पिता को साइकिल पर बैठाकर 1,200 किलोमीटर चलने वाली ज्योति खुद बनेगी फिल्म 'आत्मनिर्भर' का हिस्सा
लॉकडाउन में बिहार की एक 15 साल की लड़की ज्योति कुमारी पासवान अपने घायल पिता को साइकिल पर बैठाकर हरियाणा के गुरुग्राम से बिहार के दरभंगा पहुंच गई थी। इतनी सी उम्र में साइकिल से 1,200 किलोमीटर का सफर तय पर ज्योति पूरे देश में चर्चा का विषय अब चुकी हैं। अब फिर से वह सुर्खियों में हैं, लेकिन इस बार उनकी फिल्म को लेकर चर्चा हो रही है। जिसमें वह खुद नजर आने वाली हैं।
कई मुद्दों को दिखाने की होगी कोशिश
ज्योति पर फिल्म बनाने के अधिकार चार दोस्तों शाइन कृष्णा, मिराज, फिरोज और साजिद नांबियार ने हासिल किए हैं। इसका निर्देशन कृष्णा करने वाले हैं। इसे अगस्त तक रिलीज करने की उम्मीद की जा रही है। फिल्म को 'आत्मनिर्भर' नाम दिया गया है। फिल्म में सिर्फ ज्योति की कहानी ही नहीं दिखाई जाएगी, बल्कि उन मुद्दों को भी दिखाने की कोशिश होगी जिसने इस 15 साल की लड़की को गर्मी में साइकिल चलाने के लिए मजबूर कर दिया।
ज्योति के पिता के लिए अभिनेता की तलाश जारी
इस फिल्म की शूटिंग उन हिस्सों में की जाएगी जो गुरुग्राम से दरभंगा तक ज्योति के रास्ते में आए थे। अपनी इस फिल्म को लेकर कृष्णा ने बताया कि इसमें काल्पनिक चीजों के साथ कई अन्य घटनाओं को भी जोड़ा जाएगा। उन्होंने बताया कि फिलहाल ज्योति के पिता की भूमिका के लिए वह अभिनेता की तलाश में है। बता दें कि इस फिल्म को कृष्णा की ही करीब दो दशक पुरानी कंपनी WeMakeFilmz प्रोड्यूस करने जा रही है।
कई भाषाओं में रिलीज और डब होगी ज्योति की फिल्म
फिल्म को हिन्दी, अंग्रेजी और मैथिली भाषाओं में बनाने के अलावा कई भाषाओं में डब किया जाएगा। कृष्णा ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय दर्शकों के लिए फिल्म को 'अ जर्नी ऑफ अ माइग्रेंट' नाम दिया गया है। फिल्म में 20 भाषाओं का सब्टाइटल भी दिया जाएगा।
फेमस होने के बाद बदल गई ज्योति की जिंदगी
इस फिल्म को साइन किए जाने को लेकर ज्योति ने PTI से कहा "बहुत अच्छा लग रहा है।" लोगों का ध्यान उनके परिवार पर आने के बाद हुए बदलावों को लेकर किए गए सवाल पर ज्योति ने बताया कि बहुत कुछ बदल गया है। ज्योति ने इस बातचीत यह भी कहा कि उनके पिता अब गुरुग्राम काम पर वापिस नहीं जा रहे हैं। वह अब भी अपने परिवार के साथ दरभंगा में ही हैं।
विनोद कापड़ी भी बनाने वाले थे फिल्म
इससे पहले खबर आई थी कि फिल्मकार विनोद कापड़ी भी ज्योति की जिंदगी पर फिल्म बनाने जा रहे हैं। उनका कहना था कि वह पिता और बेटी की इस कहानी को एक अलग ढंग से पर्दे पर पेश करेंगे। यहां तक भी कहा गया था कि मोहन पासवान ने विनोद कापड़ी की कंपनी BFPL के साथ एक कॉन्ट्रैक्ट भी साइन कर लिया है। हालांकि, इस फिल्म पर आगे क्या हुआ इस बारे में कोई जानकारी निकलकर सामने नहीं आई।
जनवरी से शुरु हुआ था ज्योति के परिवार का संघर्ष
गौरतलब है कि ज्योति के परिवार के लिए संघर्ष जनवरी से ही शुरु हो चुका था। जब उसके पिता मोहन पासवान जो कि एक एक रिक्शा चालक हैं, वह घायल हो गए थे। इसके बाद गुरुग्राम में वह जिस घर में रहते थे, वहां के मालिक ने उन्हें जल्द ही किराया चुकाने या लॉकडाउन में ही घर खाली करने के लिए कह दिया। इसके बाद ज्योति को गांव लौटने के अलावा दूसरा कोई रास्ता नहीं सूझा।