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जयंती विशेष: जोहरा सहगल की फिल्म थी कान्स में पहुंचने वाली पहली भारतीय फिल्म
अंतरराष्ट्रीय ख्याति पाने वालीं अभिनेत्री जोहरा सहगल

जयंती विशेष: जोहरा सहगल की फिल्म थी कान्स में पहुंचने वाली पहली भारतीय फिल्म

Apr 27, 2023
07:47 am

क्या है खबर?

जोहरा सहगल के बारे में कहा जाता है कि अपनी जिंदादिली की वजह से वह कभी बूढ़ी नहीं हुईं। जोहरा भारतीय सिनेमा की उन अभिनेत्रियों में शुमार हैं, जिन्होंने आने वाली पीढ़ी की लड़कियों के लिए यह राह आसान बनाई थी। जोहरा का जन्म 27 अप्रैल, 1912 को हुआ था। वह एक नवाबी खानदान की बेटी थीं। जोहरा के अंदर कला कूट-कूटकर भरी थी। बचपन से ही वह नृत्य कर रही थीं। आइए, जानते हैं जोहरा की दिलचस्प बातें।

बचपन 

उत्तर प्रदेश में हुआ था जन्म

जोहरा का जन्म उत्तर प्रदेश के रामपुर के रियायसत के नवाबी खानदान में हुआ था। जोहरा का पूरा नाम मुमताज उल्लाह खान बेगम था। रिपोर्ट्स के अनुसार, महज 1 साल की उम्र में ग्लूकोमा की वजह से जोहरा की एक आंख की रोशनी चली गई थी। बाद में यह ठीक हो गई थी। बचपन में ही जोहरा ने अपनी मां को खो दिया था, जिसके बाद उन्हें पढ़ाई के लिए लाहौर भेज दिया गया।

नृत्य 

यूरोप में सीखा मॉडर्न डांस

जोहरा को बचपन से ही नृत्य का शौक था। उन्होंने यूरोप जाकर मॉडर्न डांस की पढ़ाई भी की थी। वे शिक्षा पूरी करने के बाद भारत आकर वह मशहूर नृतक उदय शंकर के ग्रुप में शामिल हो गईं। इस ग्रुप के साथ उन्होंने जापान, मिस्त्र, यूरोप, अमेरिका समेत कई देशों में अपनी प्रस्तुति दी। इसी ग्रुप में उनकी मुलाकात कामेश्वर सहगल से हुई। वह उनके प्यार में पड़ गईं और परिवार के खिलाफ जाकर उनसे शादी कर ली।

अभिनय 

विभाजन के बाद हुआ अभिनय से वास्ता

देश के विभाजन के बाद जोहरा अपने पति के साथ मुंबई में रहने लगीं। यहां वह पृथ्वी थिएटरी से जुड़ीं और कई साल तक मंच पर अभिनय किया। 1946 में फिल्म 'धरती के लाल' से उन्होंने बड़े पर्दे पर अपने सफर की शुरुआत की। चेतन आनंद की 'नीचा नगर' से उन्हें अंतरराष्ट्रीय ख्याति मिली। करियर की दूसरी पारी में वह 'सांवरिया', 'चीनी कम', 'वीर जारा' जैसी फिल्मों में नजर आई थीं।

पुरस्कार

102 वर्ष में हुआ निधन

जोहरा संगीत नाटक एकैडमी, पद्मश्री, कालीदास सम्मान, पद्म भूषण और पद्म विभूषण से सम्मानित की जा चुकी थीं। जुलाई 2014 को न्यूमोनिया से उनका निधन हो गया था। वह 102 वर्ष की थीं। सितंबर 2020 में गूगल ने उनकी फिल्म 'नीचा नगर' के कान्स फिल्म फेस्टिवल में प्रसारित होने की सालगिरह पर डूडल के जरिए उन्हें सम्मानित किया था। यह कान्स अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल में प्रदर्शित होने वाली पहली भारतीय फिल्म थी।