शरद केलकर बचपन में हकलाते थे, 'बाहुबली' में प्रभास के लिए डबिंग से मिली नई पहचान
क्या है खबर?
शरद केलकर टीवी से लेकर बड़े पर्दे तक अपने अभिनय से अपनी पहचान बना चुके हैं। 'द फैमिली मैन', 'एजेंट राघव' जैसी वेब सीरीज से उन्होंने OTT पर भी अपनी छाप छोड़ी है।
अभिनय के अलावा शरद अपनी आवाज के लिए खास पहचान रखते हैं। 'बाहुबली' की डबिंग के बाद दक्षिण भारत में उन्हें प्रभास की आवाज के लिए पहचाना जाता है।
एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि बचपन में वह हकलाते थे।
खबर
बचपन में थी हकलाहट की समस्या
एक इंटरव्यू में शरद ने बताया कि बचपन में वह हकलाते थे। वॉइस आर्टिस्ट तो दूर की बात, उन्होंने कभी अभिनेता बनने का भी सपना नहीं देखा था।
'बाहुबली' से मिली नई पहचान को शरद ने बड़ी सफलता बताया। उनके अनुसार, ऐसा इंडस्ट्री में किसी और कलाकार के साथ नहीं हुआ है।
शरद 'बाहुबली' के अलावा 'आदिपुरुष' के हिंदी संस्करण में भी प्रभास के लिए डबिंग कर चुके हैं। हालिया फिल्म 'सालार' में भी वह प्रभास की आवाज बने थे।
निजात
कैसे ठीक की हकलाहट?
शरद ने बताया कि बहुत से बच्चों के माता-पिता उनसे पूछते हैं कि उन्होंने हकलाटह दूर कैसे की।
शरद ने बताया, "यह ऐसा है, जैसे आप 100 मीटर दौड़ो और तुरंत आपको कुछ बोलने के लिए कहा जाए। आप नहीं बोल पाएंगे, क्योंकि आप तेजी से सांस ले रहे होंगे। सांस पर ध्यान देकर, उसके तरीके को सुधारकर आप इसे ठीक कर सकते हैं।"
हकलाहट ठीक होने के बाद उन्होंने अपनी आवाज पर काम किया और डबिंग सीखी।
पहचान
'बाहुबली' के बाद आया यह बदलाव
शरद के अनुसार, 'बाहुबली' की सफलता के बाद बड़ा बदलाव आया। अब लोग वॉइस ओवर आर्टिस्ट को पहचानने लगे हैं।
उन्होंने कहा, "अब लोग श्रेयस तलपड़े को 'पुष्पा' के लिए, सचिन गोले को 'KGF' के लिए पहचानते हैं। 'बाहुबली' के बाद अब ऐसा नहीं रह गया कि लोग यह नहीं जानते हों कि आवाज किसने डब की है।"
बकौल शरद, अब लोगों को अपनी आवाज के लिए पहचान और सम्मान मिलने लगा है।
मुद्दा
डबिंग आर्टिस्ट को मिलना चाहिए औपचारिक श्रेय- शरद
इस बदलाव के बाद शरद चाहते हैं कि वॉइस ओवर आर्टिस्ट को उनके काम का श्रेय दिया जाए। क्रेडिट और फिल्मों के पोस्टर में उनके नाम का भी जिक्र हो।
उन्होंने कहा, "अगर हॉलीवुड में आप देखेंगे तो एनिमेटेड फिल्मों में लिखा होता है कि किस कलाकार ने किस किरदार को आवाज दी है। भारत में भी ऐसा होना चाहिए। मुझे नहीं पता यहां ऐसा क्यों नहीं हो रहा है। कलाकारों को उनका श्रेय मिलना चाहिए।"