जन्मदिन विशेष: धर्मेंद्र को इन पांच फिल्मों ने बनाया हिंदी सिनेमा का 'हीमैन'
क्या है खबर?
दिग्गज अभिनेता धर्मेंद्र ने बिना किसी गॉडफादर के हिंदी सिनेमा में अपना वो मुकाम बनाया, जिसे पूरी दुनिया सलाम करती है। वह जब भी जिस भी रूप में आए, उनकी मौजूदगी ने रंग जमा दिया।
गरम धरम और एक्शन किंग कई नामों से पुकारे जाने वाले धमेंद्र आज यानी 8 दिसंबर को वह अपना 87वां जन्मदिन मना रहे हैं।
आइए इस मौके पर उनकी उन पांच यादगार फिल्मों और किरदारों के बारे में जानतें हैं, जिन्हें सिनेप्रमी भूल नहीं पाएंगे।
#1
फूल और पत्थर
1966 में रिलीज हुई यही वो फिल्म थी, जिसने धर्मेंद्र की तकदीर बदलकर रख दी। यह धर्मेंद्र की पहली ऐसी फिल्म थी, जिसने उनकी पर्दे पर 'हीमैन' के साथ एक रोमांटिक छवि भी गढ़ी थी।
यह फिल्म सुपरहिट रही। फिल्म में धर्मेंद ने एक शातिर चोर शाका की भूमिका निभाई थी। शर्ट उतारकर बॉडी दिखाने की शुरुआत हिंदी सिनेमा में धर्मेंद्र ने अपनी इसी फिल्म से की थी।
फिल्म 'फूल और पत्थर' आप अमेजन प्राइम वीडियो पर देख सकते हैं।
#2
शोले
'शोले' धर्मेंद्र को हमेशा याद करने वाली फिल्म बनी। इसमें उन्होंने वीरू की भूमिका निभाई। उनके डायलॉग 'मौसी' और 'बसंती इन कुत्तों के सामने मत नाचना' आज भी याद किए जाते हैं।
यादगार तो पूरी फिल्म थी, लेकिन वीरू का पानी की टंकी वाला सीन सबसे ज्यादा हिट हुआ। 1975 में आई रमेश सिप्पी के निर्देशन में बनी यह फिल्म आज भी जब टीवी पर आती है तो लोग इसे देखने बैठ जाते हैं।
'शोले' प्राइम वीडियो पर मौजूद है।
#3
धरम वीर
1977 में रिलीज हुई फिल्म 'धरम वीर' ऐसे जुड़वा भाइयों की कहानी थी, जिसमें मामा अपने दो भांजों को अलग कर देता है।
फिल्म में इन दोनों जुड़वा भाइयों का किरदार धर्मेंद्र और अभिनेता जितेंद्र ने निभाया। दोनों एक-दूसरे के अच्छे दोस्त बन जाते हैं। धर्मेंद्र ने फिल्म में धरम का किरदार निभाया, जो एक लोहार था।
मनमोहन देसाई के निर्देशन में बनी इस एक्शन कॉमेडी का लुत्फ आप MX प्लेयर पर उठा सकते हैं।
#4
सत्यकाम
ऋषिकेश मुखर्जी के निर्देशन में बनी 1969 में आई फिल्म 'सत्यकाम' ने भले ही बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन नहीं किया, लेकिन इसके जरिए धर्मेंद्र का एक अलग ही चेहरा सामने आया।
एक ईमानदार इंजीनियर और आदर्शवादी व्यक्ति सत्यप्रिय का किरदार उन्होंने इतनी बखूबी पर्दे पर उतारा कि सिनेप्रेमी उनकी तारीफ किए बिना नहीं रह पाए। बहुत से दर्शक और समीक्षक हैं, जिनकी नजर में 'सत्यकाम' धर्मेंद्र के करियर का सबसे बड़ा प्रतिमान है।
यह फिल्म यूट्यूब पर मौजूद है।
#5
मेरा देश मेरा गांव
1971 में जब धर्मेंद्र की फिल्म 'मेरा गांव मेरा देश' रिलीज हुई थी, उस समय पूरा हिंदुस्तान राजेश खन्ना की रोमांटिक इमेज में डूबा हुआ था। बावजूद इसके यह फिल्म खूब चली।
इसमें भी धर्मेंद्र के अभिनय का पक्ष कभी न भूलने वाला है। धर्मेंद्र ने पॉकेट मार अजीत का किरदार जिस तरह से जिया, उसे देखने के लिए दर्शक एक बार देखी हुई फिल्म को फिर खुशी-खुशी देख सकते हैं।
यह फिल्म MX प्लेयर और यूट्यूब पर उपलब्ध है।
जानकारी
न्यूजबाइट्स प्लस
धर्मेंद्र बचपन से ही दिवंगत अभिनेता दिलीप कुमार के प्रशंसक रहे। दिलीप को अभिनय करते देख उनके मन में भी एक्टर बनने की कसक उठने लगी थी। सिनेमा के लिए उनकी यही चाहत 10वीं पास धर्मेंद्र को बिना किसी प्लानिंग के मुंबई खींच लाई थी।