राजेश खन्ना ने जब हाथों में ड्रिप लगाकर पूरी की शूटिंग, जानिए काका की अनसुनी बातें
हिंदी सिनेमा के सुपरस्टार राजेश खन्ना के स्टारडम की आज भी मिसाल दी जाती है। लड़कियों के बीच उनकी दीवानगी का आलम आज भी मशहूर है। 'कटी पतंग', 'आराधना', 'खामोशी' समेत हिंदी सिनेमा की 180 से ज्यादा फिल्मों में उन्होंने अभिनय किया था। उनका जन्म 29 दिसंबर, 1942 को हुआ था। प्रशंसक प्यार से उन्हें 'काका' बुलाते हैं। उनकी जयंती के मौके पर जानते हैं काका से जुड़ी कुछ रोचक और अनसुनी बातें।
शर्मिला टैगोर और काका ने साथ में शूट नहीं किया था यह गाना
'आराधना' फिल्म का गाना 'मेरे सपनों की रानी' काका से सबसे लोकप्रिय गीतों में शुमार है। शर्मिला टैगोर और खन्ना का यह गाना अपने दृश्यों के कारण यादगार है। कम ही लोगों को पता है कि यह गाना खन्ना और शर्मिला ने अलग-अलग लोकेशन पर फिल्माया था। दरअसल, शर्मिला को मुंबई में सत्यजीत रे की एक फिल्म की शूटिंग करनी थी। ऐसे में उन्होंने अपना भाग स्टूडियो में और खन्ना ने दार्जीलिंग में इसे फिल्माया था।
'आनंद' के लिए नहीं ली थी फीस
'आनंद' खन्ना की सबसे ज्यादा पसंद की जाने वाली फिल्मों में शुमार है। इस फिल्म में वह अमिताभ बच्चन के साथ नजर आए थे। एक इंटरव्यू में उनके करीबी दोस्त भूपेश रसीन ने खुलासा किया था कि राजेश ने मुफ्त में 'आनंद' के लिए काम किया था। जब फिल्म के निर्देशक ऋषिकेश मुखर्जी ने कहा कि वह फिल्म के लिए खन्ना को फीस देने में सक्षम नहीं हैं, तो अभिनेता ने मुफ्त में काम करने का फैसला किया था।
लगातार 15 हिट फिल्में देने का रिकॉर्ड
काका भारत के पहले और एकमात्र अभिनेता हैं, जिन्होंने एक के बाद एक लगातार 15 सोलो हिट फिल्में दी थीं। साल 1969 से 1971 में रिलीज हुईं उनकी फिल्में सुपरहिट रहीं। उनके इस रिकॉर्ड को आज तक कोई नहीं तोड़ पाया। काका की कामयाबी का ये दौर फिल्म 'आराधना' से शुरू होकर फिल्म 'हाथी मेरे साथी' तक जारी रहा। कहा जाता है कि उस दौर में लड़कियां काका की कार की धूल में मांग भरा करती थीं।
हनीमून पर दोस्तों को भी ले गए साथ
दोस्ती में भी काका एक मिसाल हैं। वह हमेशा अपने दोस्तों को तवज्जो देते थे। यहां तक कि 1973 में जब वह डिंपल कपाड़िया के साथ हनीमून पर गए तो वहां अपने दोस्त और फिल्म प्रोड्यूसर राज बाठीजा और उनकी पत्नी निर्मल और बलदेव पाठक को भी साथ ले गए थे। लंदन में हनीमून के दौरान डिंपल के जन्मदिन पर राजेश ने अमिताभ और जया बच्चन को भी बुलाया था।
एयर एंबुलेंस से आकर की थी आखिरी प्रोजेक्ट की शूटिंग
'बाबूमोशाय... जिंदगी बड़ी होनी चाहिए, लंबी नहीं,' काका ने यह संवाद सिर्फ बोला नहीं, बल्कि अपने जीवन में भी उतारकर दिखाया था। अपने आखिरी प्रोजेक्ट की शूटिंग के दौरान खन्ना काफी बीमार थे। उनके हाथों में ड्रिप लगी हुई थी, लेकिन उन्होंने शूटिंग स्थगित करने से मना कर दिया था। शूटिंग के लिए वह एयर एंबुलेंस से बेंगलुरु आए थे। उनके हाथों में ड्रिप लगी हुई थी, वह फिर भी रिहर्सल और डांस करने की कोशिश कर रहे थे।
आखिरी प्रोजेक्ट
काका का आखिरी प्रोजेक्ट एक पंखे का विज्ञापन था। इसे आर बाल्की ने निर्देशित किया था। 18 जुलाई, 2012 को खन्ना ने 69 साल की उम्र में मुंबई में आखिरी सांस ली थी। वह लंबे समय से कैंसर से पीड़ित थे।