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पद्म भूषण से सम्मानित मशहूर उड़िया कवि रमाकांत रथ नहीं रहे, नरेंद्र मोदी ने जताया शोक
प्रसिद्ध कवि रमाकांथ रथ का निधन (तस्वीर: एक्स/@manasrmangaraj)

पद्म भूषण से सम्मानित मशहूर उड़िया कवि रमाकांत रथ नहीं रहे, नरेंद्र मोदी ने जताया शोक

Mar 16, 2025
04:47 pm

क्या है खबर?

प्रसिद्ध उड़िया कवि और पूर्व प्रशासनिक अधिकारी रमाकांत रथ का रविवार को खारवेल नगर स्थित उनके घर पर निधन हो गया। वे 90 वर्ष के थे। उनके परिवार के सदस्यों ने यह जानकारी दी। रमाकांत रथ को भारत सरकार द्वारा पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। उनके परिवार में तीन बेटियां और एक बेटा हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके निधन पर शोक जताते हुए साहित्य जगत में उनके योगदान को भी सराहा है।

श्रद्धांजलि

प्रधानमंत्री ने यूं दी रमाकांत को श्रद्धांजलि

प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने एक्स पर लिखा, 'रमाकांत रथ जी ने एक प्रभावी प्रशासक और विद्वान के रूप में अपनी पहचान बनाई। उनकी रचनाएं, विशेषकर कविताएं, समाज के सभी वर्गों में व्यापक रूप से लोकप्रिय हैं। उनके निधन से बहुत दुःख हुआ। दुख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार के साथ हैं।' रमाकांत ने राज्य और केंद्र सरकार में भी कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया और 1992 में ओडिशा के मुख्य सचिव के पद से सेवानिवृत्त हुए।

ट्विटर पोस्ट

प्रधानमंत्री ने जताया शोक

रचनाएं

रमाकांत की रचनाएं और सम्मान

रमाकांत के प्रमुख काव्य संग्रहों में केते दिनारा (1962), सप्तम ऋतु (1977), सचित्र अंधारा (1982), श्री राधा (1985) और श्रेष्ठ कविता (1992) शामिल हैं। उनकी कई कविताओं का अनुवाद अंग्रेजी और अन्य भाषाओं में भी किया गया है। उन्हें 1977 में साहित्य अकादमी पुरस्कार, 1984 में सरला पुरस्कार, 1990 में विषुव सम्मान और 2009 में साहित्य अकादमी फेलोशिप से नवाजा गया था। साहित्य के क्षेत्र में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए उन्हें 2006 में पद्म भूषण से नवाजा गया था।