इन पांच वजहों से अमिताभ की 'झुंड' देखने के लिए थिएटर जाना चाहिए
क्या है खबर?
अमिताभ बच्चन की 'झुंड' 4 मार्च को सिनेमाघरों में आई है। फिल्म में अमिताभ एक ऐसे फुटबॉल कोच की भूमिका में दिखे हैं, जो झुग्गियों के बच्चों को फुटबॉल सीखाने की ठान लेते हैं।
उन्होंने फुटबॉल कोच विजय बर्से का किरदार अदा किया है। इसमें आकाश ठोसर और रिंकू राजगुरु भी नजर आए हैं। नागराज मंजुले ने इसका निर्देशन किया है।
आज हम आपको वो पांच वजहें बताएंगे, जिसके चलते आपको फिल्म देखने के लिए थिएटर का रुख करना चाहिए।
#1
वास्तविक जीवन की प्रेरणादायक कहानी
'झुंड' की कहानी कहानी प्रसिद्ध फुटबॉल कोच विजय के जीवन पर आधारित है, जिन्होंने स्लम के बच्चों को स्टार फुटबॉलर बनाया। विजय पिछले 20 से 30 साल से बच्चों को ट्रेनिंग दे रहे हैं।
इसमें दिखाया गया है कि जो बच्चे अपराध और नशे की दुनिया में मशगूल हैं, उन्हें विजय (अमिताभ) फुटबॉल के जरिए मुख्य धारा की जिंदगी में वापस लाने की जद्दोजहद करते हैं।
फिल्म का यही थीम दर्शकों को आकर्षित करता है।
#2
अमिताभ का प्रदर्शन
'झुंड' के हीरो अमिताभ हैं और फिल्म में उन्होंने अपने किरदार के साथ बखूबी न्याय किया है। वह फुटबॉल कोच विजय की भूमिका में खूब जमे हैं।
खास बात यह है कि इस तरह का किरदार अमिताभ ने पहले कभी नहीं निभाया है। उनका लुक, गेटअप, बॉडी लैंग्वेज और स्टाइल एक फुटबॉल कोच की भूमिका के लिए मुफीद बैठता है।
अगर आप अमिताभ के फैंस है, तो यह फिल्म आपको जरूर देखनी चाहिए।
#3
अजय-अतुल का संगीत
प्रसिद्ध गायक और संगीतकार जोड़ी अजय-अतुल ने अपने संगीत से कई बार दर्शकों का दिल जीता है। इस बार भी 'झुंड' में उनकी कोशिश काबिलेतारीफ रही है।
जब से मेकर्स ने 'झुंड' का ट्रेलर रिलीज किया, तभी से इसके साउंडट्रैक की खूब चर्चा हो रही है। इसका ट्यूनिंग और धुन लोगों को पसंद आ रहा है।
फिल्म का टाइटल ट्रैक 'आया ये झुंड है' ने दर्शकों को थिरकने पर मजबूर कर दिया है।
#4
'सैराट' के कलाकार रिंकू और आकाश की उपस्थिति
इस फिल्म में रिंकू और आकाश भी अहम भूमिकाओं में हैं, जिन्होंने मराठी फिल्म 'सैराट' से प्रसिद्धि पाई थी। 'सैराट' का निर्देशन भी नागराज ने ही किया था।
फिल्म में उनके परफॉर्मेंस को देखते हुए मेकर्स ने उन्हें 'झुंड' की टोली में शामिल किया। यदि आप दोनों कलाकारों का उम्दा अभिनय देखना चाहते हैं, तो ये फिल्म आपके लिए ही है।
आकाश ने फिल्म में सांभ्या का रोल किया है, जबकि रिंकू ने मोनिका की भूमिका निभाई है।
#5
थिएट्रिकल रिलीज
'झुंड' जैसी फिल्में थिएट्रिकल रिलीज के लिए ही बनती हैं। सिनेमाघरों में ही इस फिल्म का असली मजा दर्शक उठा पाएंगे। करीब दो साल पहले जनवरी, 2020 में फिल्म की घोषणा हुई थी।
इसके बाद कोरोना महामारी के कारण इसका प्रोजेक्ट बाधित हुआ। फिल्म को सिनेमाघरों में लाने के लिए मेकर्स ने लंबा इंतजार भी किया।
दूसरी बात यह है कि कोरोना की तीसरी लहर के बाद यह उन चंद फिल्मों में शामिल है, जो थिएटर में आ चुकी हैं।
जानकारी
न्यूजबाइट्स प्लस (फैक्ट)
अमिताभ की 'झुंड' कानूनी पचड़े में भी फंस गई थी। इस फिल्म पर कॉपीराइट के नियमों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया था। इसके चलते तेलंगाना हाई कोर्ट ने फिल्म की रिलीज पर रोक लगा दी थी।