#NewsBytesExplainer: कैसे बनती है फिल्म, कौन होते हैं क्रू के सदस्य? जानिए सबका योगदान
क्या है खबर?
बॉलीवुड हो या हॉलीवुड, फिल्म बनने के बाद भले ही पर्दे पर महज हीरो-हीरोइन या अन्य कलाकार नजर आते हों, लेकिन पर्दे के पीछे काम करने वाले लोगों की मदद के बिना फिल्म बनाना नामुमकिन है।
100 से ज्यादा लाेगों की टीम के सहयोग से एक फिल्म बनकर तैयार होती है।
फिल्ममेकिंग के तीनों चरण प्री-प्रोडक्शन, प्रोडक्शन और पोस्ट प्रोडक्शन में जो लोग काम करते हैं, उन्हें क्रू का सदस्य कहा जाता है।
आइए एक-एक की भूमिका समझते हैं।
जानकारी
क्रू के सदस्य
क्रू के सदस्य उन लोगों का एक समूह है, जिसे एक प्रोडक्शन कंपनी फिल्म बनाने के मकसद से काम पर रखती है। क्रू के सदस्यों को विभिन्न विभागों में बांटा गया है, जिनमें से हर कोई प्रोडक्शन के एक विशिष्ट विभाग में माहिर होता है।
#1, #2 और #3
निर्देशक, लेखक और निर्माता
निर्देशक शुरू से लेकर आखिरी तक फिल्म के साथ जुड़ा रहता है। उसका काम हर एक मोड पर होता है। फिल्म बनाते समय दिशा-निर्देश देने का काम निर्देशक का ही होता है।
लेखक फिल्म की कहानी लिखता है। हालांकि, फिल्म के लेखन में एक से ज्यादा लोग भी शामिल हो सकते हैं।
दूसरी तरफ फिल्म निर्माता फिल्म पर पैसे लगाता है और इसके लिए फंड जुटाता है। एक फिल्म के निर्माण में कई तरह के निर्माता शामिल होते हैं।
#4 और #5
डायलॉग राइटर और स्क्रीन राइटर
जो भी डायलॉग आपको किसी फिल्म में सुनाई देते हैं, उन्हें एक डायलॉग राइटर ही लिखता है। ऐसे में उसकी भूमिका खुद-ब-खुद महत्वपूर्ण हो जाती है।
दूसरी तरफ फिल्म की कहानी और डायलॉग के आधार पर उसके दृश्य को डिजाइन करने का काम स्क्रीन राइटर यानी पटकथा लेखक का होता है।
कौन-से सीन को किस तरह से शूट करना है, इसका फैसला स्क्रीन राइटर ही करता है। वह किसी भी कहानी को पटकथा में ढालने का काम करता है।
#6 और #7
लोकेशन मैनेजर और सेट डिजाइनर
फिल्म की पूरी कहानी पढ़ने के बाद लेकेशन मैनेजर कहानी के हिसाब से सीन को शूट करने की लोकेशन तय करता है।
वह क्रू का अहम सदस्य होता है, जो पूरी टीम की सुरक्षा और सुविधाओं को ध्यान में रख फिल्म के हिसाब से जगह का चयन करता है।
बात करें सेट डिजाइनर की तो ये भी क्रू का हिस्सा होता है, जो आर्ट डिजाइनर के साथ मिलकर कहानी के आधार पर सेट बनाने का काम करता है।
#8 और #9
सिनेमैटाेग्राफर और कैमरा ऑपरेटर
सिनेमेटोग्राफर कैमरे से जुड़े सभी काम देखता है। जैसे अगर निर्देशक को कोई अलग शॉट चाहिए तो वो डायरेक्टर ऑफ फोटोग्राफी (DOP) को इस बारे में बताता है और कैमरामैन की मदद से फिर उस शॉट को लेता है। यह प्रक्रिया ही सिनेमैटोग्राफी कहलाती है।
कैमरा चलाने वाले को कैमरा ऑपरेटर कहते हैं। क्रू में और भी कई कैमरा असिस्टेंट और हेल्पर होते हैं। इनमें कोई स्टेडी कैन ऑपरेटर होता है तो कोई क्रेन कैमरे को ऑपरेट करता है।
#10 और 11
साउंड मिक्सर और VFX डायरेक्टर
साउंड मिक्सर भी क्रू का हिस्सा होता है। किसी भी फिल्म की शूटिंग पूरी करने के बाद उसकी एडिटिंग का काम होता वो ही करता है। उस वक्त साउंड पर काफी काम करना होता है, लेकिन इससे पहले शूटिंग के दौरान भी कई दृश्य शूट करने में साउंड मिक्सर मदद करता है।
दूसरी तरफ बहुत से शॉट क्रोमा पर शूट होते हैं, इसके लिए तकनीकी चीजों का ध्यान रखने का काम विजुअल इफेक्ट डायरेक्टर यानी VFX डायरेक्टर का होता है।
#12 और #13
कॉस्ट्यूम डिजाइनर और मेकअप आर्टिस्ट
फिल्म में जो भी कलाकार अभिनय कर रहे हैं, उनके किरदार और लुक के हिसाब से उनके लिए कपड़े या कॉस्ट्यूम डिजाइन करने का काम कॉस्टयूम डिजाइनर करता है। वह कॉस्ट्यूम डिजाइन करते समय फिल्म के सेट का भी खास ख्याल रखता है।
दूसरी तरफ मेकअप आर्टिस्ट फिल्म में काम करने वाले कलाकारों का सजाता-संवारता है। मेकअप का काम इसके हाथ में होता है। इनमें हेयर ड्रेसिंग और बॉडी मेकअप आदि के लिए अलग-अलग आर्टिस्ट होते हैं।
#14 और #15
ट्रांसपोर्टेशन कॉर्डिनेटर और यूनिट पब्लिसिस्ट
ट्रांसपोर्टेशन कॉर्डिनेटर क्रू का एक अहम हिस्सा है। उसका काम फिल्म में काम कर रहे कलाकारों के रहने, खाने आदि की व्यवस्था का ख्याल रखना है। किसी सीन को शूट करने के लिए कहीं जाना है तो उसकी व्यवस्था भी यही करता है।
यूनिट पब्लिसिस्ट के बारे में शायद ही आपने पहले कभी सुना हो। इसकी भूमिका भी खास होती है। मीडिया में फिल्म से जुड़ी जानकारी देना और प्रेस रिलीज तैयार करने जैसे काम यूनिट पब्लिसिस्ट ही करता है।
#16, #17 और #18
एडिटर, म्यूजिक डायरेक्टर और म्यूजिक टीम
एडिटर का काम किसी भी फिल्म को एडिट यानी संपादित करने का होता है। यह क्षेत्र काफी बड़ा है, इसलिए इसमें अलग-अलग तरह के एडिटर शामिल होते हैं।
बात करें म्यूजिक डायरेक्टर की तो इस पर पूरी फिल्म के संगीत की जिम्मेदारी होती है। वह फिल्मों में शामिल गानों के संगीत का काम देखता है, वहीं म्यूजिक टीम में लिरिक्स राइटर, कंपोजर, गायक आदि शामिल होते हैं, जो निर्देशक की मदद से म्यूजिक वाले सीन शूट करते हैं।
जानकारी
अन्य विभाग
फिल्म की मार्केटिंग और उसके प्रमोशन का काम मार्केटिंग टीम देखती है, वहीं लीगल टीम फिल्म से जुड़े कानूनी मामले निपटाती है। स्पॉट बॉय की श्रेणी में वो लोग आते हैं, जो टीमों की मदद करने के लिए हमेशा सेट पर मौजूद रहते हैं।