बासु चटर्जी की इस लोकप्रिय फिल्म का बनेगा रीमेक, दिव्या दत्ता समेत नजर आएंगे ये कलाकार
क्या है खबर?
1986 में आई फिल्म 'एक रुका हुआ फैसला' को भारतीय सिनेमा की सबसे बड़ी कोर्टरूम ड्रामा फिल्म माना जाता है।
इस फिल्म को दर्शकों ने पसंद किया था तो इसे निर्देशक बासु चटर्जी की बेहतरीन फिल्मों में से एक माना जाता है।
अब खबर आ रही है कि निर्देशक दर्शन अश्विन त्रिवेदी इस फिल्म का रीमेक बनाने जा रहे हैं।
निर्माताओं की ओर से फिल्म की घोषणा कर शूटिंग शुरू होने की जानकारी भी दे दी गई है।
कहानी
कानून शोधकर्ताओं से मदद लेकर लिखी गई कहानी
'मारा पप्पा सुपरहीरो' और 'मृगतृष्णा' जैसी गुजराती फिल्मों के निर्देशक दर्शन का कहना है कि यह एक रोमांचक फिल्म है, जो किसी विरासत से कम नहीं है।
इस फिल्म के लिए उनकी सबसे बड़ी चुनौती मौजूदा समय में इसे नया नजरिया देना है।
निर्देशक ने बताया कि इस कानूनी ड्रामे को पर्दे पर बेहतरीन ढंग से दिखाने के लिए उन्होंने कानून शोधकर्ताओं से मदद ली है, जिसके बाद ही इसकी कहानी को तैयार किया गया है।
बदलाव
फिल्म में होगा यह बदलाव
'एक रुका हुआ फैसला' के रीमेक के निर्माता अनिल मेवाड़ा ने बताया कि फिल्म में ज्यादा बदलाव नहीं किया गया है।
उनका कहना कि फिल्म देखने के बाद ही उन्हें इसे आज के दर्शकों के लिए फिर से बनाने का विचार आया था। वह फिल्म की स्क्रिप्ट और सितारों के चयन से काफी खुश हैं।
साथ ही उन्होंने बताया कि रीमेक में बदलाव कर पुरुष जूरी सदस्यों के स्थान पर महिला सदस्यों को शामिल किया गया है।
कास्ट
ये सितारे होंगे फिल्म का हिस्सा
रिपोर्ट के आधार पर निर्माताओं ने फिल्म के ऐलान के साथ इसकी शूटिंग की तारीख भी बता दी है। कहा जा रहा है कि मुंबई में 10 दिसंबर से शूटिंग शुरू होने वाली है।
इसके अलावा फिल्म में अतुल कुलकर्णी, दिव्या दत्ता, विनीत कुमार जैसे शानदार कलाकार शामिल हैं। साथ ही दिब्येंदु भट्टाचार्य, सुविंदर विक्की, नीरज काबी, तनिष्ठा चटर्जी, कानी कुश्रुति, हेमंत खेर, संवेदना सुवालकर, ल्यूक केनी और मनु ऋषि भी इसका हिस्सा होंगे।
कहानी
ऐसी थी 'एक रुका हुआ फैसला' की कहानी
'एक रुका हुआ फैसला' 1957 में आई निर्देशक सिडनी ल्यूमेट की फिल्म '12 एंग्री मेन' का रीमेक है, जो रेजिनाल्ड रोज के इसी नाम के 1954 के टेलीप्ले का रूपांतरण थी।
इस फिल्म की कहानी एक लड़की की हत्या और रेप पर आधारित है। इस हत्या के मुकदमे पर 12 जूरी सदस्य बहस करते हैं, जिसमें से एक को दोषी के निर्दोष होने का अहसास है। ऐसे में वह सबको समझाने की कोशिश करता है कि लड़का निर्दोष है।