अमरीश पुरी के यादगार डायलॉग्स, जिनका आज भी है बोलबाला
कम ही लोगों को पता होगा कि अभिनेता अमरीश पुरी बॉलीवुड में हीरो बनने आए थे, लेकिन अपने स्क्रीन टेस्ट में वह असफल हो गए। उनकी यह असफलता हिन्दी फिल्म इंडस्ट्री के लिए एक तोहफा साबित हुई और इंडस्ट्री को सबसे बड़ा खलनायक मिला। अमरीश पुरी के निभाए हुए खलनायकों के किरदार बॉलीवुड के सबसे यादगार खलनायकों में से एक हैं। 22 जून को अभिनेता की जन्मतिथि है। आइए नजर डालते हैं इन खलनायकों के यादगार डायलॉग्स पर।
'जा सिमरन, जी ले अपनी जिंदगी'
फिल्म 'दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे' का यह डायलॉग आज तक लोगों की जुबान पर है। फिल्म में अमरीश पुरी ने सिमरन (काजोल) के पिता का किरदार निभाया था जो उसे उसके प्रेमी राज (शाहरुख खान) से दूर रखना चाहता है। आखिर में उनका मन बदल जाता है और इस डयलॉग के साथ वह सिमरन को राज के पास जाने के लिए कहते हैं। शाहरुख-काजोल की यह फिल्म 1995 में आई थी। फिल्म ने दोनों सितारों को अलग पहचान दी।
'मोगैम्बो खुश हुआ'
अनिल कपूर और श्रीदेवी की फिल्म 'मिस्टर इंडिया' में अमरीश ने विलेन मोगैम्बो का किरदार निभाया था। फिल्म में जब भी मोगैम्बो के मन की कोई बात होती तो वह ये डायलॉग कहता है। 1987 में आई इस फिल्म का यह डायलॉग उस पीढ़ी के बच्चे-बच्चे की जबान पर रहा। न सिर्फ यह डायलॉग बल्कि, मोगैम्बो का किरदार भी बॉलीवुड के सबसे यादगार नकारात्मक किरदारों में से एक है। फिल्म में श्रीदेवी ने एक पत्रकार की भूमिका निभाई थी।
'कोई झूठ इतना महान नहीं होता कि जिसके सामने सिर झुकाया जाए'
अमरीश पुरी का यह डायलॉग 1998 में आई उनकी फिल्म 'झूठ बोले कउआ काटे' का है। फिल्म में जूही चावला और अनिल कपूर मुख्य भूमिका में थे। इनके अलावा फिल्म में अनुपम खेर और रीमा लागू भी थीं। फिल्म का निर्देशन ऋषिकेश मुखर्जी ने किया था। ऋषिकेश 80 के दशक में यह फिल्म अमोल पालेकर के साथ बनाना चाहते थे, लेकिन इसकी शुरुआत 1998 में हो सकी। इस वजह से उन्हें फिल्म में अनिल को लेना पड़ा।
'तबादलों से इलाके बदलते हैं, इरादे नहीं'
आज के समय में भले ही 'सिंघम' जैसे पुलिस किरदारों का बोलबाला है, लेकिन इससे कहीं पहले अमरीश पुरी पुलिस अफसर के किरदार से दर्शकों का दिल जीत चुके थे। 2004 में आई फिल्म 'गर्व: द प्राइड ऐंड ऑनर' में उन्होंने पुलिस कमिश्नर समर सिंह के किरदार से अपनी छाप छोड़ी थी। फिल्म में वह एक ईमानदार और मेहनती अफसर के रूप में नजर आए थे। इस फिल्म में सलमान खान, अरबाज खान और शिल्पा शेट्टी भी दिखाई दिए थे।
'ऊपर वाला रॉन्ग हो सकता है, मगर डॉन्ग कभी रॉन्ग नहीं होता'
अमरीश पुरी का यह डायलॉग फिल्म 'तहलका' का है। धर्मेन्द्र, नसीरुद्दीन शाह, मुकेश खन्ना, अमरीश पुरी, शम्मी कपूर जैसी स्टारकास्ट वाली यह फिल्म 1992 में रिलीज हुई थी। फिल्म में आदित्य पंचोली ने भी काम किया था। फिल्म में अमरीश पुरी ने डॉन्ग का दमदार किरदार निभाया था। उनका यह डायलॉग काफी लोकप्रिय हुआ। रिपोर्ट्स के अनुसार अभिनेता ने इस किरदार के बारे में खुद कहा था कि यह खलनायक मोगैम्बो को भी पीछे छोड़ सकता है।