श्याम बेनेगल को याद कर शबाना आजमी बोलीं- उनके बिना 2 साल भी नहीं टिक पाती
क्या है खबर?
श्याम बेनेगल एक ऐसे निर्देशक थे, जिन्होंने फिल्मों को समाज को आईना दिखाने और बदलाव लाने के एक माध्यम के रूप में देखा। बेनेगल ने साल 1974 में अपनी पहली फिल्म 'अंकुर' के साथ मुख्यधारा की मसाला फिल्मों के समानांतर एक गाढ़ी लकीर खींच दी।
पिछले साल 23 दिसंबर को बेनगेल के जाने से पूरा बॉलीवुड गमगीन हो गया। दिग्गज अभिनेत्री शबाना आजमी अब भी उनके निधन से उभर नहीं पाई हैं।
हाल ही में उन्होंने इस पर बात की।
क्रेडिट
मुझे बनाने वाले बेनेगल ही थे- शबाना
जूम को दिए इंटरव्यू में शबाना ने कहा, "सच कहूं तो मुझे अब भी विश्वास नहीं हो रहा है कि बेनेगल नहीं रहे। मैं इस बारे में बात तक नहीं कर पा रही हूं। इससे बाहर निकलने में निश्चित रूप से वक्त लगने वाला है। अगर श्याम बेनेगल न होते तो शबाना आजमी न होतीं। 50 साल तो भूल जाइए, अगर उनका मार्गदर्शन और सलाह न होती तो मैं बॉलीवुड में 2 साल भी नहीं टिक पाती।"
फिल्में
शबाना ने किया बेनेगल के साथ की गईं फिल्मों को याद
शबाना बोलीं, "अंकुर के जरिए मेरे अभिनय का सफर शुरू हुआ। अगर इस फिल्म के साथ मेरा फिल्मी करियर शुरू नहीं हुआ होता तो एक अभिनेत्री के रूप में मेरी यात्रा बहुत मुश्किल होती। उनकी फिल्म 'निशांत' ने भी हिंदी सिनेमा में मेरी पकड़ मजबूत की। मैंनं अपने जीवन में उनसे न जाने कितनी चीजें सीखीं। उनका जाना मेरे साथ-साथ पूरे भारतीय सिनेमा के लिए एक बहुत बड़ा नुकसान है। बेनेगल का योगदान वास्वत में अविश्वसनीय है।"
आभार
बेनेगल को अपना गुरु मानती थीं शबाना
शबाना ने इससे पहले एक इंटरव्यू में कहा था कि वह बेनगेल को अपना गुरु मानती हैं और आज वि जो कुछ भी हैं, उन्हीं के मार्गदर्शन की वजह से ही हैं।
शबाना ने कहा था, "बेनेगल मेरे गुरु थे। सिर्फ इसलिए नहीं कि वह मेरे पहले निर्देशक थे, बल्कि इसलिए भी कि उनके आसपास रहकर ही मैंने जीवन के कई सबक सीखे। बेनेगल मेरे मार्गदर्शक थे। हालांकि, उन्हें पसंद नहीं था कि उन्हें किसी का गुरु कहा जाए। "
दुखद
बेनेगल ने बीते साल 23 दिसंबर को ली आखिरी सांस
बेनेगल का 90 की उम्र में 23 दिसंबर, 2024 को मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में निधन हो गया था। पिछले लंबे समय से वह किडनी से जुड़ी समस्याओं से जूझ रहे थे।
बेनेगल को पद्मश्री और पद्म भूषण सम्मान भी मिला। वह साल 2005 में सर्वोच्च फिल्म पुरस्कार दादा साहब फाल्के अवॉर्ड से भी नवाजे गए थे।
फिल्मों के अलावा बेनेगल ने टीवी पर भी अमिट छाप छोड़ी। साल 1986 में प्रसारित हुआ धारावाहिक 'यात्रा' उन्होंने ही बनाया था।