'चांद पर चढ़ाई' से माधवन की 'रॉकेट्री' तक, जब अंतरिक्ष पहुंचीं भारतीय फिल्में और लूटी वाहवाही
क्या है खबर?
हिंदी सिनेमा में साइंस फिक्शन फिल्में कम ही बनी हैं, लेकिन जो भी आईं, ज्यादातर दर्शकों की कसौटी पर खरी उतरीं। भारत में फिल्म 'कलाई आरसी' से सांइस फिक्शन फिल्मों का सफरनामा हुआ था। उसके बाद कई फिल्म निर्माताओं ने भारतीय सिनेमा में ऐसे प्रयोग किए।
फिर बॉलीवुड में पहली बार 'चांद पर चढ़ाई' नाम की एक साइंस फिक्शन फिल्म बनी।
आइए आपको अंतरिक्ष विज्ञान से जुड़ीं ऐसी कुछ चुनिंदा बेहतरीन भारतीय फिल्मों के बारे में बताते हैं।
#1
'चांद पर चढ़ाई'
56 साल पहले जब इंसानों ने चांद पर कदम भी नहीं रखा था, उस वक्त बॉलीवुड ने 'चांद पर चढ़ाई' नाम की फिल्म बनाई थी।
1967 में इस ब्लैक एंड व्हाइट फिल्म में रॉकेट लॉन्चिंग के दृश्य भी दिखाए गए थे। इसमें चांद पर पहुंचने की पूरी प्रक्रिया दिखाई गई थी।
फिल्म में पहलवान दारा सिंह लीड रोल में थे। इसमें उनके किरदार को चांद की धरती पर उतरते हुए दिखाया गया। यह बॉलीवुड की पहली साइंस फिक्शन फिल्म है।
#2
'मिशन मंगल'
जगन शक्ति के निर्देशन में बनी 'मिशन मंगल' में अक्षय कुमार, विद्या बालन, सोनाक्षी सिन्हा, तापसी पन्नू और कीर्ति कुलहारी जैसी अभिनेत्रियां नजर आई थीं। यह फिल्म प्रयास और प्रयोग के सिद्धांत को आगे बढ़ाती है।
फिल्म भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (ISRO) के 2013-14 के मिशन मार्स पर आधारित है। फिल्म में मिशन मार्स प्रोजक्ट की कमान ISRO के एक फेल मिशन के वैज्ञानिक राकेश धवन (अक्षय) के हाथों में थी।
फिल्म डिज्नी प्लस हॉटस्टार पर देखी जा सकती है।
#3
'कोई मिल गया'
ऋतिक रोशन की फिल्म 'कोई..मिल गया' भारत में अंतरिक्ष यान और एलियन पर बनी सुपहिट फिल्म थी। फिल्म में दूसरी दुनिया से आया प्राणी अपने परिवार से बिछड़कर पृथ्वी पर ही रह जाता है, जिसे ऋतिक रोशन फिर से उसके घर पहुंचने में मदद करते हैं।
इस फिल्म में ऋतिक के साथ प्रीति जिंटा मुख्य भूमिका में थीं। ऋतिक के अभिनय ने फिल्म में दर्शकों का दिल जीत लिया था।
आप ZEE5 पर इस फिल्म का लुत्फ उठा सकते हैं।
#4
'कार्गो'
नेटफ्लिक्स पर आई 'कार्गो' का ढांचा रोचक है। हॉलीवुड या पश्चिमी देशों में बनने वाली महंगी अंतरिक्ष फिल्मों की तुलना में सीमित संसाधनों में बनी 'कार्गो' अंतरिक्ष यात्रा का सुंदर नमूना है।
साइंस फिक्शन में रुचि है तो यह बेशक आपको पसंद आएगी। फिल्म में विक्रांत मैसी और श्वेता त्रिपाठी ने मुख्य भूमिका निभाई थी और दोनों का अभिनय सहज था।
श्कार्गो' में साल 2027 का समय दिखाया गया था, जब इंसान चांद से आगे बृहस्पति तक पहुंच जाएगा।
#5
'अंतरिक्षम 9000 KMPH'
इस फिल्म का निर्देशन संकल्प रेड्डी ने किया था। यह एक शानदार साइंस फिक्शन एडवेंचर फिल्म है, जो तेलुगु में बनी है। इस फिल्म की कहानी स्पेस स्टेशन की कार्यप्रणाली के इर्द-गिर्द घूमती है।
स्पेस में सैटेलाइट कैसे काम करती है, उसमें वैज्ञानिकों की क्या भूमिका है, इसे फिल्म में बखूबी दिखाया गया है। फिल्म की कहानी देव नाम के एक वैज्ञानिक के जीवन पर आधारित है।
अमेजन प्राइम वीडियो पर यह फिल्म देखी जा सकती है।
#6
'रॉकेट्री: द नांबी अफेक्ट'
आर माधवन अभिनीत यह फिल्म पद्मभूषण सम्मान से सम्मानित और ISRO के एयरोस्पेस इंजीनियर नांबी नारायणन की जिंदगी पर आधारित है।
एक ऐसे महान वैज्ञानिक, जिन्होंने रॉकेट साइंस की दुनिया में भारत को ऊंचा उठाने के लिए अपना सब कुछ दांव पर लगा दिया। इसके बदले उन पर देश से गद्दारी करने का ठप्पा लगा दिया गया।
फिल्म भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में नांबी के जबरदस्त योगदान को दिखाती है।
आप यह फिल्म जियो सिनेमा पर देख सकते हैं।
जानकारी
न्यूजबाइट्स प्लस
'कलाई आरसी' पहली भारतीय साइंस फिक्शन फिल्म थी, जो 1963 में आई थी। इसमें एम. जी. रामचन्द्रन मोहन, भानुमति वाणी और एम. एन. नांबियार नजर आए थे। एलियंस के धरती पर आने की अवधारणा को पर्दे पर उतारने वाली यह पहली भारतीय फिल्म थी।