शर्मिला टैगोर किराए के लिए करती थीं फिल्में साइन, बताया वापसी के लिए क्यों चुनी 'गुलमोहर'
हिंदी सिनेमा की दिग्गज अभिनेत्री शर्मिला टैगोर इन दिनों अपने OTT डेब्यू को लेकर सुर्खियों में बनी हुई हैं। 70-80 के दशक में फिल्मी पर्दे पर छाने वाली अभिनेत्री 12 साल बाद 'गुलमोहर' से एक्टिंग की दुनिया में वापसी कर रही हैं। इस फिल्म में वह मनोज बाजपेयी के साथ नजर आएंगी, जो डिज्नी+ हॉटस्टार पर दस्तक देने वाली है। हाल ही में उन्होंने अपने करियर के शुरुआती दौर के बारे में बात की।
फिल्में करने के पीछे थी यह वजह
इंडिया टुडे के साथ बातचीत में एक्ट्रेस ने बताया कि जब उन्होंने फिल्में करनी शुरू की थीं, तो वो सिर्फ पैसे के लिए ही था। उन्होंने कहा, "कई बार मैंने फिल्में सिर्फ इसलिए साइन कीं क्योंकि मुझे घर का किराया भरने के लिए पैसे चाहिए होते थे।" उन्होंने कहा, "हम कभी अपने जानने वाले या किसी की मदद के लिए भी फिल्म करते थे, जिसे लगता था कि अगर मैं उस प्रोजेक्ट में हूं तो वह अच्छा चलेगा।"
यह भी था कारण
टैगोर ने बताया कि उनके फिल्में करने की पीछे कई सारी वजह थीं। उन्होंने कहा, "कई बार मुझे स्क्रिप्ट अच्छी लगी तो मैंने फिल्म की, जो उस समय की जरूरत थी। आज भी मुझे स्क्रिप्ट पढ़कर लगा कि मैं कुसुम के किरदार को निभा पाऊंगी और मुझे वापसी करनी चाहिए। इसलिए मैंने गुलमोहर में काम किया।" बता दें 'गुलमोहर' में अभिनेत्री बाजपेयी की मां कुसुम के किरदार में नजर आएंगी। यह फिल्म OTT प्लेटफॉर्म पर 3 मार्च को रिलीज होगी।
एक जैसे किरदार नहीं करना चाहतीं शर्मिला टैगोर
इससे पहले PTI को दिए इंटरव्यू में अभिनेत्री ने एक उम्र के बाद एक जैसे रोल मिलने पर नाराजगी जताई थी। उन्होंने बॉलीवुड की तुलना हॉलीवुड से करते हुए कहा, "वहां अभिनेत्रियों को अच्छी भूमिकाएं मिलती हैं लेकिन यहां एक उम्र के बाद मां के रोल ही मिलते हैं। हालांकि, अब चीजें बदल रही हैं।" वहीं, 'गुलमोहर' में अपने किरदार को लेकर उन्होंने कहा, "कुसुम के किरदार में बहुत-सी परतें जुड़ी हैं, जो लोगों को इससे कनेक्ट करेंगी।"
अपने बच्चों को लेकर की बात
टैगोर ने कहा, "अब मेरे बच्चे और उनके बच्चे भी सेटल हो गए हैं। बाकी मेरे ग्रैंड चिल्ड्रन जो बहुत छोटे हैं, उन पर सबका बहुत ध्यान रहता है।" वह बोलीं, "अब मैं जिंदगी के ऐसे पड़ाव पर हूं, जब मैं अपने लिए कुछ कर सकती हूं। कुछ अलग और इसको लेकर मैं गिल्ट में नहीं रहना चाहती हूं। कुछ महिलाएं गिल्ट में जीती हैं, लेकिन एक उम्र के बाद आप ये महसूस नहीं करते और बल्कि फ्री रहते हो।"
न्यूजबाइट्स प्लस
शर्मिला टैगोर पिछले पांच दशकों से फिल्म इंडस्ट्री का हिस्सा हैं और दो राष्ट्रीय पुरस्कार अपने नाम कर चुकी हैं। 2013 में भारत सरकार ने उन्हें भारत के तीसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म भूषण से सम्मानित किया था।