शेखर कपूर बने FTII के नए अध्यक्ष, 2023 तक संभालेंगे कार्यभार
बॉलीवुड के प्रतिष्ठित फिल्मकार शेखर कपूर आज अपनी बेहतरीन फिल्मों के दम पर पूरी दुनिया में खास पहचान हासिल कर चुके हैं। लंबे समय से वह इंडस्ट्री में अपना योगदान दे रहे हैं। ऐसे में अब शेखर को फिल्म एंड टेलिविजन इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (FTII), पुणे का नया अध्यक्ष और FTII गवर्निंग काउंसिल का चेयरमैन घोषित किया गया है। इस बात की जानकारी खुद केंद्रिय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने अपने एक ट्वीट के जरिए दी है।
3 मार्च, 2023 तक किया गया शेखर कपूर को नियुक्त
प्रकाश जावड़ेकर ने अपने ट्वीट में लिखा, 'यह बताते हुए बहुत खुशी हो रही है कि मशहूर अंतरराष्ट्रीय फिल्मी हस्ती शेखर कपूर को FTII सोसाइटी का अध्यक्ष और FTII का गवर्निंग काउंसिल का नया चेयरमेन बनाया गया है।' जबकि इस संस्थान के निदेशक भूपेंद्र कैंथोला ने भी अपने एक बयान में इस बात की जानकारी दी। साथ ही कैंथोला ने बताया कि शेखर कपूर को इन पदों पर 3 मार्च, 2023 तक नियुक्त किया गया है।
प्रकाश जावड़ेकर ने किया ट्वीट
शेखर कपूर से पहले ब्रिजेंद्र पाल सिंह संभाल रहे थे पद
बता दें कि शेखर कपूर से पहले यह पद ब्रिजेंद्र पाल सिंह संभाल रहे थे। उन्होंने FTII गवर्निंग काउंसिल में तीन साल और छह महीने का अपना कार्यभार पूरा किया है। ब्रिजेंद्र पाल को इस पद पर 4 मार्च, 2017 को नियुक्त किया गया था।
पिछली बार सुशांत की वजह से चर्चा में आए थे शेखर
गौरतलब है कि शेखर कपूर पिछली बार सुशांत सिंह राजपूत के निधन की जांच के दौरान सुर्खियों में आए थे। उस समय उन्होंने बताया था कि वह सुशांत के साथ फिल्म 'पानी' बनाना चाहते थे। इसके लिए अभिनेता ने भी काफी मेहनत की थी। यह प्रोजेक्ट सुशांत और उनके लिए बहुत महत्वपूर्ण था। हालांकि, आर्थिक कारणों से निर्माताओं ने इस फिल्म को बंद करने का फैसला किया। यह फिल्म यशराज बैनर प्रोड्यूस करने वाला था।
1983 में शेखर ने शुरू किया था करियर
शेखर के फिल्मी करियर की बात करें तो उन्होंने 1983 में आई फिल्म 'मासूम' से निर्देशक के तौर पर सफर शुरू किया था। इस फिल्म में नसीरूद्दीन शाह, शबाना आजमी, उर्मिला मातोंडकर और जुगल हंसराज जैसे सितारे मुख्य किरदारों में दिखे थे। इसके बाद उनकी 'मिस्टर इंडिया' को भी खूब पसंद किया गया। 1994 में उन्होंने 'बैंडिट क्वीन' का निर्देशन कर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराहना बटोरी। 1998 में शेखर ने ब्रिटिश फिल्म 'एलिजाबेथ' बनाकर अंतरराट्रीय फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा।