अनुभव सिन्हा ने फिल्मों की सफलता पर कहा- इसका कोई ट्रेंड नहीं होता
निर्देशक अनुभव सिन्हा बीते कुछ सालों में सामाजिक समस्याओं पर बनीं अपनी फिल्मों के लिए सुर्खियों में रहते हैं। उनकी पिछली फिल्म 'भीड़' इस साल मार्च में आई थी। 'भीड़' कोरोना महामारी के दौरान लगे लॉकडाउन पर आधारित थी। इसमें राजकुमार राव और भूमि पेडनेकर मुख्य भूमिका में नजर आए थे। यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सफल नहीं हुई थी। अब सिन्हा ने समझाया है कि कैसे कोई भी फिल्मों की सफलता का तय सूत्र नहीं बना सकता है।
दर्शकों को क्या चाहिए, कोई नहीं जान सकता- सिन्हा
ई टाइम्स से बातचीत में सिन्हा ने बताया कि जिन फिल्मों में वह सिर्फ निर्माता की भूमिका निभा रहे होते हैं, उनमें वह हस्तक्षेप नहीं करते हैं। फिल्मों की सफलता-असफलता पर उन्होंने कहा, "दर्शकों को क्या चाहिए, वह किसी को कभी पता नहीं चलेगा। जो लोग कहते हैं कि उन्हें समझ आ गया है, वे झूठ बोल रहे हैं। लोगों ने सिनेमाघरों में 'ऊंचाई' और 'मिसेज चटर्जी वर्सेज नॉर्वे' क्यों देखी और 'जयेशभाई जोरदार' क्यों नहीं देखी?"
अच्छी फिल्म बनाने पर ध्यान देते हैं निर्देशक
सिन्हा ने आगे कहा कि उनके हाथ में सिर्फ यह है कि वे अपनी फिल्म के संदेश से समझौता किए बिना एक अच्छी और मनोरंजक फिल्म बनाएं। उन्होंने कहा, "अगर कोई फिल्म सिनेमाघरों में नहीं चली, लेकिन OTT पर उसे दर्शक मिले तो मैं यह कहूंगा कि दर्शकों ने इस बार सिनेमाघरों की बजाय OTT चुना। इससे कोई नियम तय नहीं होता है। कोई नियम नहीं होते, मैं समझता हूं कि कोई पैटर्न या ट्रेंड भी नहीं होता।"
सामाजिक मुद्दों पर बनी इन फिल्मों से बटोरी सुर्खियां
सिन्हा 'दस', 'कैश', 'रावन' जैसी मसाला फिल्में बना चुके हैं। उनकी सामाजिक फिल्मों की अलग लोकप्रियता है। तापसी पन्नू की फिल्म 'थप्पड़' के जरिए उन्होंने महिलाओं के सम्मान पर कड़ा संदेश दिया था। आयुष्मान खुराना की 'आर्टिकल 15' में उत्तर प्रदेश में दलित बच्चियों के साथ रेप और हत्या की घटना को दिखाया गया था। उत्तर प्रदेश सरकार पर सवालिया निशान लगाने वाली इस फिल्म के बाद उन्हें राष्टविरोधी कहा जाने लगा था।
ब्लैक एंड वाइट में रिलीज हुई थी 'भीड़'
सिन्हा के निर्देशन में बनी 'भीड़' में राजकुमार और भूमि , दीया मिर्जा, पंकज कपूर, आशुतोष राणा, वीरेंद्र सक्सेना, आदित्य श्रीवास्तव, कृतिका कामरा और करण पंडित फिल्म में शामिल हैं। सच्ची घटनाओं पर आधारित यह फिल्म लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों की समस्याओं पर आधारित थी। इस त्रासदी को दिखाने के लिए यह फिल्म ब्लैक एंड वाइट में रिलीज हुई थी। फिल्म में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आवाज शामिल करने पर विवाद भी हुआ था।