सनडांस फिल्म फेस्टिवल में ऋचा-अली की 'गर्ल्स विल बी गर्ल्स' का जलवा, जीते 2 पुरस्कार
बॉलीवुड की मशहूर जोड़ी ऋचा चड्ढा और अली फजल ने फिल्म 'गर्ल्स विल बी गर्ल्स' के साथ बतौर निर्माता अपनी शुरुआत की थी। यह उनके प्रोडक्शन हाउस की पहली फिल्म है, जिसका जलवा अब सनडांस फिल्म फेस्टिवल 2024 में देखने को मिला है। दरअसल, फिल्म ने अलग-अलग श्रेणी में 2 पुरस्कार अपने नाम किए हैं, जिसके बाद से ही अली और ऋचा की खुशी का ठिकाना नहीं है। इसके अलावा डॉक्यूमेंट्री 'नोक्टर्न्स' भी पुरस्कार जीतने में सफल रही है।
'गर्ल्स विल बी गर्ल्स' को मिले ये पुरस्कार
'गर्ल्स विल बी गर्ल्स' को 'वर्ल्ड ड्रामेटिक एंट्री' श्रेणी में ऑडियंस पुरस्कार से नवाजा गया तो अभिनेत्री प्रीति पाणिग्रही को जूरी की ओर से विशेष पुरस्कार मिला है। ब्लिंक डिजिटल और डोल्से वीटा फिल्म्स के साथ ऋचा और अली ने संयुक्त रूप से अपने प्रोडक्शन हाउस पुशिंग बटन स्टूडियोज के साथ मिलकर इस फिल्म को बनाया है। इस फिल्म का लेखन और निर्देशन शुचि तलाती ने किया है, जिन्होंने इसके साथ ही अपनी शुरुआत की है।
पोस्ट साझा कर जताया आभार
ऋचा और अली ने पोस्ट साझा कर कहा कि उनके लिए इससे अच्छा गणतंत्र दिवस नहीं हो सकता था। ऋचा ने लिखा, 'हम जीत गए, 1 नहीं बल्कि 2 पुरस्कार, इसलिए मेरा रोता हुआ चेहरा है।' अली ने लिखा, 'इस फिल्म के लिए बहुत कुछ पहली बार हुआ। यह हमारा पहला प्रोडक्शन था। मैंने सीखा कि प्रेरणा उतनी ही तेजी से फैलती है, जैसे नफरत और क्रोध। ऐसे में हमारी ओर से दुनिया के लिए कुछ सकारात्मकता, जो परेशान है।'
अपने आंसू नहीं रोक पाईं ऋचा
क्या कहना है ऋचा और अली का?
ऋचा और अली ने पुरस्कार जीतने के बाद कहा, "हमने साहस के साथ इस यात्रा की शुरुआत की थी और सनडांस में मिली जबरदस्त प्रतिक्रिया सपनों जैसी है। इस अनुभव से हमारा कहानी कहने की शक्ति पर विश्वास मजबूत हो गया है।" वह कहते हैं कि बतौर अभिनेता वे सशक्त कहानियों के इच्छुक रहे हैं, लेकिन उन अवसरों को प्राप्त करना उनके हाथ में नहीं था। अब दोनों उनके नए अभिनेताओं को वैश्विक स्तर पर मिली प्रशंसा से खुश हैं।
डॉक्यूमेंट्री 'नोक्टर्न्स' ने भी जीता पुरस्कार
इसके अलावा अनिर्बान दत्ता और अनुपमा श्रीनिवासन की डॉक्यूमेंट्री 'नोक्टर्न्स' भी सनडांस फिल्म फेस्टिवल में पुरस्कार जीतने में सफल रही है। इस डॉक्यूमेंट्री को अपनी क्राफ्ट के लिए वर्ल्ड सिनेमा डॉक्यूमेंट्री स्पेशल जूरी अवार्ड मिला है। यह फिल्म एक वैज्ञानिक और एक स्थानीय निवासी द्वारा देखे गए बाज पतंगों के जीवन की कहानी कहती है। 'नोक्टर्न्स' के साथ ही यह भारत की लगातार चौथी जीत है, जो इस फिल्म फेस्टिवल में किसी डॉक्यूमेंट्री को मिली है।