LOADING...
#BalaReview: खुद से प्यार करना सिखा रही आयुष्मान की 'बाला', भौकाल है फिल्म

#BalaReview: खुद से प्यार करना सिखा रही आयुष्मान की 'बाला', भौकाल है फिल्म

Nov 08, 2019
06:20 pm

क्या है खबर?

जो फिल्म रिलीज़ से पहले ही इतनी सारी कंट्रोवर्सीज में घिरी हो, उसे यकीनन दर्शकों में देखने में ज्यादा उत्सुकता रहती है कि आखिर इसमें ऐसा है क्या! ऐसी ही एक फिल्म 'बाला', जो लंबे समय से कंट्रोवर्सी का शिकार थी, आखिरकार इस शुक्रवार को रिलीज़ हो गई है। 'आप जैसे भी हैं वैसे ही खुद से प्यार करिए', इसी बात को अनोखे अंदाज में समझा रही है 'बाला'। तो आइए, जानते हैं कि कैसी है फिल्म।

कहानी

गंजेपन पर आधारित है फिल्म की कहानी

'बाला' एक कॉमेडी/ड्रामा फिल्म है। इसकी कहानी बाल मुकुंद शुक्ला की है, जिसे प्यार से उसके जानने वाले 'बाला' बुलाते हैं। बाला मार्केटिंग में नौकरी करता है, एक मिमिक्री आर्टिस्ट भी है। लेकिन गंजेपन का शिकार हो जाता है। इस वजह से वह खुश नहीं रह पाता, इस समस्या के समाधान के लिए वह कई नुस्खे अपनाता है। आखिर में वह कैसे इससे छुटकारा पाता है इसी को फिल्म में बेहतरीन तरीके से समझाया गया है।

शुरुआत

बाला के बचपन से शुरू होती है फिल्म

फिल्म की शुरुआत होती है बाला के स्कूल के दिनों से। वह एक ऐसा नटखट बच्चा जिसके पास हर चीज का तोड़ है। उसकी क्लास में होती है लतिका त्रिवेदी, जिससे उसकी बचपन में अनबन हो जाती है। वहीं, 25 की उम्र पार करते-करते बाला के बाल झड़ने लगते है। इस वजह से उसकी गर्लफ्रेंड भी उसे छोड़ जाती है। इसके लिए वह हर नुस्खे अपनाता है। लगभग 120 नुस्खे अपनाने के बाद भी उसे इससे छुटकारा नहीं मिलता।

Advertisement

सीख

'मन उदास हो, तो उसे खुश करना आपके हाथ में'

बाला गंजेपन से निकलने की तरकीब निकाल लेता है। इससे उसे शुरुआत में तो मजा आता है। लेकिन इससे उसे काफी दिक्कतें भी होती हैं। अंतत: इस पर वह फतेह कैसे हासिल करता है यह आपको फिल्म देखने के बाद ही पता चलेगा। कहते भी हैं ना कि 'कारे अंधियारे बादल कुछ ही देर के लिए आकाश घेर कर रख सकते है, उन्हें स्थाई रूप से न टिकने दें'। इस बात को 'बाला' बता और सिखा रही है।

Advertisement

अभिनेता का अभिनय

आयुष्मान की दमदार परफॉर्मेंस

ये तो हुई कहानी की बात, अब आते हैं परफॉर्मेंस पर। बाला का किरदार फिल्म में आयुष्मान खुराना ने निभाया है। आयुष्मान ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि कैसा भी किरदार हो वह उसे पर्दे पर सहज रूप से जी ही लेंगे। 'बाला' में छोटी से छोटी चीज़ आपको आयुष्मान से दोबारा प्यार करवा देगी। कनपुरिया बोली हो या उनकी डॉयलॉग डिलीवरी, आप अपनी सीट पर बैठे उनकी तारीफ करने से अपने आपको नहीं रोक पाएंगे।

अभिनेत्री का अभिनय

फिल्म में भूमि का किरदार सबसे मजबूत

'बाला' में भूमि पेडनेकर (लतिका त्रिवेदी) एक सांवली लड़की के किरदार में हैं। पेशे से वकील लतिका के अंदर आत्मविश्वास देखकर शायद आपको एक पल के लिए ऐसा जरूर लगे की हमें इससे सीखने की जरूरत है। लतिका अपनी जिंदगी को अपने अनुसार जीती है। फिल्म में लतिका सबसे मजबूत किरदार है। भूमि पर्दे पर जब भी दिखती हैं, आपको प्रेरित जरूर करती हैं। इस तरह के और किरदार फिल्मेकर को बनाने की बहुत ही ज्यादा जरूरत है।

स्टारकास्ट

अन्य स्टारकास्ट ने किया बढ़िया काम

आयुष्मान और भूमि के अलावा फिल्म में यामी गौतम भी हैं। यामी एक सुपरमॉडल के रोल में हैं। यामी का किरदार कुछ खास असर करता नहीं दिखता हैं। अन्य स्टारकास्ट की बात करें तो जावेद जाफरी, बच्चन दुबे में किरदार में हंसाने का कोई मौका नहीं छोड़ते। आयुष्मान के पिता के किरदार में सौरभ शुक्ला ने मंझे हुए अंदाज में बेहतरीन भूमिका निभाई है। इसके अलावा सीमा पाहवा और धीरेंद्र कुमार गौतम ने भी बढ़िया काम किया है।

डायरेक्शन

फिल्म के लिए अमर की रिसर्च काबिले तारीफ

अमर कौशिक के डायरेक्शन की बात करें तो कानपुर की पृष्ठभूमि पर आधारित 'बाला' में उन्होंने बहुत कुछ चीज़ों का संगम एक साथ बांधा है। फिल्म की स्क्रिप्ट से लेकर समाज की कई समस्याओं के विषय को उन्होंने इसके जरिए उठाया है। शादी के लिए लड़की का सिर्फ गोरा होना आवश्यक है, इनमें से एक है। फिल्म में कनपुरिया भाषा के लोकप्रिय शब्द (बौड़म, कंटाप, भौकाल, चिकाई) भी सुनाई देंगे। फिल्म के लिए अमर की रिसर्च काबिले तारीफ है।

जानकारी

क्लाइमेक्स के लिए करना होगा थोड़ा इंतजार

फिल्म के बैकग्राउंड म्यूजिक से लेकर गाने तक, सब अच्छा है। पहला हाफ भी काफी मजेदार है। हालांकि, क्लाइमेक्स के लिए आपको थोड़ा इंतजार करना पड़ेगा। क्लाइमेक्स आने के बाद एक बार फिर कहानी रफ्तार पकड़ लेती है। आपके फिर मजा आने लगेगा।

रिव्यू

क्यों देखें फिल्म?

'बाला' को सिर्फ एक नहीं बल्कि कई कारणों से देखा जा सकता है। पहला कि फिल्म फुल ऑन इंटरटेनर है। दूसरा, इसके डायलॉग्स आपको काफी ज्यादा हसाएंगे। तीसरा, आयुष्मान और भूमि की बेहद दमदार एक्टिंग। इसको देखने का महत्तवपूर्ण कारण- अपने आप में कमियों को छोड़कर खूबियों को तलाशिये, जिंदगी आसान हो जाएगी। ऐसे में खुद से दोबारा प्यार करने के लिए आप 'बाला' तो देख ही सकते हैं। न्यूज़बाइट्स ने फिल्म को पांच में से चार स्टार दिए हैं।

Advertisement