LOADING...
केआरके को कोर्ट की फटकार, कहा- फिल्म रिव्यू के नाम पर बदनाम करने का अधिकार नहीं
केआरके को कोर्ट ने दिया ये आदेश

केआरके को कोर्ट की फटकार, कहा- फिल्म रिव्यू के नाम पर बदनाम करने का अधिकार नहीं

Dec 20, 2025
03:22 pm

क्या है खबर?

मुंबई की एक अदालत ने खुद को सबसे बड़ा फिल्म समीक्षक बताने वाले कमाल राशिद खान को फिल्म निर्माता वाशु भगनानी के खिलाफ कोई भी अपमानजनक कंटेंट पोस्ट करने से अस्थायी रूप से रोक दिया है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि केआरके के पास किसी की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने का कोई अधिकार नहीं है, भले ही वो इसे फिल्म समीक्षा के नाम पर करें। अदालत ने ये फैसला वाशु की साल 2021 की शिकायत पर सुनवाई के दौरान सुनाया।

सुनवाई

कोर्ट ने केआरके को दिया ये आदेश

वाशु ने अपनी शिकायत में कहा था कि केआरके उनके खिलाफ जानबूझकर अपमानजनक और बदनाम करने वाले ट्वीट और वीडियो पोस्ट कर रहे हैं। निर्माता ने अदालत से कहा कि केआरके को उनके खिलाफ और कोई अपशब्द या बदनाम करने वाला कंटेंट पोस्ट करने से रोका जाए। अब कोर्ट ने केआरके को आदेश दिया है कि जो आरोप या बातें उन्होंने वाशु के खिलाफ कानूनी नोटिस में कही थीं और जो आपत्तिजनक हैं, उन्हें हटा दें या वापस ले लें।

सुनवाई

आजादी का मतलब किसी की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाना नहीं- कोर्ट

कोर्ट ने कहा, "आप अपनी राय दे सकते हैं, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि किसी दूसरे व्यक्ति की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाएं। आजादी का इस्तेमाल करते समय दूसरे की इज्जत का ध्यान रखना जरूरी है। अगर आप किसी फिल्म पर अपनी राय दे रहे है तो आप उसे पसंद या नापसंद बता सकते हैं, लेकिन फिल्म बनाने वाले के खिलाफ अपमानजनक कंटेंट नहीं डाल सकते। केआरके को इन नियमों का पालन करना चाहिए था, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया।"

Advertisement

आरोप

वाशु ने केआरके पर लगाया बेवजह बदनाम करने का आरोप

वाशु ने अदालत में कहा कि केआरे ने उनके खिलाफ बिना वजह और योजना बनाकर अपमानजनक पोस्ट और वीडियो शेयर किए, जिससे उन्हें बहुत तकलीफ और परेशानी हुई। इस पर केआरके ने अपनी सफाई में कहा कि ये शिकायत बेकार और गलत तथ्यों पर आधारित है। उन्होंने कहा कि एक फिल्म समीक्षक होने के नाते उनका काम केवल फिल्मों की समीक्षा करना और फिल्म इंडस्ट्री पर चर्चा करना है। केआरके बोले कि उन्होंने वाशु पर कोई व्यक्तिगत टिप्पणी नहीं की।

Advertisement

आदेश

फिल्म समीक्षा के नाम पर अपमान करने का हक नहीं

दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद अदालत ने पाया कि केआर के वाशु के खिलाफ किए गए ट्वीट और बयान वाशु की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा सकते हैं। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि किसी की इज्जत या नाम-शोहरत को बिना वजह नुकसान पहुंचाना गलत है, चाहे वो इसे फिल्म समीक्षा या अपनी राय के नाम पर क्यों न करे, इसलिए केआरके को अस्थायी रूप से आदेश दिया गया कि वो ऐसे अपमानजनक ट्वीट, वीडियो या बयान पोस्ट न करें।

Advertisement