सलमान के अलावा अक्षय कुमार और अनुपम खेर की भी बढ़ाई गई सुरक्षा
सोशल मीडिया ट्रोलिंग बॉलीवुड सितारों के लिए नया नहीं है। हालांकि, बीते कुछ दिनों में ट्रोलिंग ने मानसिक उत्पीड़न और हिंसा का भी रूप ले लिया है। कई बॉलीवुड सितारों को अकसर सोशल मीडिया पर जान से मारने की धमकी मिलती है। इन धमकियों के मद्देनजर महाराष्ट्र सरकार ने कुछ सितारों की सुरक्षा पुख्ता करने का फैसला लिया है। महाराष्ट्र पुलिस सलमान खान को Y+ सुरक्षा देगी। अब अक्षय कुमार और अनुपम खेर की सुरक्षा भी बढ़ाई गई है।
अक्षय कुमार को मिली X श्रेणी की सुरक्षा
अक्षय को महाराष्ट्र सरकार ने X श्रेणी में सुरक्षा देने का फैसला किया है। बीते दिनों अक्षय पर उनकी नागिरकता के लिए सोशल मीडिया पर काफी निशाना साधा गया। ट्रोलिंग के साथ ही उन्हें जान से मारने की धमकी भी दी गई। अपनी राजनीतिक विचारधारा के कारण भी अक्षय लोगों के निशाने पर रहते हैं। इन धमकियों के कारण अक्षय को X सुरक्षा दी गई है। इसके तहत उनके साथ तीन पालियों में एक-एक सुरक्षाकर्मी तैनात रहेगा।
'द कश्मीर फाइल्स' के बाद अनुपम खेर को मिल रही थी धमकी
अनुपम भी उन अभिनेताओं में से हैं जो अपनी राजनीतिक विचारधारा के लिए लोगों की नफरत का सामना करते हैं। खासकर, उनकी फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' के बाद एक वर्ग का उनके प्रति गुस्सा अलग ही स्तर पर देखने को मिला। कश्मीरी पंडितों की हत्याओं पर आधारित इस फिल्म के बाद अनुपम को सोशल मीडिया पर तरह-तरह की धमकियां मिल रही थीं, जिसके बाद उनको भी X श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की जा रही है।
सलमान को भी बढ़ी सुरक्षा
मंगलवार को खबर आई थी कि सलमान को Y+ सुरक्षा दी जीएगी। सलमान को यह सुरक्षा लॉरेंस बिश्नोई के गैंग द्वारा दी गई जान से मारने की धमकी के बाद दी गई है।
क्या होती हैं सुरक्षा की ये श्रेणियां?
सुरक्षा की छह श्रेणियां होती हैं। X श्रेणी में एक सुरक्षाकर्मी, Y श्रेणी में एक सुरक्षाकर्मी यात्रा और पांच (पालियों में) घर के लिए होते हैं। Y+ श्रेणी में दो सुरक्षाकर्मी (चार अन्य पालियों में) यात्रा और एक (चार अन्य पालियों में) घर के लिए होते हैं। Z में छह यात्रा और 10 घर के लिए, वहीं Z+ में 10 यात्रा और 10 घर के लिए होते हैं। स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (SPG) सुरक्षा केवल प्रधानमंत्री के लिए होती है।
कैसे तय होता है, किसे देनी है सुरक्षा?
सुरक्षा की ये श्रेणियां किसे देनी हैं, यह राज्य सरकार या केंद्र सरकार तय कर सकती हैं। केंद्र के लिए यह निर्णय गृह मंत्रालय लेता है। राज्य सुरक्षा एजेंसियों या फिर इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) और रिसर्च ऐंड एनालिसिस विंग (RAW) द्वारा दी गई जानकारियों के आधार पर यह निर्णय लिया जाता है। ये सुरक्षा किसी उच्च पद पर तैनात व्यक्ति या फिर समाज में प्रतिष्ठित व्यक्ति को दी जाती है। आम बोलचाल में इसे VIP सिक्यॉरिटी कहते हैं।