नसीरुद्दीन शाह को हुआ अपने रवैये पर पछतावा, बोले- मेरे अति आत्मविश्वास ने बिगाड़ा खेल
क्या है खबर?
नसीरुद्दीन शाह की गिनती हिंदी सिनेमा के सबसे मंझे हुए अभिनेताओं में होती है। उन्होंने कड़ी मेहनत और लगन से बॉलीवुड में अपना एक खास मुकाम हासिल किया है। नसीरुद्दीन ने अपने करियर में कई दमदार भूमिकाएं निभाई हैं।
अब भले ही अभिनय की पाठशाला माने जाने वाले नसीरुद्दीन ने कई यादगार फिल्में की हों, लेकिन उन्हें कभी इंडस्ट्री में स्टार का दर्जा नहीं मिला।
हाल ही में उन्होंने स्टारडम का स्वाद न चख पाने का जिम्मेदार खुद को ठहराया।
दिल की बात
आत्मविश्वास ने बिगाड़ा खेल
एक न्यूज पोर्टल से नसीरुद्दीन ने कहा, "मेरी उम्र 20 साल थी, जब मैं नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा (NSD) में था। उस वक्त सोचता था कि मैं बहुत बढ़िया काम कर रहा हूं। समझ नहीं आता था कि मैं इतना अच्छा कलाकार हूं। कोई मुझे लीड एक्टर का किरदार क्यों नहीं दे रहा?"
उन्होंने कहा, "करियर के शुरुआती दिनों में मेरा यही रवैया मुझ पर भारी पड़ा। कला को लेकर मेरा अति आत्मविश्वास मेरे करियर के विकास में बाधा बना।"
अंदाज
पूरे स्वैग के साथ NSD में आए थे नसीरुद्दीन
नसीरुद्दीन ने कहा, "मैं NSD पूरे स्वैग के साथ आया था। अलीगढ़ विश्वविद्यालय से था, जहां मैं मंच का हीरो था। लड़कियां मुझे जानती थीं। इस तरह की चीजें थीं। अपना अलग ही स्वैग होता था, लेकिन NSD से जब निकलने लगा तो अपनी हकीकत समझ आई।"
उन्होंने कहा, "मेरे करीबी दोस्त ओम पुरी वहां मेरे साथ थे। उन्हें देख लगा कि ये 3 साल में कितने आगे बढ़ गए हैं और मैं वहीं हूं, जहां से शुरू किया था।"
चिंता
सताने लगी काम की चिंता
नसीरुद्दीन ने आगे कहा, "जब मैंने बॉलीवुड में कदम रखा तो धीरे-धीरे मेरा खुद को लेकर रवैया बदलने लगा। पुरी को देख मैं घबरा गया कि मैंने इतने साल NSD में किया क्या? मैंने वहां सीखा क्या? बस अपना वक्त बर्बाद किया। इस विचार ने मेरा दिमाग खराब कर दिया था।"
उन्होंने कहा, "मैं वहां से बाहर आने के बाद सोचने लगा कि अब क्या करूंगा? अपने लिए रोटी कमाने कहां जाऊंगा?"
बदलाव
फिल्मी दुनिया ने बदल दिया सब कुछ
नसीरुद्दीन ने कहा, "मुझे फिल्मों में काम मिलने लगा। मैंने इंडस्ट्री की ओर रुख कर लिया, लेकिन फिर यह कभी आसान नहीं रहा। जैसा मैं सोचा करता था, सब कुछ उससे अलग था। वो जो पहले वाला दौर था, वो कभी वापस नहीं आया। हर चीज मुश्किल थी। मुझे पेड़ों के चारों ओर घूमकर गाने गाने थे, जिसका मैंने कभी अभ्यास नहीं किया था।"
उन्होंने कहा, "अब न तो मैं अति आत्मविश्वासी हूं और ना ही असुरक्षित हूं।"
आलोचना
अपने सबसे बड़े आलोचक हैं नसीरुद्दीन
नसीरुद्दीन ने यह भी बताया कि वह अपनी हर फिल्म नहीं देखते। उन्होंने कहा, "मैं अपना सबसे बड़ा आलोचक हूं। मेरी फिल्में या काम भले ही दर्शकों को बहुत पसंद आता हो, लेकिन मुझे उसमें कोई न कोई कमी जरूर नजर आती है। यही वजह है कि मैं अपनी सारी फिल्में नहीं देखता।"
उन्होंने कहा, "कुछ फिल्में तो मैंने ऐसे कीं, जिन्हें मैं बर्दाश्त नहीं कर सकता। मुझे समझ नहीं आता कि वो चल कैसे गईं।"
करियर
नसीरुद्दीन ने जीते कई पुरस्कार
नसीरुद्दीन ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत 1975 में आई फिल्म 'निशांत' से की थी। इसमें उनका किरदार छोटा था, लेकिन इस फिल्म ने बॉलीवुड में उनके लिए दरवाजे खोल दिए थे।
नसीरुद्दीन ने 'स्पर्श' और 'पार' जैसी फिल्मों के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार जीता था। इतना ही नहीं वह पद्मश्री और पद्म भूषण सम्मान हासिल कर चुके हैं।
नसीरुद्दीन पिछली बार 'ताज डिवाइडेड बाय ब्लड' के दूसरे सीजन में दिखाई दिए। उन्होंने सीरीज में अकबर का किरदार अदा किया है।