शाहरुख खान फिल्मों से ब्रेक पर बोले- अपने जख्मों पर मरहम लगा रहा था
क्या है खबर?
शाहरुख खान अपनी हाजिर जवाबी के लिए मशहूर हैं। उनके पास हर सवाल का जवाब हाेता है और वह प्रतिक्रिया भी बड़े मजेदार ढंग से देते हैं। उनका यह अंदाज प्रशंसकों को खूब भाता है।
हाल ही में शाहरुख दुबई में विश्व सरकार शिखर सम्मेलन में शामिल हुए, जहां उन्होंने कई खुलासे किए।
शाहरुख ने बताया कि वह 2018 के बाद फिल्मों से दूर क्यों हुए।
आइए जानते हैं क्या कुछ बोले शाहरुख।
कारण
शाहरुख ने बताई ब्रेक लेने की वजह
शाहरुख से पूछा गया कि वह 2018 के बाद पर्दे से नदारद क्यों रहे तो अभिनेता बोले, "मेरी बहुत बड़ी फ्लॉप फिल्में रहीं और उनका प्रदर्शन बहुत ही खराब रहा। मैं अपने जख्मों पर मरहम लगा रहा था, लेकिन उस बीच मैंने दुनिया का सबसे अच्छा पिज्जा बनाना सीखा।"
उन्होंने कहा, "मैंने कहानियाां सुनना बंद कर दिया। सबकुछ छोड़ अपने लिए एक किचन खोली और सही गोल पिज्जा बनाना सीखना शुरू कर दिया। मैंने उस समय दृढ़ता सीखी।"
वापसी
शाहरुख के लिए पर्दे पर वापसी करना कितना मुश्किल रहा?
क्या वापसी करना मुश्किल रहा, जवाब में शाहरुख बोले, "मुझे बहुत खुशी है कि परिवार ने यह नहीं बोला कि तुम पिज्जा अच्छा बना ले रहे हो, अब फिल्में बनाना छोड़ दो। मेरे परिवार ने मेरा बड़ा समर्थन किया। मुझे प्रोत्साहित किया।"
उन्होंने कहा, "मेरे बच्चों और मेरी टीम मेरा बड़ा सहारा बने। फिर मैं परफेक्शन की तलाश में निकल पड़ा। मैंने सोच लिया कि अब मुझे कुछ अलग करना है। कुछ ऐसा करना है, जो दर्शकों को पसंद आए।"
बातचीत
शाहरुख ने खुद को बताया 'जेम्स बॉन्ड'
शाहरुख को संबोधित करते हुए जब होस्ट ने उन्हें लेजेंड बताया तो अभिनेता बोले, "आप बहुत स्वीट हैं, लेकिन मैं लेजेंड नहीं हूं... मैं बॉन्ड हूं। जेम्स बॉन्ड।"
शाहरुख ने कहा, "मैं बॉन्ड बनना तो चाहता हूं, लेकिन मुझे लगता है कि मैं बहुत छोटा हूं।"
इसके बाद जब शाहरुख से पूछा गया कि बॉन्ड फिल्मों में विलेन बनने के बारे में उनका क्या ख्याल है तो शाहरुख ने कहा, "हां, इसके लिए मैं पर्याप्त ब्राउन (भूरा) हूं।"
कारण
शाहरुख ने बताया क्यों नहीं चलीं फिल्में
शाहरुख बोले, :मैंने कुछ समय के लिए दर्शकों की बात सुनना बंद कर दिया था। मैं बाहर जाता था तो लाखों लोग मेरा अभिवादन करते थे। हालांकि, वो लोग मुझसे चाहते क्या थे, मैं वो जानने की कोशिश नहीं करता था। इसी वजह से मैंने 'फैन' और 'जीरो' जैसी फिल्में कीं, जो दर्शकों को अच्छी नहीं लगीं।"
उन्होंने कहा, "लोग मुझसे कुछ और चाहते थे। वो चाहते थे कि मैं अपनी फिल्मों से उनके दिलो-दिमाग में उम्मीद की किरण जगाऊं।"