क्रिकेट विश्व कप 2003 की मेजबानी कर खूब रोईं थी मंदिरा बेदी, खुद बताया कारण
क्या है खबर?
बॉलीवुड से लेकर टीवी तक अपना नाम बनाने वाली मंदिरा बेदी एक बेमिसाल मेजबान भी हैं, जो विश्व कप से लेकर इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) तक की मेजबानी कर चुकी हैं।
सभी उनकी मेजबानी की तारीफ करते हैं, लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि एक समय ऐसा था जब एक मेजबान के रूप में उन्हें भेदभाव का सामना करना पड़ा था।
यह बात साल 2003 में हुए विश्व कप की है, जिसका खुलासा कर मंदिरा ने सबको चौंका दिया है।
अनदेखा
मंदिरा के सवालों को किया जाता था अनसुना
ह्यूमन्स ऑफ बॉम्बे को मंदिरा ने बताया कि कैसे 2003 विश्व कप के पैनल में शामिल लोग उनके सवालों को अनसुना कर देते थे।
मंदिरा बोलीं, "यह आसान नहीं था क्योंकि पैनल में मेरे अलावा कोई महिला नहीं थी। ऐसे में बाकी सदस्य किसी महिला की मौजूदगी से उत्साहित नहीं थे। क्रिकेट विशेषज्ञ बस मेरे चेहरे को घूरते थे और फिर कैमरे में देखकर अपने अनुसार बोलते थे। किसी को परवाह नहीं थी कि आखिर मैंने क्या पूछा है?"
रोईं
खूब रोती थीं मंदिरा
मंदिरा के अनुसार वह एक हफ्ते तक काफी परेशान रहीं और खूब रोईं, लेकिन इसके बाद उन्होंने अपने अंदर बदलाव किया।
अभिनेत्री ने कहा, "शो खत्म होने के बाद मैं अपना सिर नीचे करके रोती थी और बाकी लोग मुझसे कॉफी के लिए पूछकर बस चले जाते थे। मैं एक हफ्ते तक दुखी रही और किसी ने मुझसे कुछ नहीं कहा। मैं हकला रही थी और घबराई हुई भी थी और मुझे कहीं से कोई समर्थन नहीं मिल रहा था।"
बदलाव
कैसे मंदिरा के लिए बदली क्रिकेट की दुनिया?
मंदिरा ने खुलासा किया कि जहां उनके सवालों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं देता था, वहीं दूसरे मेजबान के सवालों का सभी जवाब देते थे। एक हफ्ते बाद उन्हें बुलाया गया और उनसे बदलाव करने के लिए कहा गया।
अभिनेत्री ने ऐसा ही किया और फिर उनके लिए क्रिकेट की दुनिया भी रंगीन हो गई। मंदिरा ने बताया कि एक बार टाइगर पटौदी स्टूडियो में आए और कहा, "आप वही मंदिरा हैं, जिनके बारे में हर कोई बात कर रहा है?"
जानकारी
इन टूर्नामेंट्स की मेजबानी कर चुकी हैं मंदिरा
मंदिरा ने साल 2003 क्रिकेट विश्व कप की मेजबानी करने के बाद साल 2007 में हुए विश्व कप में भी मेजबानी की थी। इसके साथ ही अभिनेत्री को साल 2004 और 2006 में चैंपियंस ट्रॉफी और IPL सीजन 2 की भी मेजबानी करते देखा गया।
करियर
छोटे पर्दे से शुरू किया करियर
मंदिरा ने बतौर अभिनेत्री अपना अभिनय सफर साल 1994 में छोटे पर्दे से किया था। वह पहली बार दूरदर्शन के सीरियल 'शांति' में नजर आई थीं।
इसके बाद वह 'क्योंकि सास भी कभी बहु थी', 'जस्सी जैसी कोई नहीं', 'CID' जैसे सीरियल में काम करती दिखाई दीं।
मंदिरा की पहली फिल्म 'दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे', जिसमें उन्होंने प्रीति का किरदार निभाया था। फिल्म में बेशक मंदिरा का किरदार छोटा रहा हो, लेकिन उनकी खूबसूरती ने सबका दिल जीत लिया था।