कंगना रनौत हुईं फिल्म 'राजकर' की मुरीद, सरदार वल्लभभाई पटेल को बताया शिव का अवतार
क्या है खबर?
कंगना रनौत अक्सर ही अपने बयानों के चलते सुर्खियों में बनी रहती हैं।
हाल ही में अभिनेत्री याता सत्यनारायण के निर्देशन में बनी फिल्म 'राजकर: द साइलेंट जेनोसाइड ऑफ हैदराबाद' के ट्रेलर लॉन्च पर पहुंची थीं।
इस दौरान अभिनेत्री ने फिल्म की तारीफ करते हुए इसकी टीम का हौसला बढ़ाया तो सरदार वल्लभभाई पटेल की तुलना भगवान शिव से कर दी।
इतना ही नहीं कंगना जय श्रीराम के नारे भी लगाती हुई नजर आईं।
बयान
"ट्रेलर देख लिया फिल्म का प्रचार करने का निर्णय"
इस दौरान कंगना ने कहा कि वह इस फिल्म का हिस्सा नहीं हैं। उन्होंने 2 दिन पहले ही इसका ट्रेलर देखा, जो उन्हें काफी पसंद आया। ऐसे में उन्हें लगा कि इसका प्रचार किया जाना चाहिए।
वह कहती हैं, "हमने किताबों में पंडित नेहरू और महात्मा गांधी के बारे में ही पढ़ा है। ऐसे बहुत से लोग हैं, जिनके बारे में हम नहीं जानते। ये PR का चलन आज ही नहीं आया है, ये राजा-महाराजाओं के समय से है।"
महत्वपूर्ण
'रजाकर' जैसी फिल्मों को बताया जरूरी
कंगना ने कहा, "मैं सरदार वल्लभभाई पटेल को शिव का अवतार मानती हूं। जिस तरह से भगवान शिव ने सती के अंगों को एक-साथ रखा था, उसी तरह पटेल ने आजादी के बाद हमारे टूटते हुए भारत को एक साथ बांधकर रखा था। उन्होंने देश की आत्मा और एकता को बचाया था।"
अभिनेत्री का कहना है कि आज के समय में 'रजाकर' जैसी फिल्मों की जरूरत है, ताकि लोग इस तरह की घटनाओं को पर्दे पर देखकर सच्चाई जान सकें।
विस्तार
हैदराबाद और कश्मीर के मुद्दे पर की बात
कंगना कहती हैं कि भारत की आजादी के 396 दिन के बाद हैदराबाद को आजादी मिली। हैदराबाद के निजाम भारत के साथ नहीं आना चाहते थे तो जनता भारत के साथ रहना चाहती थी। टुकड़ा गैंग कहता है कि हम टुकड़ों में बसने वाले राज्य थे।
कश्मीर की जनता भी भारत के साथ नहीं आना चाहती थी, लेकिन वहां के राजा राजी थे। हालांकि, हैदराबाद के मुद्दे को पटेल ने सुलझाया तो कश्मीर की समस्या का समाधान नेहरू ने किया।
रिलीज
इस दिन रिलीज होगी फिल्म
'रजाकर' की कहानी 1948 के हैदराबाद मुक्ति आंदोलन के इर्द-गिर्द घूमती है। इसमें गुंडमपल्ली, पार्कला और भैरनपल्ली गांवों में हुए अत्याचारों को दर्शाया जाएगा। फिल्म में महेश अचंता, राज अर्जुना और अनुसूया भारद्वाज शामिल हैं।
यह हिंदी, तमिल, तेलुगु, कन्नड़ और मलयालम में 1 मार्च को सिनेमाघरों में दस्तक देगी।
लोकसभा चुनाव से पहले फिल्म की रिलीज को लेकर निर्माता और भाजपा नेता गुडूर नारायण रेड्डी का कहना है कि इसका चुनाव से कोई लेना-देना नहीं है। यह इतिहास दिखाएगी।