रत्ना पाठक शाह ने देर से मिली सफलता पर कहा- पहले मैं बेवकूफ थी
रत्ना पाठक शाह के लिए यह साल बेहद अच्छा रहा। इस साल वह कई वेब सीरीज में नजर आईं और आखिर में 'धक धक' में 'मोटरसाइकिल वाली नानी' बनकर दर्शकों का दिल जीता। भले ही रत्ना ने 1983 में बड़े पर्दे पर कदम रखा था, लेकिन वह बीते 1 दशक में फिल्म जगत में मशहूर हुई हैं। अब एक बातचीत में उन्होंने देर से मिली सफलता पर बात की है। उन्होंने बताया कि कैसे शुरुआत में वह गंभीर नहीं थीं।
पहली फिल्म में गंभीर नहीं थीं रत्ना
इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में उन्होंने अपने शुरुआती सफर के बारे में बताया। डेब्यू फिल्म 'मंडी' के बारे में रत्ना ने हंसते हुए कहा, "अगर आप 2 मिनट के लिए नजरें हटाएंगे, तो मुझे नहीं देख पाएंगे। नसीर (नसीरुद्दीन शाह) और मेरी नई-नई शादी हुई थी। वह शूटिंग के लिए चले गए। श्याम (बेनेगल) ने मुझसे अपने साथ आने के लिए कहा था, तो मैं चली गई। मैं उसमें बस यहां-वहां घूम रही थी। मैं सालों तक घूमती ही रही।"
मैं स्मिता पाटिल, शबाना आजमी जैसी नहीं थी- रत्ना
रत्ना ने उनको मिलने वाली छोटी भूमिकाओं के बारे में कहा, "मुझे यह मानना होगा कि मैं अच्छी नहीं थी। मैं शबाना आजमी या स्मिता पाटिल जैसा अलग चेहरा नहीं थी। उन्होंने पर्दे पर महिलाओं को देखने का नजरिया बदल दिया। मैं न यहां की थी ना वहां की। उनकी (फिल्म निर्माताओं) की गलती नहीं है कि वे उन भूमिकाओं से हटकर मेरी कल्पना नहीं कर पा रहे थे, जो मैं कर रही थी।"
रत्ना ने कहा- मैं बेवकूफ थी
शुरुआती दिनों में रत्ना ने केतन मेहता द्वारा निर्देशित एक नाटक में काम किया था। उन्होंने कहा, "यह मेरे लिए बहुत फायदेमंद अनुभव रहा। मैंने इन लोगों को देखकर बहुत कुछ सीखा। मैं उन दिनों बेवकूफ थी। मैं जो देखती थी, वही सीखने की कोशिश करती थी। कोई भी शुरुआत में सही नहीं होता। अगर आप एक बिंदु से शुरू करें और वहीं रह जाएं, तो आपने कुछ नहीं किया। अगर आप वहां से आगे बढ़ें, इसका मतलब काम हुआ।"
छोटे पर्दे पर सफल रहीं रत्ना
रत्ना इस साल जनवरी में आई वेब सीरीज 'ट्रायल बाई फायर' में नजर आई थीं। इसके बाद वह 'हैपी फैमिल, कंडीशन्स अप्लाई' और 'चार्ली चोपड़ा एंड द मिस्ट्री ऑफ सोलंग वैली' में नजर आईं। वह गुजराती फिल्म 'कच्छ एक्सप्रेस' का भी हिस्सा थीं। रत्ना ने 1983 की फिल्म 'मंडी' से फिल्मों में कदम रखा था। हालांकि, फिल्मों से ज्यादा वह अपने टीवी शो के लिए लोकप्रिय रहीं। 'साराभाई वर्सेज साराभाई' में माया साराभाई के किरदार ने उन्हें नई पहचान दिलाई।