नवाजुद्दीन ने अपने करियर के बारे में की बात, नेपोटिज्म के लिए दर्शकों को बताया जिम्मेदार
क्या है खबर?
बॉलीवुड अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी आज इंडस्ट्री के जाने-माने कलाकारों में से एक बन चुके हैं। इस मुकाम तक पहुंचने के लिए उन्होंने कई मुश्किलों का सामना किया है।
कम ही लोगों ने शायद ध्यान हो कि नवाजुद्दीन को 1999 में रिलीज हुई आमिर खान की फिल्म 'सरफरोश' में देखा गया था। इसी फिल्म से उन्होंने अपने अभिनय करियर की शुरुआत की थी।
हालांकि, उन्हें लोकप्रियता 2012 में अनुराग कश्यप की फिल्म 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' से मिली थी।
आमिर खान
'सरफरोश' में मिला था छोटा रोल
नवाजुद्दीन ने TOI को अपनी पहली फिल्म 'सरफरोश' में आमिर के साथ काम करने को लेकर बताया इस फिल्म के दौरान उनकी आमिर से कभी बात नहीं हुई।
नवाजुद्दीन ने कहा, "सरफरोश के बाद और 'तलाश' से पहले मैं 'पीपली लाइव' के सेट पर आमिर से मिला। उस समय मैंने उन्हें बताया कि हमने एक मिनट के रोल में 'सरफरोश' में काम किया था। यह जानकार वह इतने खुश हुए कि बीच में शूटिंग रोककर सबको यह सीन बताने लगे।"
अन्य फिल्म
मुन्ना भाई MBBS का भी हिस्सा थे नवाजुद्दीन
नवाजुद्दीन ने 2003 में संजय दत्त की फिल्म 'मुन्ना भाई MBBS' में काम किया था।
उन्होंने बताया, "तब मैं व्यक्तिगत तौर पर संजय दत्त से नहीं मिला। क्योंकि मैं भीड़ में था।"
उन्होंने कहा, "इसके बाद हमारी कई बार मुलाकात हुई, वह शानदार शख्स हैं। हम संपर्क में नहीं हैं क्योंकि वह हम दोनों काम में व्यस्त हो गए। लेकिन जब मैंने उनकी बीमारी की खबर सुनी तो मैं हैरान था। मैं उनके जल्द ठीक होने का कामना करता हूं।"
इरफान खान
इरफान खान के साथ नवाजुद्दीन की फिल्मों को नहीं मिली रिलीज
नवाजुद्दीन ने इरफान को भी याद करते हुए कहा, "मैंने उनके साथ बहुत किया है। वह मेरे गुरु रहे हैं। उनकी बहुत याद आती है। उन्होंने मुझे मेरे करियर में भी बहुत सपोर्ट किया है।"
उन्होंने कहा कि वह जब भी परेशान होते थे तो इरफान से सलाह लिया करते थे।
नवाजुद्दीन ने आगे कहा कि उन्होंने इरफान के साथ कई फिल्मों में काम किया है जो आज तक कभी रिलीज नहीं हो पाईं।
नेपोटिज्म
नेपोटिज्म के लिए नवाजुद्दीन ने दर्शकों को बताया जिम्मेदार
बॉलीवुड में फैले नेपोटिज्म को लेकर नवाजुद्दीन ने कहा कि नेपोटिज्म हर जगह फैला है। उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि नेपोटिज्म के दर्शक सबसे ज्यादा जिम्मेदार हैं। क्योंकि वही हैं जो फिल्में देखने के लिए जाते हैं।"
उन्होंने आगे कहा कि अगर बॉलीवुड के बारे में सिर्फ बुरी बातें ही की जाएंगी तो इंडस्ट्री में नए टैलेंट्स कदम ही नहीं रखेंगे। इसीलिए अब यह नेपोटिज्म और इंसाइडर-आउटसाइडर की बहस बंद होनी चाहिए।