चिराग पासवान ने कंगना रनौत पर की टिप्पणी, कहा- वह मेरी रोज ही क्लास लगाती
क्या है खबर?
कंगना रनौत बॉलीवुड में अभिनय के साथ ही अपने तेज तर्रार अंदाज के लिए भी पहचानी जाती हैं। कंगना कई सालों से बॉलीवुड में नेपोटिज्म का मुखर होकर विरोध करती रही हैं। वह कई बड़े सितारों पर खुलकर आरोप लगा चुकी हैं।
यही वजह है कि कंगना जितना अपनी फिल्मों के लिए चर्चा में रहती हैं, उतना ही अपने बयानों के कारण भी।
अब लोक जनशक्ति पार्टी के सांसद चिराग पासवान ने कंगना के अंदाज पर टिप्पणी की है।
खबर
कंगना के साथ इस फिल्म में नजर आए थे चिराग
चिराग ने 2011 की फिल्म 'मिले ना मिले हम' में कंगना के साथ काम किया था।
एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा, "अच्छा हुआ कि ये फिल्म मैंने कंगना के साथ उस वक्त की थी। अगर आज करता तो जिस तरह वह नेपोटिज्स के मुद्दे उठाती हैं, रोज मेरी ही क्लास लगती।"
तनवीर खान द्वारा निर्देशित यह एक रोमांटिक ड्रामा फिल्म थी। इसमें चिराग और कंगना के साथ नीरू बाजवा, सागरिका घटगे, पूनम ढिल्लों और कबीर बेदी भी नजर आए थे।
फिल्मों
अभिनय के फैसले को बताया बचपना
बॉलीवुड छोड़ने पर चिराग ने कहा कि यहां बिताए छोटे से समय में उनका नजरिया साफ हुआ कि उन्हें जीवन में क्या करना है।
उन्होंने कहा, "मैंने बॉलीवुड को नहीं छोड़ा, बॉलीवुड ने मुझे छोड़ा। मुझे लगता है, मैं इसके लिए नहीं बना था। जब मैं गया तो बचपने का एक शौक होता है, स्कूल कॉलेज में लोग आपको चढ़ा देते हैं कि अरे अच्छा बोलता है, अच्छा दिखता है, तुम्हें कोशिश करनी चाहिए।"
नेपोटिज्म
किसी बड़ी हस्ती का बेटा होना काबिलियत नहीं
चिराग ने नेपोटिज्म पर भी अपनी बात कही। उन्होंने कहा, "दोनों ही क्षेत्र में जनता ही आपका भाग्य तय करती है। इससे फर्क नहीं पड़ता कि आप सुपरस्टार के बेटे हैं, या प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति के, अगर जनता आपको पसंद नहीं करती... किसी बड़ी हस्ती का सुपुत्र या सुपुत्री होना आपका सौभाग्य हो सकता है, आपकी काबिलियत नहीं।"
कंगना भी नेपोटिज्म पर के खिलाफ लगातार बयान देती रहती हैं और कई बड़े सितारों की काबिलियत पर सवाल उठाती रहती हैं।
परिचय
रामविलास पासवान के बेटे हैं चिराग
चिराग पासवान बिहार के जमुई लोकसभा क्षेत्र से सांसद हैं। वह लोक जनशक्ति पार्टी के संस्थापक रामविलास पासवान के बेटे हैं।
2 साल पहले लोक जनशक्ति पार्टी में अपने ही चाचा पसुपति कुमार पारस द्वारा बगावत किए जाने के बाद उन्होंने पार्टी बचाने के लिए खूब संघर्ष किया था।
फिल्मों की बात करें तो कंगना के साथ 'मिले ना मिले हम' के बाद वह किसी खास भूमिका में नजर नहीं आए और बॉलीवुड छोड़कर राजनीति में हाथ आजमाने चले गए।