Page Loader
विशाल ददलानी ने 'ऐ मेरे वतन के लोगों' गाने पर दी गलत जानकारी, अब मांगी माफी

विशाल ददलानी ने 'ऐ मेरे वतन के लोगों' गाने पर दी गलत जानकारी, अब मांगी माफी

Jan 25, 2021
02:40 pm

क्या है खबर?

अक्सर फिल्मी हस्तियां अपने बयानों के कारण ट्रोलर्स के निशाने पर आ जाती हैं। इस बार मशहूर गायक और संगीतकार विशाल ददलानी भी अपने एक गलत बयान की वजह से काफी ट्रोल होने लगे हैं। दरअसल, इन दिनों विशाल को म्यूजिक रियलिटी शो 'इंडियन आइडल 12' में जज के तौर पर देखा जा रहा है। हाल ही में उन्हें एक एपिसोड में लता मंगेशकर के गाने को लेकर गलत जानकारी दी, जिसकी वजह से उन्हें ट्रोल किया जाने लगा है।

गलत तथ्य

विशाल ने दिया था ये गलत तथ्य

रविवार के एपिसोड में एक प्रतिभागी ने लता मंगेशकर का देशभक्ति गीत 'ऐ मेरे वतन के लोगों' गाया था। इस पर विशाल ने एक गलत तथ्य बता दिया। उन्होंने कहा, "यह गाना लता मंगेशकर ने 1947 में देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के लिए गाया था। यह दुनिया का एक मात्र ऐसा गाना है, जो ऑल टाइम हिट है।" उन्होंने कहा, "आपने इसे गाने की अच्छी कोशिश की, लेकिन लता मंगेशकर जैसा इसे कोई नहीं गा सकता।"

जानकारी

खूब ट्रोल हो रहे हैं विशाल

गाने के बारे में गलत जानकारी दर्शकों को देने के लिए विशाल को जमकर सोशल मीडिया पर ट्रोल किया जा रहा है। ट्विटर पर #DadlaniFacts जमकर ट्रेंड कर रहा है और लोग विशाल को लेकर टिप्पणियां कर रहे हैं।

माफी

विशाल ने मांगी माफी

अब सोशल मीडिया पर ट्रोल होने के बाद विशाल ददलानी ने अपनी गलती के लिए माफी मांगी है। उन्होंने अपने एक ट्वीट में लिखा, 'ऐ मेरे वतन के लोगों के बारे में मेरी गलत जानकारी से नाराज लोगों से मैं माफी मांगता हूं।' उन्होंने आगे कहा, 'इन कट्टर राष्ट्रवादियों ने तब कुछ नहीं कहा जब #Chornab पुलवामा में 40 भारतीय सैनिकों की मौत को TRP की जीत के रूप में मना रहा था'

ट्विटर पोस्ट

यहां देखिए विशाल का ट्वीट

सही तथ्य

जानिए क्या है गाने का सही तथ्य

'ऐ मेरे वतन के लोगों' गाने का सही तथ्य है कि इसे 1962 में कवि प्रदीप द्वारा लिखा गया था। इसमें मशहूर संगीतकार रह चुके सी रामचंद्रन ने म्यूजिक दिया था, जबकि लता मंगेशकर ने इसे गाया था। कहते हैं यह गाना 1962 में भारत-चीन की लड़ाई के बाद भारतीय सैनिकों के लिए लिखा गया था। लता मंगेशकर ने इसे 26 जनवरी, 1963 में दिल्ली में गाया था। यह गाना जवाहर लाल नेहरू के लिए नहीं गाया गया था।