मनोज बाजपेयी की 'जोरम' को परिणाम जानते हुए किया सिनेमाघरों में रिलीज, बोले- करना था प्रयोग
मनोज बाजपेयी इन दिनों अपनी नेटफ्लिक्स सीरीज 'किलर सूप' के प्रचार-प्रसार में व्यस्त चल रहे हैं। अब अभिनेता ने अपनी फिल्म 'जोरम' को सिनेमाघरों में देखने के लिए बड़ी संख्या में दर्शकों के न आने पर नाराजगी व्यक्त की। अभिनेता का कहना है कि लोग अपने मनोरंजन के लिए हजारों रुपये खर्च करते हैं, लेकिन असली सिनेमा नहीं देखते। साथ ही उन्होंने बताया कि परिणाम जानते हुए भी वे 'जोरम' को सिनेमाघरों में लेकर आए क्योंकि उन्हें प्रयोग करना था।
जानबूझकर 'जोराम' को कम सिनेमाघरों में किया रिलीज
जिस्ट के साथ मनोज 'जोराम' के बॉक्स ऑफिस प्रदर्शन पर चर्चा कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने दर्शकों की ओर इशारा करते हुए कहा कि वे जानते हैं कि इनमें से किसी ने फिल्म नहीं देखी होगी। वह कहते हैं कि उन्होंने जानबूझकर 'जोराम' को कम सिनेमाघरों में रिलीज किया था क्योंकि वे यह जानना चाहते थे कि क्या दर्शकों का दिमाग उसी तरह काम करता है जैसा वे सोचते हैं, या दर्शक दूसरी तरह की फिल्में देखना चाहते हैं।
अपनी फिल्मों के प्रति दर्शकों की दिलचस्पी देखना चाहते हैं मनोज
मनोज कहते हैं कि जिन्होंने 'जोरम' देखी उन्हें यह पसंद आई और वे लोगों से इसे देखने के लिए कह रहे हैं। हालांकि, ज्यादातर लोग ऐसी फिल्मों पर यकीन नहीं करते और अगर करते हैं तो मुफ्त में देखना चाहते हैं, लेकिन वे दूसरी फिल्मों को उधार लेकर भी देख आएंगे। मनोज मानते हैं कि ये दर्शकों की अपनी पसंद है, लेकिन वो देखना चाहते हैं कि उन्हें जैसी फिल्में बनानी हैं, उन्हें देखने में दर्शकों की कितनी दिलचस्पी है।
"सोच समझकर लिया फिल्म को सिनेमाघरों में लाने का जोखिम"
अब ज्यादातर छोटे बजट की और कंटेंट से भरपूर फिल्में सीधे OTT प्लेटफॉर्म पर रिलीज होती हैं तो 'जोरम' को सिनेमाघरों में लाना एक सोचा समझा जोखिम था। मनोज कहते हैं कि सभी फिल्में आखिर में OTT पर आएंगी। हमने परिणाम जानते हुए भी प्रयोग किया। हम 'जोरम' को सिनेमाघरों में कम स्क्रीन पर रिलीज करके देखना चाहते थे कि दर्शक इसे देखने के लिए घरों से बाहर निकलेंगे या नहीं। टिकट सस्ते होने के बाद भी लोग नहीं आए।
अभिनेता ने बड़ी फिल्मों की तुलना में 'जोरम' को बताया सफल
मनोज ने बताया कि 'जोरम' 350 स्क्रीन्स पर रिलीज हुई थी। ऐसे मे अगर इन सभी स्क्रीन्स पर लोग फिल्म देखते तो 60 लाख रुपये की कमाई हो जाती। निर्माता करोड़ों रुपये कमाने के बारे में नहीं सोच रहे थे, उन्हें एक जोखिम लेना था। अभिनेता ने कहा कि फिल्म ने रोजाना लगभग 15-19 लाख रुपये की कमाई की, जो 5000-6000 स्क्रीन पर रिलीज होने वाली बड़ी फिल्मों की तुलना में अच्छी है। ऐसे में 'जोरम' एक सफल फिल्म है।
ऐसी है फिल्म की कहानी
देवाशीष मखीजा द्वारा लिखित और निर्देशित 'जोरम' की कहानी दसरू की है, जो पत्नी की हत्या का आरोप लगने के बाद 3 महीने की बेटी के साथ वापस गांव जाने की कोशिश में जुटा है। फिल्म ने महज 40 लाख रुपये की कमाई की थी।
अभिनेता इन फिल्मों-सीरीज का हैं हिस्सा
मनोज अब अभिनय के बाद बतौर निर्माता भी अपनी किस्मत आजमाना चाहते हैं। अभिनेता फिल्म 'भैयाजी' का निर्माण कर रहे हैं, जिसमें उनकी पत्नी शबाना रजा साथ देंगी। इस फिल्म का निर्देशन अपूर्व सिंह कार्की करेंगे। अभिनेता ने राम रेड्डी के साथ भी एक फिल्म के लिए हाथ मिलाया है और वह ZEE5 पर आई 'साइलेंस' के सीक्वल का भी हिस्सा हैं। इसके अलावा मनोज वेब सीरीज 'द फैमिली मैन' के अगले सीजन के साथ भी वापसी करने वाले हैं।