
मशहूर अभिनेता और फिल्म निर्माता मंगल ढिल्लों का निधन, कैंसर से थे पीड़ित
क्या है खबर?
मनोरंजन जगत से एक दुखद खबर सामने आ रही है। दिग्गज अभिनेता और फिल्म निर्माता मंगल ढिल्लों का 11 जून को कैंसर से लंबी जंग के बाद निधन हो गया।
अभिनेता का लुधियाना के एक अस्पताल में काफी समय से इलाज चल रहा था, लेकिन कुछ दिनों पहले उनकी हालत बिगड़ गई और अपने जन्मदिन (18 जून) से एक सप्ताह पहले उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया।
उनके असामयिक निधन से पंजाबी और हिंदी फिल्म उद्योग में शोक है।
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सुखबीर सिंह बादल ने जाताया दुख
ढिल्लों के निधन की खबर अभिनेता यशपाल शर्मा ने फेसबुक पर दी है।
खबर सामने आने के तुरंत बाद शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने अभिनेता के निधन पर संवेदना व्यक्त करते हुए ट्वीट किया।
उन्होंने लिखा, 'पंजाबी सिनेमा उद्योग के प्रसिद्ध अभिनेता, लेखक, निर्देशक और निर्माता मिस्टर ढिल्लों के निधन के बारे में जानकर दुख हुआ। यह भारतीय सिनेमा के लिए एक बड़ी क्षति है। बहुत से लोग उनके प्रदर्शन को याद करेंगे।'
ट्विटर पोस्ट
यहां देखें ट्वीट
Saddened to learn about the demise of noted actor, writer, director and producer of Punjabi cine industry Mr Mangal Dhillon. It’s a big loss to the world of Indian Cinema. His captivating voice and theatrical displays will be missed by many. I extend my heartfelt condolences to… pic.twitter.com/Jh7Oxst9CP
— Sukhbir Singh Badal (@officeofssbadal) June 11, 2023
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पंजाब में हुआ था जन्म
पंजाब के फरीदकोट जिले के कोटकपुरा के पास जटाना में जन्मे ढिल्लों ने पंजाब से ही शुरुआती शिक्षा हासिल की थी।
इसके बाद वह अपने परिवार के साथ उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी चले गए थे और वहां आगे की पढ़ाई की।
हालांकि, बाद में वह पंजाब वापस लौट आए और 1979 में पंजाब विश्वविद्यालय में थिएटर का हिस्सा बन गए।
1980 में उन्होंने अभिनय में स्नातकोत्तर डिप्लोमा भी किया और फिर रंगमंच की दुनिया में आ गए।
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छोटे पर्दे से शुरू किया था सफर
मंगल ढिल्लों ने अपने करियर की शुरुआत 1986 में टीवी शो 'कथा सागर' से की थी। इसी साल वह हिट टीवी शो 'बुनियाद' में लुभया राम के किरदार में नजर आए।
इसके बाद वह कई फिल्मों में दिखे और फिर 1993 में टीवी शो 'जूनून' के साथ दोबारा छोटे पर्दे पर वापसी की, जिसमें वह सुमेर राजवंश की भूमिका में नजर आए थे।
वह 'मुजरिम हाजिर', 'मौलाना आजाद', 'परमवीर चक्र', 'युग' और 'नूरजहां' जैसे कई शोज का हिस्सा रहे हैं।
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इन फिल्मों में आए नजर
ढिल्लों पंजाबी फिल्म उद्योग के बड़े सितारे थे और उन्होंने 80 के दशक में बॉलीवुड में अपनी पहचान बनाई।
उन्हें 'खून भरी मांग', 'प्यार का देवता', 'रणभूमि', 'विश्वात्मा' और 'ट्रेन टू पाकिस्तान' जैसी फिल्मों के लिए जाना जाता है।
ढिल्लों ने 'एमडी एंड कंपनी' के नाम से अपना खुद का प्रोडक्शन हाउस भी खोला था, जिसके बैनर तले उन्होंने पंजाबी फिल्मों का निर्माण किया।
उन्हें अपनी फिल्म 'खालसा' के लिए उन्हें पंजाब सरकार से बाबा फरीद पुरस्कार भी मिला था।