'उमराव जान' के लिए खुद को राष्ट्रीय पुरस्कार के काबिल नहीं मानती थीं रेखा
रेखा की गिनती हिंदी सिनेमा की बड़ी और सफल अभिनेत्रियों में होती है। 'घर' से लेकर 'मुकद्दर का सिकंदर' और 'खूबसूरत' जैसी कई फिल्मों में वह अपने अभिनय का जौहर दिखा चुकी हैं। 1981 में आई 'उमराव जान' भी रेखा के करियर की शानदार फिल्मों में से है। इस फिल्म में उनके बेजोड़ अदाकारी के लिए उन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा गया था, लेकिन रेखा खुद को इस काबिल नहीं मानती थीं। आइए जानते हैं उन्होंने ऐसा क्यों कहा था।
उर्दू उपन्यास उमराव जान 'अदा' पर आधारित थी फिल्म की कहानी
'उमराव जान' में रेखा ने एक तवायफ का किरदार निभाया था। इसमें उनके साथ फारुख शेख, नसीरुद्दीन शाह, राज बब्बर आदि कलाकारों ने काम किया था। फिल्म की कहानी उर्दू उपन्यास उमराव जान 'अदा' पर आधारित थी। कहा जाता है कि इस फिल्म के लिए रेखा को उनकी मां ने तैयार किया था। फिल्म के निर्देशक मुजफ्फर अली रेखा की मां के पास इस फिल्म की कहानी लेकर गए थे। इसके बाद रेखा फिल्म का हिस्सा बनी थीं।
रेखा को नहीं आता था उर्दू का एक भी शब्द
एक इंटरव्यू में रेखा ने कहा था, "जब मुझे पता चला कि उमराव जान के लिए मुझे राष्ट्रीय पुरस्कार दिया जा रहा है तो मैं दंग रह गई, क्योंकि मुझे तो उर्दू तक नहीं आती थी। मैंने इस फिल्म के लिए कोई ट्रेनिंग नहीं ली थी।" उन्होंने कहा, "इस बात पर भरोसा करना मुश्किल होगा, लेकिन 'उमराव जान' के लिए मैंने उर्दू का एक शब्द भी नहीं सीखा था। आज भी मुझे 'की' और 'का' के साथ परेशानी होती है।"
"मैंने फिल्म में कुछ खास नहीं किया"
रेखा ने कहा, "मुझे नहीं लगता कि मैंने 'उमराव जान' में ऐसा कुछ खास किया, जिसके लिए मुझे राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया जाए। जब यह अवॉर्ड मिला तो मुझे यकीन नहीं हो रहा था।" उन्होंने कहा, "फिल्म को लेकर बस एक माहौल बन गया था। मैं उस वक्त अपनी जिंदगी में एक ऐसी उथल-पुथल से गुजर रही थी कि वो स्थिति मेरे चेहरे पर आ गई। बाकी मुझे नहीं लगता कि मैं इसके लिए प्रतिष्ठित पुरस्कार की हकदार थी।"
'उमराव जान' में रेखा ने छोड़ी छाप
'उमराव जान' की कहानी तब से शुरू होती है, जब उमराव एक जवान लड़की थी और उसका नाम अमीरन था। लोग उसको अगवा कर लेते हैं और फिर उसे कोठे पर बेच देते हैं। रेखा ऐसी जगह से हैं, जहां उन्होंने कभी हिंदी तक नहीं सुनी थी, लेकिन इस फिल्म में उन्होंने हिंदी तो अच्छी बोली ही, साथ ही उर्दू में भी कमाल किया। फिल्म में रेखा का डांस, अदाएं और नजाकत को दर्शक आज भी भुला नहीं पाए हैं।
न्यूजबाइट्स प्लस (फैक्ट)
अब भले ही रेखा फिल्मों से दूर रहती हों, लेकिन टीवी रियलिटी शो में वह गेस्ट के तौर पर दिखती रहती हैं। रेखा को आखिरी बार 2018 में फिल्म 'यमला पगला दीवाना: फिर से' में देखा गया था। फिल्म में उन्होंने मेहमान भूमिका निभाई थी।