'डंकी रिव्यू': शाहरुख खान और राजकुमार हिरानी की फिल्म में छाए विक्की कौशल
'पठान' और 'जवान' की ब्लॉकबस्टर सफलता के बाद शाहरुख खान एक बार फिर सिनेमाघरों में अपनी फिल्म 'डंकी' के साथ लौट आए हैं। इसके लिए शाहरुख ने पहली बार निर्देशक राजकुमार हिरानी से हाथ मिलाया है, जिसका प्रशंसक भी लंबे समय से इंतजार कर रहे थे। इस साल आई पहली दोनों फिल्मों में शाहरुख एक्शन करते दिखे तो इसमें उनका अलग अवतार नजर आया है। आइए जानते हैं कि राजकुमार और शाहरुख की जोड़ी उम्मीदों पर खरा उतरी या नहीं।
ऐसी है फिल्म की कहानी
ये कहानी पंजाब के लाल्टू से शुरू होती है, जहां हार्डी (शाहरुख) की मुलाकात मनु (तापसी पन्नू), बुग्गु (विक्रम कोच्चर) और बल्ली (अनिल ग्रोवर) से होती है। इनका सिर्फ एक ही सपना है कि इन्हें वीजा लेकर जल्द से जल्द लंदन जाना है, लेकिन इनके इस ख्वाब का हकीकत में बदलना इतना आसान नहीं है। ऐसे में वे कई जुगाड़ लगाते हैं, लेकिन बात नहीं बनती। आखिर में उन्हें अंग्रेजी सीखकर स्टूडेंट वीजा पर लंदन जाने का रास्ता मिलता है।
शुरू होगी वापस वतन लौटने की तैयारी
गुलाटी (बोमन ईरानी) के कोचिंग सेंटर में अंग्रेजी सीखने के दौरान सभी की मुलाकात सुखी (विक्की कौशल) से होती है, जो लंदन जाने के लिए बहुत बेचैन है। हालांकि, बल्ली के अलावा सभी वीजा पाने से चूक जाते हैं और सुखी के साथ हुई एक घटना किसी भी कीमत पर उन्हें लंदन जाने की हिम्मत देती है। वे लंदन पहुंचे भी, लेकिन अब उन्हें अब अपने वतन वापस आना है और फिर कहानी इसी के इर्द-गिर्द घूमती है।
ऐसा रहा सितारों का प्रदर्शन
शाहरुख, हार्डी के किरदार को पर्दे पर दर्शाने में सफल रहते हैं। हार्डी की जवानी और बुढ़ापे दोनों को ही वह बखूबी निभाते हैं। तापसी भी हर मौके पर बाजी मारती हैं और मजाकिया अंदाज में शाहरुख के साथ उनकी टाइमिंग लाजवाब लगती है। इनके अलावा बोमन, विक्रम और अनिल भी शानदार लगते हैं। हालांकि, सुखी के रूप में विक्की ने सबसे बढ़िया काम किया और छोटी भूमिका होने के बावजूद अपनी उम्दा अदाकारी से छाप छोड़ने में सफल रहे।
कैसा रहा हिरानी का निर्देशन?
हिरानी पर्दे पर अपनी बेहतरीन कहानी कहने की कला के लिए जाने जाते हैं। इस फिल्म के जरिए भी वह डंकी बनकर यानी अवैध रूप से विदेश जाने वाले लोगों की कहानी को दिखाने में सफल रहे हैं। पहला भाग शानदार है तो दूसरे भाग खींचा हुआ लगता है। ऐसे में हिरानी संपादन में कुछ हद तक चूक गए हैं और कुछ सीन भी बचकाने लगते हैं। हालांकि, फिल्म बीच-बीच में हंसाने के साथ आंखों में आंसू भी ला देगी।
साबित हुई हिरानी की सबसे कमजोर फिल्म
हिरानी अपनी फिल्मों के लिए ऐसे कहानियां चुनते हैं, जो सीधे दिल को छू जाती हैं। आमिर खान के साथ आई फिल्म '3 इडियट्स' में वह कॉलेज के बाद बच्चों पर पड़ने वाले नौकरी के बोझ की कहानी लाए तो 'पीके' के साथ उन्होंने विश्वास दिलाया कि एलियन हो सकते हैं। 'डंकी' उनकी बाकी फिल्मों जैसी नहीं है। इसे उनकी अब तक की सबसे कमजोर फिल्म कहा जा सकता है, जिसमें निर्देशन और कहानी कहने में वह असफल रहे हैं।
कहानी में नहीं किया कमाल
'डंकी' में कलाकारों का शानदार प्रदर्शन भी कमजोर कहानी की भेंट चढ़ गया। ऐसे में कई जगह पर फिल्म को देखकर लगता है कि शायद अभी यह रिलीज के लिए तैयार नहीं थी और इसमें सुधार किया जा सकता था। इसमें दिखाया है कि सभी का लंदन जाना किसी न किसी वजह से जुड़ा है, लेकिन सुखी की कहानी को छोड़कर अन्य कोई भी भावनात्मक रूप से जुड़ाव महसूस नहीं कराती। ऐसे में विक्की अंत तक याद रहते हैं।
यहां भी खलेगी कमी
'डंकी' में शाहरुख के साथ तापसी की जोड़ी ने पहली बार पर्दे पर कदम रखा है। दोनों को साथ में देखने के लिए दर्शक काफी उत्सुक थे, लेकिन उनका प्यार जैसे ही परवान पर चढ़ता है, कहानी नया मोड़ ले लेती है। ऐसे में दोनों साथ में ज्यादा प्रभाव नहीं डाल पाते। फिल्म के दूसरे भाग को गंभीर बनाने में कुछ सीन बेवजह के लगते हैं तो डायलॉग भी कोई खास कमाल नहीं दिखा पाए हैं।
देखें या नहीं देखें?
क्यों देखें?- अगर आप शाहरुख और हिरानी के प्रशंसक हैं तो इस फिल्म को सिनेमाघरों में जाकर देख सकते है। इसमें साथी कलाकारों का भी शानदार प्रदर्शन दिखने को मिलेगा। क्यों न देखें?- अगर आपको एक्शन फिल्में देखना पसंद हैं और उम्मीद कर रहे हैं कि शाहरुख का 'पठान' और 'जवान' की तरह एक्शन अवतार दिखने को मिलेगा तो यह आपको निराश करेगी। ऐसे में आप इसके OTT पर आने का इंतजार कर सकते हैं। न्यूजबाइट्स स्टार- 2.5/5