'सर्कस' रिव्यू: कलाकारों की ओवर एक्टिंग ने डुबोई रोहित शेट्टी की फिल्म की नैया
क्या है खबर?
साल 2022 की आखिरी बड़ी फिल्म 'सर्कस' सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है।
इस साल रिलीज हुईं हिंदी फिल्म इंडस्ट्री की अन्य फिल्मों की ही तरह 'सर्कस' की कहानी भी काफी कमजोर है।
रोहित शेट्टी ने गुलजार जैसे दिग्गज निर्देशक की फिल्म 'अंगूर' से प्रेरित होकर यह फिल्म बनाई है। इतना ही नहीं यह शेक्सपीयर जैसे महान लेखक के नाटक 'कॉमेडी ऑफ एरर्स' पर आधारित है। इसके बावजूद यह कमाल नहीं दिखा पाई। क्यों? आइए जानते हैं।
कहानी
परवरिश की कहानी है फिल्म 'सर्कस'
फिल्म 'सर्कस' की शुरुआत बेंगलुरू के जमनादास अनाथालय से होती है।
खानदान नहीं परवरिश मायने रखती है, यह बात लोगों को समझाने के लिए एक डॉक्टर जुड़वा बच्चों की अदला-बदली कर दो अलग-अलग जोड़ी बना देता है और दोनों जोड़ियों को अलग-अलग दंपत्ति को सौंप देता है।
दोनों जुड़वा भाइयों का आमना-सामना कब होता है? कैसे होता है? क्या उन्हें डॉक्टर के इस एक्सपेरिमेंट के बारे में पता चलता है? इन सारे सवालों के जवाब फिल्म में मिलते हैं।
एक्टिंग
रणवीर-वरुण की ओवर एक्टिंग
'कॉमेडी ऑफ एरर्स' पर बनी फिल्म 'अंगूर' में संजीव कुमार और देवेन वर्मा ने जो कमाल दिखाया था, वह फिल्म 'सर्कस' में रणवीर सिंह और वरुण शर्मा नहीं दिखा पाए।
'राम और श्याम', 'सीता और गीता', 'चालबाज' आदि फिल्मों के जरिए दिलीप कुमार, श्रीदेवी, हेमा मालिनी जैसे कलाकारों ने डबल रोल का एक स्टैंडर्ड सेट किया था।
इस फिल्म की कमजोर पटकथा और रणवीर-वरुण की ओवर एक्टिंग की वजह से वे उन नायक-नायकियों के आस-पास तक फटक भी नहीं पाए।
किरदार
संजय मिश्रा ने बचाई फिल्म की लाज
रणवीर, वरुण, जैकलीन फर्नांडिस और पूजा हेगड़े की मौजूदगी में संजय मिश्रा और सिद्धार्थ जाधव अपने किरदारों में निखरे हैं।
संजय फिल्म की जान हैं तो सिद्धार्थ इस फिल्म की आत्मा। संजय और सिद्धार्थ की मौजूदगी वाला ऐसा कोई दृश्य नहीं था, जहां दर्शकों ने ठहाके न लगाए हों।
यूं तो रोहित ने दिग्गजों कलाकारों की फौज के सहारे हंसी को धार देने की कोशिश की, लेकिन अफसोस पूजा से लेकर जैकलीन तक हर कोई बेकार एक्टिंग का शिकार रहा।
स्पेशल अपीयरेंस
रोहित ने ऐसा किया फिल्म का कबाड़ा
फिल्म के पहले भाग में 'चेन्नई एक्सप्रेस' की मीनाम्मा के किरदार में दीपिका पादुकोण और दूसरे भाग में 'गोलमाल' सीरीज के गोपाल के किरदार में अजय देवगन की एंट्री होती है।
रोहित ने अपनी 'गोलमाल सीरीज', 'चेन्नई एक्सप्रेस' से 'सर्कस' काे कनेक्ट कर अपना यूनिवर्स बनाने के चक्कर में 'सर्कस' का कबाड़ा कर डाला, क्योंकि दीपिका के आने से न तो फिल्म की कहानी में कोई ट्वीस्ट आया और न दोनों फिल्मों का कनेक्शन समझ आया।
जानकारी
देखें या नहीं?
क्यों न देखें?: फिल्म की कहानी काफी बोरिंग है। यूं तो रोहित काफी बेहतरीन निर्देशक हैं, लेकिन फिल्म के कलाकारों की एक्टिंग और संवाद की वजह से यह उनकी अब तक की सबसे खराब फिल्म साबित हुई है। बता दें कि फिल्म में सर्कस तक को सही तरीके से नहीं दिखाया गया है।
क्यों देखें?: यदि आप संजय की एक्टिंग के कायल हैं तो आपको यह फिल्म देखनी चाहिए।
न्यूजबाइट्स हिंदी फिल्म 'सर्कस' को दो स्टार दे रहा है।
जानकारी
न्यूजबाइट्स प्लस
हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में डबल रोल का कल्चर पहली बार 1917 में रिलीज हुई फिल्म 'लंका दहन' में देखने को मिला था। इस फिल्म में अन्ना सालुंके ने डबल रोल निभाया था। वह फिल्म में हीरो और हीरोइन दोनों बने थे।
बता दें कि अभिनेता अमिताभ बच्चन को सबसे ज्यादा डबल रोल करने का खिताब हासिल है। उन्होंने 'आखिरी रास्ता', 'तूफान', 'सत्ते पे सत्ता', 'बेमिसाल', 'अदालत', 'सूर्यवंशम', 'बड़े मियां छोटे मियां', 'डॉन' समेत 12 फिल्मों में डबल रोल निभाया है।