'कल हो ना हो' के 16 साल: शाहरुख छोड़ना चाहते थे फिल्म, जानें कुछ रोचक बातें
साल 2003 में रिलीज़ हुई फिल्म 'कल हो ना हो' को गुरुवार को 16 साल पूरे हो गए हैं। फिल्म को दर्शकों ने काफी पसंद किया था। 'कल हो ना हो' के 16 साल पूरे होने पर प्रोड्यूसर करण जौहर ने ट्वीट किया। वहीं, फिल्म के इतने समय बाद भी शायद दर्शकों को इससे जुड़ी कई सारी बातों के बारे में पता नहीं होगा। तो आइये जानते हैं फिल्म के बारे में पांच रोचक तथ्य।
प्रीति से पहले करीना को ऑफर हुई थी फिल्म
फिल्म 'कल हो ना हो' में प्रीति जिंटा लीड रोल में थीं। लेकिन ये बात शायद ही कम लोगों को पता हो कि फिल्म पहले करीना कपूर को ऑफर हुई थी। प्रीति ने एक बातचीत में कहा भी था, "ये फिल्म मेरे लिए बहुत खास थी क्योंकि मैंने अपना पहला प्यार खोया था। मैं उसके साथ प्यार में थी, वो नहीं था। फिल्म को मैंने खुद से जोड़ा था, कुछ बहुत अच्छी चीजें मेरे साथ फिल्म के दौरान हुईं।"
फिल्म के 16 साल पूरे होने पर करण ने किया ट्वीट
फिल्म की सक्सेस के कुछ महीनों बाद करण के पिता का हो गया था निधन
जहां फिल्म एक बड़ी हिट साबित हुई थी वहीं दूसरी ओर करण को एक बड़ा झटका भी लगा था क्योंकि उनके पिता यश जौहर का निधन कुछ महीनों बाद हो गया था। शूटिंग के दौरान शाहरुख खान की एक बड़ी सर्जरी भी हुई थी।
शाहरुख छोड़ना चाहते थे फिल्म
'कल हो ना हो' की शूटिंग के चार दिन पूरे होने के बाद शाहरुख बीमार पड़ गए थे। वह फिल्म छोड़ना चाहते थे। शाहरुख ने करण से कहा था, "मुझे लगता है कि मैं इसे नहीं कर पाऊंगा।" इसके बाद फिल्म के डायरेक्टर निखिल आडवाणी ने करण को 'कल हो ना हो' की शूटिंग को कुछ महीनों के लिए रोका जाए। इसके बाद फिल्म की शूटिंग छह महीने बाद शुरू की गई।
बेकरी में बैठे लॉय ने की थी 'कल हो ना हो' की ट्यून कंपोज
जानकारी के मुताबिक, 'कल हो ना हो' ट्यून, लॉय ने पुणे की जर्मन बेकरी में कंपोज की थी। उस समय निखिल, लॉय के साथ ही थे। निखिल, 'माय हार्ट विल गो ऑन' से काफी प्रभावित थे और वह ऐसी ही कुछ धुन बनाने के इच्छुक थे। इसेक बाद लॉय ने ट्यून बनाकर फोन में रिकॉर्ड किया था और बाद में शंकर महादेवन और एहसान नूरानी ने फिल्म के पूरे टाइटल सॉन्ग को कंपोज कर दिया।
'कल हो ना हो' को डायरेक्ट नहीं करने का करण को पछतावा
करण ने कबूल किया था कि उन्हें 'कल हो ना हो' को ना डायरेक्ट करने का पछतावा था जोकि निखिल के लिए एक ड्रीम डेब्यू साबित हुई। निखिल ने कहा था, "मैं उन्हें पछतावे के लिए दोष नहीं देता। उन्होंने इसे दिल से लिखा था, मुझे लगता है कि उन्होंने खुद को कम आंका था, उन्हें लगा था कि वह इसके साथ न्याय नहीं कर पाएंगे। अब वह जब यह कह रहे हैं तो मैं उनका दर्द समझ सकता हूं।"