मनोज बाजपेयी की मां का निधन, पिछले कुछ दिनों से अस्पताल में थीं भर्ती
अभिनेता मनोज बाजपेयी की मां गीता देवी का गुरुवार को निधन हो गया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, गीता देवी उम्र संबंधी बीमारी के कारण दिल्ली के मैक्स पुष्पांजलि अस्पताल में भर्ती थीं, जहां उन्होंने 80 वर्ष की आयु में अंतिम सांस ली। अभिनेता के प्रवक्ता ने मनोज की मां के निधन की पुष्टि की है। उस समय मनोज अपनी मां के साथ ही थे। बता दें कि अभिनेता के पिता का पिछले साल अक्टूबर में निधन हुआ था।
अंतिम समय में मां के साथ थे अभिनेता
इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत करते हुए प्रवक्ता ने बताया, "सर (मनोज) की मां का आज सुबह साढ़े आठ बजे निधन हो गया। वह तबीयत पिछले 20 दिनों से ठीक नहीं थीं और मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था।" रिपोर्ट्स के मुताबिक, अस्पताल में भर्ती होने के बाद अभिनेता की मां की सेहत में सुधार दिख रहा था। हालांकि, बीती रात उनकी तबीयत बिगड़ने लगी और आज सुबह उन्होंने अंतिम सांस ली।
फिल्ममेकर अशोक पंडित ने दी श्रद्धांजलि
फिल्ममेकर अशोक पंडित ने दिवंगत आत्मा को श्रद्धांजलि दी है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, 'मनोज बाजयेपी आपकी आदरणीय मां के दुखद निधन पर आपके और आपके पूर परिवार को हमारी हार्दिक संवेदनाएं, ओम शांति।'
फिल्ममेकर अशोक पंडित ने जताया दुख
83 की उम्र में हुआ था मनोज के पिता का निधन
पद्मश्री विजेता रह चुके मनोज के पिता राधाकांत बाजपेयी का 83 साल की उम्र में निधन हो गया था। मनोज अपने माता-पिता के बेहद करीब थे। साक्षात्कार के दौरान वह कई बार अपनी मां की कुछ सीखों को दोहराते हुए नजर आए हैं। एक्टर ने एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि उनकी मां उनसे अक्सर कहती है कि जिसे सफलता नहीं मिलती उसे कभी बेवकूफ नहीं समझना चाहिए।
मनोज ने बनाई अपनी अलग पहचान
प्रसिद्ध अभिनेता मनोज ने हिंदी के अलावा तमिल और तेलुगू भाषा में बनी फिल्मों में भी काम किया है। यूं तो अभिनेता ने फिल्मों में डेब्यू साल 1994 में आई शेखर कपूर की 'बैंडिट' क्वीन से किया था, लेकिन उन्हें पहचान साल 1998 में आई राम गोपाल वर्मा की फिल्म 'सत्या' से मिली। अभिनेता को 'सत्या' और 'शूल' के लिए फिल्मफेयर बेस्ट एक्टर का अवॉर्ड व 'पिंजर' के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार (स्पेशल जूरी) मिल चुका है।