं दे सकता। यदि आप इसे लाहौर कहो तो लाहौर ही दिखाओ।'
जानकारी
नेटफ्लिक्स पर रिलीज हुई 'हीरामंडी'
'हीरामंडी' भंसाली की डेब्यू सीरीज है, जो नेटफ्लिक्स पर रिलीज हुई है। इसमें मनीषा कोइराला, सोनाक्षी सिन्हा, ऋचा चड्ढा, संजीदा शेख, शर्मिन सहगल और फरदीन खान हैं। इसकी कहानी लाहौर स्थित हीरामंडी की है, जिसमें तवायफों के प्यार और आजादी को दिखाया गया है।