द लेजेंड ऑफ प्रिंस राम: जब जापानी निर्माताओं ने बारीकी से बनाई थी रामायण
क्या है खबर?
शुक्रवार को प्रभास और कृति सैनन की फिल्म 'आदिपुरुष' सिनेमाघरों में रिलीज हुई है।
फिल्म में रामायण के किरदारों के चित्रण पर बवाल मचा हुआ है। हर तरफ इसकी आलोचना हो रही है। फिल्म पर प्रतिबंध की भी मांग हुई है।
'आदिपुरुष' से सालों पहले एक और रामायण आई थी, जिसे देश में गुस्से का सामना करना पड़ा था। उसके बाद में जब दर्शकों ने उसे देखा, तो वह एक शानदार फिल्म साबित हुई। इसे जापानी निर्माता ने बनाया था।
शुरुआत
भारत दौरे पर निर्माता को आया था फिल्म का ख्याल
एनिमेटेड फिल्म 'द लेजेंड ऑफ प्रिंस राम' 1993 में जापान में रिलीज हुई थी।
इसे जापानी एनिमेटर युगो साको ने बनाया था। इसका निर्देशन कोइची सासाकी और राम मोहन ने किया था।
यह रामायण पर बनी एक बेहतरीन एनिमेटेड फिल्म मानी जाती है। ज्यादातर लोग इसे 'कार्टून नेटवर्क की रामायण' या 'जापानी रामायण' के रूप में जानते हैं।
साको जब भारत आए थे और रामानंद सागर की 'रामायण' का प्रभाव देखा, तो उन्हें यह फिल्म बनाने का ख्याल आया।
तैयारी
54 करोड़ रुपये में बनी थी फिल्म
साको सबसे पहले भारत 1985 में अयोध्या पर एक डॉक्युमेंटरी बनाने आए थे। इसके बाद उन्होंने इस महाकाव्य पर फिल्म बनाने के लिए एनिमेटर राम मोहन से हाथ मिलाया। राम मोहन भारत में एनिमेशन के जनक कहे जाते हैं।
करीब 450 कलाकारों के साथ उन्होंने काम शुरू किया।
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, साको ने इस फिल्म के लिए करीब 60 बार भारत का दौरा किया था। यह फिल्म उस दौर में करीब 54 करोड़ रुपये में बनी थी।
आलोचना
भारत में इस वजह से थी हिचकिचाहट
फिल्म को जापान में काफी प्रशंसा मिली थी, लेकिन भारतीय दर्शक इसे स्वीकार नहीं कर पा रहे थे।
राम मोहन की पत्नी शीला राव ने एक इंटरव्यू में बताया था कि सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय चाहता था कि राम पंचतंत्र की कहानियों पर एनिमेटेड फिल्म बनाएं।
भगवान को एनिमेशन में दिखाने को लेकर यहां के लोग सशंकित थे। इसके अलावा विदेशी निर्माताओं की वजह से भी वे फिल्म पर भरोसा नहीं कर पा रहे थे।
विरोध
भारत में 1997 में हुई थी रिलीज
भारत में यह फिल्म 1997 में रिलीज हुई थी। दक्षिणपंथी गुटों ने इस फिल्म का विरोध किया था।
फिल्म की असिस्टेंट प्रोड्यूसर केंजी योशी ने मीडिया से बातचीत में कहा था कि यह वाजिब है कि भारतीयों में इस फिल्म को लेकर हिचकिचाहट होगी।
उन्होंने कहा था, "सोचिए अगर भारतीय जापान के शाही परिवार पर फिल्म बनाएं तो कैसा होगा। जाहिर है कि भारत के लोगों और सरकार को भी इस पर आपत्ति होगी।"
पसंद
आज भी पसंद की जाती है 'द लेजेंड ऑफ प्रिंस राम'
शुरुआती विरोध के बाद यह फिल्म लोगों द्वारा पसंद की जाने लगी। फिल्म को सिर्फ बच्चे ही नहीं, बल्कि बड़ों ने भी पसंद किया था। फिल्म एनिमेशन के जरिए रामायण की कहानी और भावनाओं को बेहतरीन तरीके से प्रेषित करती है।
2022 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जापान दौरे के दौरान फिल्म की टीम के सदस्यों से मुलाकात की थी। उन्होंने 'मन की बात' में भी इसका जिक्र किया था, जिसके बाद फिल्म फिर से चर्चा में आ गई थी।