विजय देवरकोंडा को देख बेकाबू हुए प्रशंसक, भीड़ में बेहोश हुईं लड़कियां
विजय देवरकोंडा की पहली हिंदी फिल्म 'लाइगर' जल्द ही पर्दे पर रिलीज होने वाली है। इन दिनों विजय अपनी को-स्टार अनन्या पांडे के साथ 'लाइगर' का प्रमोशन करने में लगे हुए हैं। विजय के ऐसे ही एक कार्यक्रम में उनको देखकर प्रशंसक बेकाबू हो गए और भगदड़ जैसी स्थिति हो गई। इसके बाद कार्यक्रम को रोककर विजय और अनन्या को वहां से निकाल लिया गया। रिपोर्ट्स के मुताबिक इस भीड़ में कुछ लड़कियां बेहोश भी हो गईं।
विजय की अपील के बाद भी नहीं माने दर्शक
रविवार को विजय नवी मुंबई के एक मॉल में फिल्म 'लाइगर' का प्रमोशन करने पहुंचे थे। अपने बीच विजय को देखकर उनके प्रशंसक बेकाबू हो गए। भीड़ इतनी बढ़ गई की भगदड़ जैसी स्थिति हो गई। विजय ने दर्शकों से शांत होने की अपील भी की। एक वीडियो में अनन्या दर्शकों को देखकर चिंतित दिखाई दे रही हैं। उन्होंने आयोजकों को भी अपनी चिंता बताई। बॉलीवुड लाइफ की खबर के मुताबिक कार्यक्रम में कुछ लड़कियां बेहोश भी हो गईं।
'लाइगर' से बॉलीवुड में कदम रख रहे हैं विजय
'लाइगर' से विजय बॉलीवुड में कदम रख रहे हैं। वहीं माइक टाइसन भी पहली बार किसी हिंदी फिल्म में नजर आएंगे। फिल्म का निर्देशन पुरी जगन्नाध ने किया है। इसका निर्माण करण जौहर की धर्मा प्रोडक्शन ने किया है। फिल्म हिंदी, तमिल, तेलुगू, मलयालम और कन्नड़ भाषा में रिलीज होगी। यह अनन्या और विजय दोनों की ही पहली पैन इंडिया फिल्म होगी। 'लाइगर' 25 अगस्त को बड़े पर्दे पर रिलीज हो रही है।
'कॉफी विद करण' में पहुंचे थे विजय
हाल ही में विजय और अनन्या करण जौहर के चर्चित चैट शो 'कॉफी विद करण' में पहुंचे थे। इस शो में दर्शकों को दोनों के बारे में कई निजी बातें जानने को मिलीं। विजय एक आउटसाइडर हैं जिन्होंने अपने दम पर अपनी पहचान बनाई है। वहीं अनन्या पर हमेशा ही स्टारकिड होने का दबाव रहा है। ऐसे में शो में दोनों ने इस मुद्दे पर भी अपनी राय रखी। विजय ने अपने संघर्ष के दिनों की बातें भी साझा कीं।
कौन हैं विजय देवरकोंडा?
विजय देवरकोंडा दक्षिण भारतीय सिनेमा का जानामाना चेहरा हैं। उन्होंने प्रमुख रूप से तेलुगू सिनेमा में काम किया है। साउथ फिल्म इंडस्ट्री में किसी बाहरी का इतना नाम कमाना बड़ी बात है, इसके लिए भी विजय की काफी सराहना होती है। वह 'पेली चुपूलु', 'अर्जुन रेड्डी', 'महानती', 'गीता गोविंदम' और 'टैक्सी ड्राइवर' जैसी फिल्मों में नजर आ चुके हैं। 'पेली चुपूलु' को बेस्ट तेलुगु फिल्म का राष्ट्रीय पुरस्कार मिला था। वह 'देवरकोंडा फाउंडेशन' नाम से NGO भी चलाते हैं।