'आदिपुरुष' विवाद पर विवेक अग्निहोत्री ने तोड़ी चुप्पी, बोले- आस्था के साथ खिलवाड़ करना पाप
क्या है खबर?
निर्देशक ओम राउत की फिल्म 'आदिपुरुष' रिलीज के बाद से ही विवादों में घिरी हुई है। फिल्म के संवादों को लेकर घमासान मचा हुआ था। इसके बाद निर्माताओं ने कुछ डायलॉग बदल दिए। हालांकि, इससे भी कुछ खास फर्क नहीं पड़ा। दर्शक अब भी फिल्म की आलोचना करने से पीछे नहीं हट रहे हैं।
अब निर्देशक और सेंसर बोर्ड के सदस्य विवेक अग्निहोत्री ने इस पर पहली बार बात की।
फिल्म को लेकर उन्होंने क्या कुछ कहा, आइए जानते हैं।
बयान
हम प्रमाणन के लिए फिल्म नहीं देखते- अग्नहोत्री
इंडिया डॉट कॉम को दिए इंटरव्यू में अग्निहोत्री ने कहा, "मैं CBFC बोर्ड का हिस्सा हूं। हम प्रमाणन के लिए फिल्म नहीं देखते हैं। फिल्म को आम लोग देखते हैं। मुझे नहीं पता कि फिल्म का किस स्तर पर क्या हुआ और इसे किसने देखा।"
उन्होंने कहा, "मैंने अभी तक फिल्म नहीं देखी है। मैं 'द वैक्सीन वॉर' की शूटिंग में व्यस्त था। कुछ दिन पहले ही फिल्म पूरी की है, इसलिए, मुझे इस बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है।"
सुझाव
अग्निहोत्री ने दी ये सलाह
अग्निहोत्री ने आगे कहा, "अगर आप मेरे पिछले बयान देखेंगे तो पाएंगे कि मैं आमतौर पर किसी और की फिल्म के बारे में बात नहीं करता हूं। मैं दूसरों की बनाई जा रही फिल्मों पर कभी कोई राय नहीं देता, चाहे वह अच्छी हो या बुरी।"
उन्होंने कहा, "हालांकि, मैं कहूंगा कि आस्था के मामले काफी संवेदनशील होते हैं। आस्था की जो चीजें हैं, उन्हें परोसते हुए हमें बहुत ही जिम्मेदार और संवेदनशील रहना चाहिए।"
दो टूक
"आस्था के मामले में सारे तर्क फेल हो जाते हैं"
अग्निहोत्री बोले, ष्आपकी क्या आस्था है, किसी की क्या आस्था है... जैसे किसी का बच्चा है। मां को लगता है कि मेरा बच्चा दुनिया में सबसे सुंदर है तो मुझे कोई हक नहीं है बोलने का कि वो थोड़ा कम सुंदर है या सुंदर नहीं है। वो मां की आस्था और प्रेम है।"
उन्होंने कहा, "प्रेम और आस्था के मामले में सारे तर्क फेल हो जाते हैं और उन्हें ठेस पहुंचाना, उन्हें आहत करना अपने आप में पाप-पूर्ण कार्य है।"
विवाद
'आदिपुरुष' को लेकर हो रहे विवाद की वजह क्या है?
फिल्म में कई आपत्तिजनक दृश्य और संवाद हैं, जिसके चलते यह चौतरफा घिरी हुई है। सौम्य और सरल राम का चित्रण फिल्म में गुस्से से भरपूर है। सीता के कपड़ों से भी दर्शक नाराज हैं।
फिल्म में भगवान हनुमान के "तेरे बाप की जलेगी" वाले संवाद के कारण लेखक मनोज मुंतशिर और ओम राउत पर लोगों का गुस्सा फूट रहा है।
हालांकि, अब इसे बदल दिया गया है। गलत तथ्यों के कारण भी फिल्म गुस्से का शिकार हो रही है।