प्रसिद्ध गायक किशोर कुमार के बारे में ये बातें शायद ही आप जानते होंगे
बॉलीवुड के एक मशहूर गायक, अभिनेता, निर्देशक और संगीतकार रहे किशोर कुमार को कौन नहीं जानता है। किशोर दा को उनके रोमांटिक गीतों से लेकर दर्द भरे नगमों के लिए जाना जाता है। शुरुआती दिनों में उनका नाम अभास कुमार गांगुली था, जिसे बाद में बदलकर उन्होंने किशोर कुमार कर दिया। 4 अगस्त को उनकी 90वीं जयंती थी। इसके अवसर पर हम उनके बारे में कुछ ऐसी बातें बताने जा रहे हैं, जिनके बारे में कम लोग जानते होंगे।
किशोर दा को पसंद नहीं था अभिनय
शुरुआत में किशोर दा को लोग बॉलीवुड अभिनेता अशोक कुमार के छोटे भाई के रूप में जानते थे, लेकिन कुछ ही दिनों में उन्होंने अपनी एक अलग पहचान बना ली। कई हिट फिल्मों में काम करने के बाद भी उन्हें अभिनय से नफ़रत थी। इसके बाद जल्द ही उन्होंने गायन में अपनी गंभीर रुचि विकसित की। उनके गाने 'तुम बिन जाऊँ कहाँ' 'ज़िंदगी एक सफ़र है सुहाना' और चला जाता हूँ' देखते ही देखते लोगों की ज़ुबान पर चढ़ गया।
हर तरह के गायन में माहिर थे किशोर दा
किशोर दा अपने मस्ती भरे गीतों से जहाँ लोगों को हँसाने का काम करते थे, वहीं अपने दर्द भरे नगमों से लोगों की आँखों में आँसू ला देते थे। शास्त्रीय संगीत में प्रशिक्षित न होने के बाद भी किशोर दा ने 'खाइके पान बनारस वाला', इस मोड़ से जाते हैं', 'ये शाम मस्तानी' और 'तुम आ गए हो' जैसे गाने गाकर अपनी गायन प्रतिभा दिखाई। किशोर दा के बारे में कुछ ऐसी ही बातें हैं, जिनके बारे में यहाँ जानें।
प्रकृति प्रेमी थे किशोर दा
कई लोगों को लगता है कि किशोर दा ने संगीत में विद्या अर्जित करके गायन शुरू किया होगा, लेकिन ऐसा नहीं है। वो प्रशिक्षित गायक नहीं थे और न ही उन्हें किसी राग की जानकारी थी। किशोर दा ने एक बार 1985 में प्रीतेश नंदी के साथ एक इंटरव्यू में कहा था "पेड़ों के साथ दोस्ती करने में क्या गलत है।" इससे उनका प्रकृति प्रेम ज़ाहिर होता है। वो इंसानों की तरह ही पेड़-पौधों को भी महत्व देते थे।
किशोर दा ने गाए 10 भारतीय भाषाओं में गाने
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि किशोर दा ने न केवल हिंदी बल्कि बंगाली, गुजराती, मराठी, असमिया, मलयालम, उड़िया और कन्नड़ सही 10 भारतीय भाषाओं में गाने गाए हैं।
किशोर कुमार का प्रसिद्ध गाना 'खिलते हैं गुल यहाँ'
पारिश्रमिक को लेकर बहुत विशेष थे किशोर दा
वो अपने पारिश्रमिक के बारे में बहुत विशेष थे। एक बार एक निर्माता ने उन्हें एडवांस भुगतान किया और कहा कि बाक़ी भुगतान वो फिल्म पूरा होने के बाद करेंगे। अगले दिन किशोर कुमार ने सेट पर अपने आधे मुड़े हुए सिर और मूँछों के साथ पहुँचकर सबको चौंका दिया। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वो तब तक हर शॉट में ऐसे ही दिखाई देते रहेंगे, जब तक उन्हें प्रारिश्रमिक की पूरी रकम नहीं मिल जाती है।
पुरुष और महिला दोनों संस्करणों को अकेले गाया
किशोर दा कितने प्रतिभाशाली थे आपको इस घटना से पता चल जाएगा। फिल्म 'हाफ़ टिकट' के गाने 'आके सीधी दिल पे लागे' में उन्होंने पुरुष और महिला दोनों संस्करणों को अकेले गया था। जबकि, महिला वाला भाग लता मंगेशकर को गाना था।
निजी जीवन में भी काफ़ी मज़ाक़िया थे किशोर दा
किशोर दा न केवल फिल्मों में बल्कि अपने निजी जीवन में भी काफ़ी मज़ाक़िया थे। उन दिनों उनके बंगले के बाहर एक साइनबोर्ड हुआ करता था, जिस पर "किशोर से सावधान" लिखा हुआ था। 'चलती का नाम गाड़ी' फिल्म के गाने 'पाँच रूपैय्या बारह आना' की प्रेरणा 5.75 रुपये पर आधारित थी, जो उन्होंने इंदौर में अपने कॉलेज कैंटीन में दिए थे। उस गाने में उन्होंने मधुबाला के साथ रोमांस किया था, जो बाद में उनकी दूसरी पत्नी बनीं।
आठ साल बाद टूट गई थी पहली शादी
किशोर दा की पहली पत्नी रूमा गुहा ठाकुरता थीं। शादी के 8 साल बाद दोनों के रिश्तों में दरार आनी शुरू हो गई और उन्होंने रूमा से तलाक ले लिया। रूमा से तलाक के बाद किशोर दा ने मधुबाला से 1960 में शादी कर ली, लेकिन शादी के कुछ दिनों बाद ही मधुबाला को दिल में छेद होने का पता चला। किशोर दा उन्हें लंदन ले गए, लेकिन शादी के कुछ सालों बाद ही मधुबाला का निधन हो गया।
किशोर दा ने की थी चार शादियां
मधुबाला के जाने के बाद किशोर दा की जिंदगी में योगिता बाली आईं, लेकिन केवल दो सालों में ये शादी टूट गई। इसके बाद किशोर दा ने लीना चंद्रावरकर से शादी की थी। इस तरह किशोर दा ने अपने जीवन में चार शादियाँ की थी।