सुष्मिता सेन की वेब सीरीज 'ताली' का ट्रेलर जारी, अपने वजूद की लड़ाई लड़ती दिखीं अभिनेत्री
क्या है खबर?
अभिनेत्री सुष्मिता सेन पिछले काफी समय से वेब सीरीज 'ताली' को लेकर चर्चा में हैं। जब से इससे उनकी झलक सामने आई, प्रशंसक इसकी रिलीज को लेकर उत्साहित हैं।
उन्होंने पहले ही उनकी इस सीरीज को सुपरहिट बता दिया है।
इसमें सुष्मिता एक ट्रांसजेंडर (किन्नर) की भूमिका में नजर आएंगी और इसी वजह से वह चारों ओर चर्चा में हैं।
अब इस बहुचर्चित सीरीज का ट्रेलर रिलीज हो गया है, जिसका इंतजार दर्शकों को बेसब्री से था।
ट्रेलर
ताली बजाने नहीं, बजवाने आई हैं सुष्मिता
सुष्मिता ताली में ट्रांसजेंडर श्रीगौरी सावंत की भूमिका में दिख रही हैं। स्कूल तक तो सब ठीक चलता है, लेकिन जब गौरी कॉलेज में दाखिल होती है तो उसकी पहचान सबके सामने आ जाती है और उसे काफी कुछ झेलना पड़ता है।
इसके बाद हिम्मत न हारते हुए गौरी अपने अस्तित्व और अपने हक की लड़ाई लड़ती है।
सुष्मिता ने ट्रेलर साझा कर लिखा, 'गौरी आ गई है अपने स्वाभिमान, सम्मान और स्वतंत्रता की कहानी लेकर। 'ताली' बजाएंगे नहीं, बजवाएंगे।'
ट्रोलिंग
पहला पोस्टर सामने आने के बाद ट्रोलिंग का शिकार भी हुईं सुष्मिता
सुष्मिता ने पिछले दिनों बताया था कि जब सीरीज का पहला पोस्टर जारी हुआ था तो उसमें उनका आधा चेहरा और ताली दिखाई दे रही थी, जिसे लेकर उन्हें ट्रोल किया गया।
अभिनेत्री ने कहा, "मुझे याद है कि लोग कमेंट करके बार-बार किन्नर लिख रहे थे। मैं सोच में पड़ गई कि ये मेरे साथ ऐसा कैसे कर सकते हैं?"
इससे सुष्मिता भावनात्मक रूप से टूट गईं और असल में उन्हें तब ट्रांसजेंडर समुदाय की परेशानी का अहसास हुआ।
रिलीज तारीख
15 अगस्त को जियो सिनेमा पर आएगी सीरीज
इस सीरीज में एक ट्रांसजेंडर के जीवन की कठिनाइयों को दिखाने का प्रयास किया गया है।
रवि जाधव ने इसके निर्देशन की कमान संभाली है। सुष्मिता सीरीज में ट्रांसजेंडर का संघर्ष दिखाती नजर आएंगी।
इसमें दिखाया जाएगा कि उसे समाज में किन कुरीतियों का सामना करना पड़ता है और समाज से लड़कर वह अपनी पहचान एक ट्रांसजेंडर से सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में कैसे बनाती है।
यह सीरीज 15 अगस्त से जियो सिनेमा पर स्ट्रीम होगी।
नपसन
जानिए कौन हैं श्रीगौरी सावंत
मुंबई के दादर में एक मराठी परिवार में जन्मीं श्रीगौरी जमीनी स्तर पर अपने समुदाय के कल्याण और किन्नरों के हितों के लिए काम करती हैं।
वह 'सखी चार चौघी' ट्रस्ट की प्रमुख भी हैं, जो ट्रांसजेंडर और HIV/एड्स से जूझ रहे लोगों की मदद करता है।
गौरी ने ही 2009 में किन्नरों को कानूनी मान्यता दिलाने के लिए कोर्ट में हलफनामा दायर किया था।
इसी याचिका पर सुनवाई करने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने ट्रांसजेंडर कानून को मान्यता दी।